8.7 लाख लूटकांड में इरबा में छापेमारी, एक एजेंट हिरासत में

रांची : लालपुर थाना क्षेत्र के पारिजात होटल के समीप सब्जी कारोबार से जुड़े दो एजेंट से हथियार के बल पर 8.7 लाख लूटकांड मामले में पुलिस खुलासे के करीब पहुंच चुकी है. पुलिस ने लूटकांड में शामिल दो अपराधियों की पहचान कर ली है. बताया जाता है कि दोनों इरबा के रहनेवाले हैं, जिनकी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 27, 2019 1:06 AM

रांची : लालपुर थाना क्षेत्र के पारिजात होटल के समीप सब्जी कारोबार से जुड़े दो एजेंट से हथियार के बल पर 8.7 लाख लूटकांड मामले में पुलिस खुलासे के करीब पहुंच चुकी है. पुलिस ने लूटकांड में शामिल दो अपराधियों की पहचान कर ली है. बताया जाता है कि दोनों इरबा के रहनेवाले हैं, जिनकी तलाश में छापेमारी भी की, लेकिन दोनों घर से फरार मिले. हालांकि पुलिस दोनों के अन्य संभावित ठिकाने पर छापेमारी कर रही है, ताकि उनको गिरफ्तार कर रुपये बरामद किये जा सके.

खबर यह भी है कि घटना को अंजाम देने में वारदात के समय ऑटो में सवार एक एजेंट का हाथ था. उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया है. जिसके आधार पर घटना में शामिल दोनों अपराधियों की पहचान हुई है. लूटपाट का शिकार एजेंट यूसूफ और एनामुल के पास अधिक रुपये होने उनके ऑटो में सवार होने की जानकारी तीसरे एजेंट के जरिये ही दोनों अपराधियों को मिली थी. हालांकि इस बात कि पुष्टि अभी पुलिस ने अाधिकारिक रूप से नहीं की है.
उल्लेखनीय है कि दोनों एजेंट सब्जी कारोबारियों का पैसा लेकर कोलकाता से लौट रहे थे और नामकुम स्टेशन पर शुक्रवार की सुबह उतरे थे. उनके साथ एक और एजेंट नसीम भी था. उन्होंने रातू रोड जाने के लिए नामकुम से ऑटो लिया था.
जब तीनों ऑटो से पारिजात होटल के समीप करीब सात बजे पहुंचे, तब बाइक सवार अपराधियों ने ऑटो को ओवरटेक कर रोक लिया और हथियार के बल पर युसूफ से 3.50 लाख और एनामुल से 4.57 लाख रुपये लूट लिये. घटना के दौरान विरोध करने पर अपराधियों ने गोली मारने की धमकी भी दी थी. घटना के बाद दोनों एजेंट ने इस बात की तत्काल सूचना पुलिस को नहीं दी और नगड़ी चले गये. वहां सब्जी व्यवसायियों से संपर्क कर उन्हें घटना की जानकारी दी. इसके बाद मामले में शिकायत दर्ज कराने दिन में लालपुर थाना पहुंचे.
इधर, घटना की जानकारी मिलने के बाद आरंभिक जांच में ही पुलिस को संदेह हो गया था कि घटना को अंजाम दिलाने या अपराधियों को सहयोग करने के पीछे ऑटो में सवार किसी का हाथ हो सकता है. क्योंकि ऑटो में चालक सहित पांच लोग सवार थे. लेकिन अपराधियों में सिर्फ दो एजेंट के साथ लूटपाट की. इसके अलावा किसी को अपना निशाना नहीं बनाया. इस बिंदु पर जांच के दौरान पुलिस को अपराधियों के बारे में सुराग मिला था.

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