सीएम ने युवकों को दिया मदद का भरोसा

रांची: दिग्दर्शन संस्थान से ठगी के शिकार 90 युवक-युवती शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने प्रोजेक्ट भवन पहुंचे. अपने सभा कक्ष में सीएम ने ठगी के शिकार युवक-युवतियों की व्यथा सुनी और आरोपियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. उन्होंने उनसे ठगी के संबंध में विस्तृत जानकारी ली. युवकों ने सीएम को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 5, 2014 1:00 AM

रांची: दिग्दर्शन संस्थान से ठगी के शिकार 90 युवक-युवती शुक्रवार को राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलने प्रोजेक्ट भवन पहुंचे. अपने सभा कक्ष में सीएम ने ठगी के शिकार युवक-युवतियों की व्यथा सुनी और आरोपियों पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया. उन्होंने उनसे ठगी के संबंध में विस्तृत जानकारी ली.

युवकों ने सीएम को बताया: सर.सरकार की नक्सल सरेंडर पॉलिसी की आड़ में हमलोगों को गुमराह कर फरजीवाड़ा किया गया था. संस्थान ने सीआरपीएफ और राज्य पुलिस के अफसरों की मिलीभगत से सरेंडर कराया.

युवकों के अनुसार उन्हें कुछ दिनों तक पुरानी जेल में रखा गया. युवकों ने कहा कि उन्हें पुलिस में नौकरी देने का लालच दिया गया था. इसके एवज में लाखों रुपये भी लिये गये थे. युवकों ने मुख्यमंत्री से कहा : अब भविष्य में उन्हें सरकारी नौकरी भी नहीं मिल सकती है, क्योंकि उनका नाम सरेंडर करनेवाले नक्सलियों की सूची में आ गया है. सरकारी फाइलों में उन्हें नक्सली माना जा रहा है. मुख्यमंत्री ने इस मामले में कार्रवाई के लिए युवकों को स्पेशल ब्रांच के एडीजी रेजी डुंगडुंग के पास भेजा. श्री डुंगडुंग ने इस मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया. उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के आदेश पर सरकार पूरे मामले की सीबीआइ जांच की अनुशंसा कर चुकी है.

रोजगार के अवसर देंगे
ठगी के शिकार हुए युवाओं से मुख्यमंत्री ने कहा कि आप लोग यदि सूझ-बूझ से काम लेते, तो ठगी के शिकार नहीं होते. सरकार युवाओं को स्वरोजगार का अवसर प्रदान करने के लिए कई योजनाएं चला रही है. आप उन योजनाओं का लाभ उठाएं. दिक्कत हो, तो संपर्क करें. सरकार हर संभव सहयोग करने को तैयार है. मुख्यमंत्री ने युवाओं से कहा कि मैं आप सभी की भावनाओं को समझता हूं. आपके प्रति पूरी सहानुभूति है. आपका भविष्य उज्जवल हो, इसके लिए सरकार हर संभव कोशिश करेगी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि युवकों की जिलावार सूची तैयार कर मदद करें. सरकारी योजनाओं में भी इन्हें प्राथमिकता दी जाये.

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