रांची : रांची पुलिस ने दो साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही गोंदा थाना क्षेत्र में हुई 25,000 रुपये की ठगी का खुलासा हो गया है. पकड़े गये साइबर अपराधियों के पास से 20 पेटीएम कार्ड, 20 फर्जी सिम, 5 मोबाइल फोन और 15,100 रुपये नकद बरामद हुए हैं. हालांकि, इनके चार साथी अब भी फरार हैं. ये शातिर अपराधी अपने शिकार से ओटीपी मांगे बगैर उनके अकाउंट से रुपये उड़ा लेते थे.
रांची के एसएसपी अनीस कुमार गुप्ता ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जानकारी दी. श्री गुप्ता ने बताया कि गिरफ्तार अभियुक्तों के नाम विवेक कुमार मंडल और आमिर खुसरो हैं. विवेक जामताड़ा जिला के फतेहपुर का रहने वाला है, जबकि आमिर देवघर के पालाजोरी का.
फरार अभियुक्तों के नाम सुशांत दास, शमीम अंसारी, फरीद अंसारी और वसीम अंसारी हैं. सुशांत कोलकाता का रहने वाला है, जबकि बाकी तीन देवघर के पालाजोरी के रहने वाले हैं. एसएसपी ने कहा कि फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापामारी की जा रही है, जल्द ही इन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जायेगा.
एसएसपी ने बताया कि चार जून, 2019 को कांके रोड के सत्या इन्क्लेव में रहने वाले सतेंद्र किशोर के खाते से साइबर क्राइम गैंग ने 25,000 रुपये उड़ा लिये थे. इस सिलसिले में गोंदा थाना में 9 जून, 2019 को केस (सं. 61/2019) दर्ज कराया गया था. गोंदा थाना की पुलिस ने आइपीसी की धारा 419/420 और आइटी एक्ट की धारा 66(सी)/66(डी) के तहत मुकदमा दर्ज कर केस की जांच शुरू की.
वरीय अधिकारियों के आदेश पर साइबर डीएसपी यशोधरा के नेतृत्व में 7 सदस्यीय छापामारी दल का गठन किया गया. इसमें साइबर सेल के पुलिस निरीक्षक नीतीश कुमार, आरक्षी दीपक कुमार, संदीप कुमार, कमलेश कुमार ठाकुर के अलावा गोंदा थाना के पुलिस अवर निरीक्षक सुनील कुमार पांडेय और आरक्षी विफे उरांव को शामिल किया गया.
जांच के दौरान पुलिस को मालूम हुआ कि उज्ज्वल उर्फ विवेक कुमार के पेटीएम खाते में अनधिकृत रूप से पैसे ट्रांसफर हुए हैं. इसी सूचना के आलोक में एसएसपी रांची के निर्देश पर विशेष टीम ने छापामारी शुरू की. गुप्त सूचना के आधार पर जामताड़ा जिला के फतेहपुर से उज्ज्वल उर्फ विवेक कुमार मंडल को गिरफ्तार किया गया. उसके पास से प्री-एक्टिवेटेड सिम बरामद हुए. पूछताछ में उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया.
उज्ज्वल उर्फ बबलू ने पुलिस को बताया कि देवघर जिला के पालाजोरी थाना अंतर्गत बांधडीह गांव का अमिर खुसरो 6,000 रुपये में सिम कार्ड और पेटीएम का एटीएम कार्ड उपलब्ध कराता है. इस सिम कार्ड को उज्ज्वल अन्य साइबर क्रिमिनल्स को 8,000 रुपये में बेच देता है. उज्ज्वल के कहने पर पुलिस ने कार्रवाई करते हुए अमिर खुसरो को भी गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से भारी मात्रा में प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड बरामद हुए. अमिर खुसरो को ये सिम कार्ड कोलकाता के साइबर अपराधियों ने उपलब्ध कराये थे.
उज्ज्वल और अमिर ने साइबर क्राइम में शामिल अपने गिरोह के अन्य सभी सदस्यों के नाम बता दिये. उनके द्वारा दी गयी जानकारी के आधार पर पुलिस जगह-जगह छापामारी कर रही है.
सावधान! साइबर अपराधी ऐसे बनाते हैं शिकार
साइबर अपराधी फोन करके खुद को बैंक का अधिकारी बतायेंगे. कहेंगे कि केवाइसी/एटीएम एक्टिवेट करने के लिए AnyDesk App को गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड करें. इसके बाद पीड़ित के मोबाइल को रिमोट पर ले लेते हैं. इसकी मदद से वे बैंक से आने वाले तमाम ओटीपी हासिल कर लेते हैं. इसलिए उन्हें ओटीपी के बारे में जानकारी लेने की भी जरूरत नहीं होती. आपको बता दें कि AnyDesk App रिमोट कंट्रोल एप्लिकेशन है. इसलिए अपराधियों के लिए इस ऐप के जरिये शिकार बनाना बहुत आसान हो जाता है.
ज्ञात हो कि जनवरी, 2019 में भारतीय रिजर्व बैंक ने एक एडवाइजरी जारी की थी, जिसमें कहा गया था कि किसी के कहने पर कोई भी उपभोक्ता Any Desk App को डाउनलोड न करें. खासकर यदि कोई फोन पर आपको निर्देश देकर इसे डाउनलोड करने के लिए कहे.