बिना ईंधन व डीजल के चलनेवाला ट्रैक्टर इलाके में बना चर्चा का विषय
गम्हरिया : इंसान अगर कुछ करने की ठान ले, तो उसके लिए कोई भी काम असंभव नहीं होता. गम्हरिया प्रखंड की रपचा पंचायत अंतर्गत मुर्गाघुटू के 20 वर्षीय युवा किसान टिंकू नायक ने भी अपनी सोच को डेवलप कर एक ऐसी वस्तु बनायी, जिससे वह क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है.
खेत जोतने के लिए लकड़ी से बनायी गयी माइक्रो ट्रैक्टर को देखने के लिए इस युवा किसान के घर व खेत में लोगों की भीड़ उमड़ने लगी है.महज चार सौ रुपये खर्च कर बनाया माइक्रो ट्रैक्टर: माइक्रो ट्रैक्टर बनाने के लिए उसने बाजार से लकड़ी व कुछ लोहे का रड, चक्का व हल लाया. फिर अपनी बुद्धि और जुगाड़ टेक्नोलॉजी से ट्रैक्टर बना दिया. इसके लिए उसे मात्र चार सौ रुपये खर्च करने पड़े.
आर्थिक परेशानी की वजह से छोड़ी पढ़ाई: चार वर्ष पूर्व घर में आयी आर्थिक परेशानी की वजह से टिंकू नौवीं कक्षा में ही अपनी पढ़ाई छोड़ कृषि कार्य में लग गया. उसके पिता महादेव नायक भी उसके कृषि कार्य में सहयोग करते हैं. दो भाइयों में टिंकू छोटा है. बड़ा भाई कंपनी में मजदूरी करता है.
क्या है खास
– लकड़ी, रड, चक्का से बना डाला ट्रैक्टर
– एक घंटे में लगभग 10 कट्टा जमीन की होती है जुताई
समय और पैसे की हो रही बचत
टिंकू के पिता महादेव नायक ने बताया कि पुत्र द्वारा माइक्रो ट्रैक्टर बनाये जाने के बाद उनका अतिरिक्त खर्च व समय भी बच रहा है. माइक्रो ट्रैक्टर में ईंधन या डीजल की कोई जरूरत नहीं होती.
टिंकू ने बताया कि उक्त माइक्रो ट्रैक्टर से एक घंटे में करीब दस कट्ठा जमीन जोत लिया जाता है. उसने बताया कि वह अपने ट्रैक्टर में मशीन लगाने की सोच रहा है, ताकि खेत जोतने में उसे किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े.