झारखंड: सूखे की आशंका को लेकर मुख्यमंत्री ने की बैठक, दिया निर्देश

झारखंड : सूखे की आशंका को लेकर मुख्यमंत्री ने की बैठक, दिया निर्देश सुखाड़ की घोषणा के लिए 31 जुलाई तक इंतजार करेगी सरकार किसानों को राहत देने की पूरी तैयारी गढ़वा, पलामू चतरा व रामगढ़ में मनरेगा की धीमी प्रगति पर मुख्यमंत्री ने जतायी नाराजगी रांची : राज्य में सुखाड़ की आशंका को देखते […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2014 5:14 AM

झारखंड : सूखे की आशंका को लेकर मुख्यमंत्री ने की बैठक, दिया निर्देश

सुखाड़ की घोषणा के लिए 31 जुलाई तक इंतजार करेगी सरकार

किसानों को राहत देने की पूरी तैयारी

गढ़वा, पलामू चतरा व रामगढ़ में मनरेगा की धीमी प्रगति पर मुख्यमंत्री ने जतायी नाराजगी

रांची : राज्य में सुखाड़ की आशंका को देखते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने गुरुवार को प्रोजेक्ट भवन में अधिकारियों के साथ उच्च स्तरीय बैठक की. बैठक में तय किया गया कि सुखाड़ की घोषणा के लिए सरकार 31 जुलाई तक इंतजार करेगी. केंद्र सरकार की ओर से बनायी गयी शर्तो के अनुसार, 31 जुलाई तक की बारिश की स्थिति को देखने के बाद ही राज्य में सुखाड़ की घोषणा की जा सकती है.

बैठक में मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को गढ़वा, चतरा और पलामू के लिए विशेष पैकेज तैयार रखने का निर्देश दिया, ताकि विपरीत परिस्थिति में इन जिलों के किसानों को राहत दी जा सके. मुख्यमंत्री ने कहा, स्थिति जो भी हो, आमतौर पर इन तीनों जिलों में कम बारिश होती है.

अपेक्षाकृत कम बारिश : बैठक में अधिकारियों ने कहा : राज्य में हालांकि अपेक्षाकृत कम बारिश हुई है. इसके बावजूद केंद्र की शर्तो के अनुसार, 31 तक इंतजार करना होगा. मौसम वैज्ञानिकों ने कहा कि झारखंड के ऊपर बारिश के लक्षण दिखाई दे रहे हैं. जल्द ही मूसलधार बारिश होने की संभावना जतायी गयी है. मुख्यमंत्री एक अगस्त को फिर से बैठक कर राज्य में बारिश की स्थिति और सुखाड़ की जानकारी लेंगे. बताया गया कि अगर कम बारिश हुई, तो इस बैठक में राज्य में सुखाड़ की घोषणा की जा सकती है.

सभी प्रखंडों के लिए अलग-अलग योजना बनाने का निर्देश

मुख्य सचिव ने बताया : झारखंड में आरंभ से ही देखा जा रहा है कि शुरुआत में कम बारिश होती है. पर चिंता बिचड़े के सूख जाने की है. मुख्यमंत्री ने सुखाड़ की स्थिति से निबटने के लिए सभी प्रखंडों की परिस्थितियों के अनुसार अलग-अलग योजना बनाने का निर्देश दिया है. प्रखंडवार डिटेल मंगाया गया है. वैकल्पिक खेती के लिए पूर्व से ही बीज खरीदने के आदेश दिये गये हैं. उन्होंने कहा : दुख की बात है कि मनरेगा भी फेल है. लालफीताशाही की वजह से ऐसा हुआ है. आपदा प्रबंधन विभाग भी तैयार है. किसानों को राहत की पूरी तैयारी है. अभी झारखंड में खतरे की स्थिति नहीं है.

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