झारखंड ने दी चेतावनी : हम भी रोक देंगे कोयला व सब्जी

बंगाल से आपूर्ति पर रोक के बाद कृषि मंत्री ने कहा रांची : पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से आलू की आपूर्ति पर रोक लगाये जाने के बाद झारखंड में आक्रोश बढ़ गया है. राज्य के कृषि मंत्री योगेंद्र साव ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के कृषि मंत्री से फोन पर बात की. उन्होंने आलू […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 9, 2014 4:52 AM

बंगाल से आपूर्ति पर रोक के बाद कृषि मंत्री ने कहा

रांची : पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से आलू की आपूर्ति पर रोक लगाये जाने के बाद झारखंड में आक्रोश बढ़ गया है. राज्य के कृषि मंत्री योगेंद्र साव ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल के कृषि मंत्री से फोन पर बात की. उन्होंने आलू की आपूर्ति नहीं रोकने का आग्रह किया.

उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर पश्चिम बंगाल की सरकार नहीं मानती है, तो झारखंड से भी कोयले और हरी सब्जियों की आपूर्ति रोक दी जायेगी. इस बीच खाद्य आपूर्ति मंत्री लोबिन हेंब्रम ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने भी आलू की आपूर्ति नहीं रोकने का आग्रह किया है. उन्होंने अपने पत्र में आग्रह किया है कि आम आदमी के खाद्य पदार्थ की आवक न रोकें. इससे राज्य में आलू की कीमत में वृद्धि होगी.

व्यापारियों को मिलनी चाहिए सुविधा : कृषि मंत्री योगेंद्र साव ने बताया : प बंगाल के कृषि मंत्री से कहा गया है कि झारखंड, बिहार सभी भारत का हिस्सा है. व्यापारियों को कहीं भी व्यापार करने की सुविधा मिलनी चाहिए. पश्चिम बंगाल सरकार ने इस दिशा में कोई पहल नहीं की, यहां से कोयला और हरी सब्जी भेजना बंद कर दिया जायेगा.

उन्होंने बताया : बातचीत के दौरान बंगाल के कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में आलू की कीमत में असामान्य उछाल के कारण सरकार ने यह निर्णय लिया है. उन्होंने आश्वस्त किया कि इस मामले में वह मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात करेंगे.

झारखंड ने दी चेतावनी

बढ़ रही हैं कीमतें

बंगाल की ओर से आलू की आपूर्ति रोके जाने पर झारखंड में इसकी कीमतें बढ़ रही हैं. इससे आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा रहा है. रांची के बाजार में लाल आलू की किल्लत हो गयी है. सफेद आलू 28 से 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है.

विभाग ने तय नहीं किया स्टॉक लिमिट

विभाग ने अब तक थोक व खुदरा व्यापारियों के लिए आलू का स्टॉक लिमिट तय नहीं किया है, जबकि केंद्र सरकार ने माह भर पहले ही ऐसा करने का निर्देश सभी राज्य सरकारों को दिया था. पहले खाद्य आपूर्ति विभाग ने कहा था कि कृषि विभाग को स्टॉक लिमिट तय करनी है. बाद में विभाग ने स्वीकारा कि यह काम उसका है. पर अभी भी इसकी प्रक्रिया ही चल रही है.

इस संबंध में एक विभाग के उप सचिव राजकुमार चौधरी ने कहा : स्टॉक लिमिट तय करने के लिए बैठक बुलायी जायेगी. इसमें कृषि बाजार समिति के अधिकारियों को बुलाया जायेगा. इसकी तारीख तय नहीं हुई है.

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