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शिक्षा सचिव का आदेश नहीं मानते डीएसइ

रांची: राज्य में नियमों को ताक पर रखकर शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यो में प्रतिनियुक्त किया गया है. विडंबना यह है कि शिक्षा विभाग के बाहरी अधिकारी भी इन शिक्षकों को बीडीओ, सीओ, एसडीओ कार्यालय में प्रतिनियुक्ति करते हैं. राज्य के कई जिलों में बीडीओ, सीओ, एसडीओ, आरडीडीइ, डीइओ जैसे अधिकारियों ने शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति […]

रांची: राज्य में नियमों को ताक पर रखकर शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यो में प्रतिनियुक्त किया गया है. विडंबना यह है कि शिक्षा विभाग के बाहरी अधिकारी भी इन शिक्षकों को बीडीओ, सीओ, एसडीओ कार्यालय में प्रतिनियुक्ति करते हैं. राज्य के कई जिलों में बीडीओ, सीओ, एसडीओ, आरडीडीइ, डीइओ जैसे अधिकारियों ने शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति की थी.

मानव संसाधन विकास विभाग के प्रधान सचिव के विद्यासागर ने सात मई को राज्य के जिला शिक्षा अधीक्षक, क्षेत्र शिक्षा पदाधिकारी व प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों के साथ बैठक की थी. बैठक में सभी जिला शिक्षा अधीक्षकों को निर्देश दिया गया था कि वे 15 दिनों के अंदर प्रतिनियुक्ति रद्द कर दें. 19 मई को झारखंड शिक्षा परियोजना कार्यालय में जिला शिक्षा अधीक्षक की हुई बैठक में इसकी समीक्षा की गयी. समीक्षा के दौरान पाया गया कि राज्य के अधिकांश जिलों में शिक्षा सचिव के आदेश को गंभीरता से नहीं लिया गया. कुछ जिलों ने प्रतिनियुक्ति समाप्त करने का पत्र जारी कर अपना काम पूरा समझ लिया.

सचिवालय में भी प्रतिनियुक्ति : प्राथमिक व मध्य विद्यालय के अलावा उच्च विद्यालय के शिक्षक भी वर्षो से प्रतिनियुक्ति पर हैं. श्री शिवनारायण मारवाड़ी प्लस टू उच्च विद्यालय के एक शिक्षक वर्षो से सचिवालय में प्रतिनियुक्त हैं. गिरिडीह जिले के एक शिक्षक डायट रांची में वर्षो से जमे हैं. पूर्व शिक्षा सचिव मृदुला सिन्हा द्वारा भी शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद्द करने को कहा गया था. इसके बाद भी शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति रद्द नहीं की गयी.

इन जिलों ने नहीं दी सूचना : गुमला, साहेबगंज, प. सिंहभूम, जामताड़ा, सरायकेला, लोहरदगा, पलामू, गढ़वा, लातेहार.

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