रेलवे लाइन के नीचे बन रही चांडिल नहर

रांची: स्वर्णरेखा प्रोजेक्ट का एक महत्वपूर्ण घटक है चांडिल नहर. इसके निर्माण के बाद करीब 70 हजार हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. जल संसाधन विभाग के अनुसार अभी 30 हजार हेक्टेयर जमीन पर ही सिंचाई सुविधा उपलब्ध है. चांडिल बायीं मुख्य नहर के रास्ते में हावड़ा-मुंबई रेलवे लाइन है. स्वर्णरेखा प्रोजेक्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 21, 2014 12:57 AM

रांची: स्वर्णरेखा प्रोजेक्ट का एक महत्वपूर्ण घटक है चांडिल नहर. इसके निर्माण के बाद करीब 70 हजार हेक्टेयर जमीन पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी. जल संसाधन विभाग के अनुसार अभी 30 हजार हेक्टेयर जमीन पर ही सिंचाई सुविधा उपलब्ध है.

चांडिल बायीं मुख्य नहर के रास्ते में हावड़ा-मुंबई रेलवे लाइन है. स्वर्णरेखा प्रोजेक्ट के प्रशासक श्रीनिवासन ने बताया कि नहर के 113वें किमी पर बहरागोड़ा के पास इस लाइन के नीचे से नहर गुजरेगी. दोहरी रेलवे लाइन में से अप लाइन के नीचे का काम पूरा हो गया है. वहीं डाउन लाइन के नीचे कार्य जारी है. गौरतलब है कि इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्र की एआइबीपी (त्वरित सिंचाई लाभ योजना) स्कीम के तहत पैसा मिल रहा है.

तालाबों का जीर्णोद्धार
राज्य भर में सरकार के 15,500 तालाब है. जल संसाधन विभाग के अनुसार एआइबीपी के पैसे से इनका जीर्णोद्धार व मरम्मत किया जा सकता है. सलाह दी गयी है कि मनरेगा के बजट का इस्तेमाल भी इसके लिए हो सकता है.

एक रुपया भी नहीं मिला
झारखंड सरकार एआइबीपी के 700 करोड़ रुपये में से एक रुपया भी नहीं ले सकी है. योजना आयोग के पूछे जाने पर विभागीय सचिव ने बताया था कि सेंट्रल वाटर कमीशन (सीडबल्यूसी) के रांची, पटना व दिल्ली कार्यालय से पूछताछ व इसके जवाब देने में ही ज्यादा वक्त जाया हो रहा है. इससे परियोजनाओं के अनुमोदन में ज्यादा वक्त लग रहा है.

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