17 से बंद हो सकता है बोकारो स्टील प्लांट
बोकारो : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) का बोकारो इस्पात कारखाना कच्चे माल की कमी से बंद होने के कगार पर पहुंच गया है. सेल के रॉ मैटीरियल डिवीजन की ओर से संचालित झारखंड के किरिबुरू, मेघाहातुबुरू, गुआ व चिरिया स्थित खदानों से बोकारो इस्पात कारखाने के लिए लौह अयस्क और तुलसीदामर से डोलोमाइट […]
बोकारो : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) का बोकारो इस्पात कारखाना कच्चे माल की कमी से बंद होने के कगार पर पहुंच गया है. सेल के रॉ मैटीरियल डिवीजन की ओर से संचालित झारखंड के किरिबुरू, मेघाहातुबुरू, गुआ व चिरिया स्थित खदानों से बोकारो इस्पात कारखाने के लिए लौह अयस्क और तुलसीदामर से डोलोमाइट आता है.खदानों के इस्तेमाल के लिए राज्य सरकार का आदेश और पर्यावरण व वन मंत्रलय का फॉरेस्ट क्लीयरेंस जरूरी होता है.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, एमएमडीआर एक्ट 1957 की धारा 8 (3) के तहत माइनिंग लीज का द्वितीय नवीकरण अनिवार्य है. सेल की इन खदानों का फॉरेस्ट क्लीयरेंस 13 अगस्त 2014 तक के लिए ही वैध है. अगर झारखंड सरकार लीज नवीकरण का आदेश नहीं देती है, तो फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिलेगा. इससे एक सप्ताह बाद खनन रोकना पड़ेगा. इसका सीधा मतलब यह हुआ कि राज्य सरकार के सकारात्मक निर्णय के अभाव में बीएसएल कारखाना 10 दिन यानी 17 अगस्त के बाद बंद करना पड़ेगा.
बोकारो की अर्थव्यवस्था का केंद्र है बीएसएल
अपने अस्तित्व के पांच दशकों में 100 मिलियन टन से अधिक इस्पात बना चुका बोकारो इस्पात कारखाना देश के अग्रणी समतल इस्पात उत्पादकों में गिना जाता है. बीएसएल झारखंड के चौथे सबसे बड़े शहर की अर्थव्यवस्था का केंद्र और हजारों परिवारों की प्रत्यक्ष या परोक्ष आजीविका का आधार है. सेल ने बीएसएल के विस्तारीकरणऔर साथ ही झारखंड स्थित खदानों के आधुनिकीकरण व परिक्षेत्रीय विकास के लिए निवेश की व्यापक योजनाएं बनायी हैं.
– लीज नवीकरण नहीं हुआ, तो 13 अगस्त के बाद बंद हो जायेगा खनन
– प्लांट को नहीं मिल पायेगा कच्चा माल
दिया जा चुका है आवेदन
सेल की झारखंड स्थित खदानों के लीज नवीकरण का आवेदन सही प्रक्रिया के तहत समय पर दिया जा चुका है. सूत्रों की मानें, तो इस्पात मंत्रलय व सेल के कई अधिकारियों ने सरकार के संबद्घ विभागों से लीज नवीकरण का अनुरोध किया है. पर सरकार की ओर से कोई सकारात्मक संकेत नहीं मिल रहे हैं.