दहेज हत्या के मामले में पति को आजीवन कारावास
दहेज के लिए व कुरूप बताकर विवाहिता को प्रताड़ित करने का मामला दो बच्चे के साथ जलकर मर गयी थी वहिदा खातून गढ़वा : गढ़वा व्यवहार न्यायालय में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजीत कुमार की अदालत में गुरुवार को दहेज के लिए हत्या करने के आरोप में डंडई थाना के सोनेहारा गांव निवासी उमेर […]
दहेज के लिए व कुरूप बताकर विवाहिता को प्रताड़ित करने का मामला
दो बच्चे के साथ जलकर मर गयी थी वहिदा खातून
गढ़वा : गढ़वा व्यवहार न्यायालय में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अजीत कुमार की अदालत में गुरुवार को दहेज के लिए हत्या करने के आरोप में डंडई थाना के सोनेहारा गांव निवासी उमेर अंसारी को आजीवन कारावास एवं 50 हज़ार रुपये जुर्माना की सजा सुनायी गयी है. विदित हो कि भवनाथपुर थाना के मकरी निवासी शमसुद्दीन अंसारी ने डडई थाना में एक लिखित आवेदन दिया था. आवेदन में शमशुद्दीन ने कहा था कि उनकी लड़की की शादी उमेर अंसारी के साथ 2008 में हुई.
शादी के कुछ ही दिन बाद उसकी बेटी को सांवले रंग का कहकर उसके ससुराल वाले प्रताड़ित करने लगे. साथ ही दहेज में एक लाख रुपये की मांग करने लगे. घटना के पूर्व में 50 हजार रुपये ससुरालवालों को दिया गया. 17 अगस्त 2014 को उमेर अंसारी ने सुबह में फिरोज अहमद के मोबाइल पर सूचना दिया कि आपकी लड़की वहिदा खातून ने जहर खा लिया है. इस पर वह मौके पर पहुंच कर देखा कि उसकी बेटी जली हुई है. साथ में उसके दो बच्चे भी जले हुए हैं.
इस आशय की सूचना पर डडई पुलिस ने भादवि की धारा 498(A), 302, 201, 34 एवं 3/4 दहेज निषेध अधिनियम के तहत उमेर अंसारी, मुसाहेब अंसारी एवं ज़ुबान बीबी के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की और उमेर अंसारी को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया था. बाद में अनुसंधान के क्रम में मुसाहिब अंसारी एवं जुबैन बीबी ने ही न्यायालय में आत्मसमर्पण किया. उसके बाद पुलिस ने तीनों के विरोध में आरोप पत्र समर्पित किया था. न्यायालय द्वारा उमेर अंसारी को दोषी करार देते हुए जेल भेज दिया, जबकि मुसाहिब अंसारी एवं जुबैन बीबी को निर्दोष पाते हुए बरी किया गया.