निष्पक्षता है इसकी पहचान
अमृत कुमार मेट प्रभात खबर अपने नारे ‘अखबार नहीं, आंदोलन’ को सचमुच चरितार्थ करता है. मैं 1984 से प्रभात खबर का नियमित ग्राहक हूं. किसी भी अखबार का उद्देश्य समाज को जागरूक करना है. समाज के निचले स्तर से लकर सरकार तक को. अपने समाचारों की निष्पक्षता के कारण ही प्रभात खबर ने लोगों को […]
अमृत कुमार मेट
प्रभात खबर अपने नारे ‘अखबार नहीं, आंदोलन’ को सचमुच चरितार्थ करता है. मैं 1984 से प्रभात खबर का नियमित ग्राहक हूं. किसी भी अखबार का उद्देश्य समाज को जागरूक करना है. समाज के निचले स्तर से लकर सरकार तक को. अपने समाचारों की निष्पक्षता के कारण ही प्रभात खबर ने लोगों को जागरूक करने में सफलता पायी है. झारखंड में सर्वाधिक प्रसारित इस दैनिक अखबार में राजनीति से लेकर सामाजिक, आर्थिक, राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय, क्षेत्रीय, ग्रामीण, समसामयिक घटनाओं, सांप्रदायिकता एवं अन्य गतिविधियों की सूक्ष्म अध्ययन की जानकारी मिल रही है. क्षेत्रीय खबरें भी जागरूक करनेवाली होती हैं. प्रभात खबर में सुदूर ग्रामीण क्षेत्र के सभी समाचारों का समावेश मैंने पायाहै. इसे अगर समाज में जमीन से जुड़ा हुआ अखबार कहें, तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए.
प्रभात खबर का संपादकीय काफी रोचक और लाभदायक है. विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्र एवं अन्य लोग भी इससे लाभान्वित हो रहे हैं. प्रभात खबर जन समस्याओं के प्रति काफी संवेदनशील है. यदि प्रशासन व सरकार किसी जन समस्या के प्रति अक्षमता या प्रयास में कमी रखते हैं, तो ऐसे विषयों को प्रभात खबर मुखरता से उठा कर सरकार व प्रशासन को जन समस्याओं के प्रति ज्यादा संवेदनशील बनाता है. समय-समय पर इसका प्रभाव देखने को मिला है.
जैसे देवघर भूमि घोटाला का मामला हो या जेपीएससी में नियुक्ति में धांधली का मामला या मनरेगा से संबंधित मामला हो. अन्य संवेदनशील मामलों को भी प्रभात खबर ने समाज के सामने उछाला है. इस तरह की समस्याओं को उजागर कर समाज में एक अच्छी सोच पैदा की है, ताकि किसी के साथ अन्याय न हो. निष्पक्षता प्रभात खबर की पूंजी रही है. अत: मेरा विचार है कि पाठकों ने अखबार पर जो विश्वास रखा है, उसे निष्पक्ष रहते हुए बनाये रखें.
साथ ही जो समस्याएं उजागर की हैं, उनके समाधान के लिए प्रयास जारी रखें. झारखंडकी विभिन्न योजनाओं से संबंधित सूचनाएं जिससे लोग लाभान्वित हो रहे हैं, इसकी जानकारी भी हो. क्षेत्र में कोई भी छात्र यदि प्रतियोगी परीक्षा में सफल होता, तो उसका अलग से एक स्तंभ निकाला जाये. जिसमें उसका साक्षात्कार हो. इससे छात्र प्रतियोगी परीक्षाओं में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेंगे. मैंने अखबार में पाया है कि हर बात को पूरी विश्वनीयता के साथ रखते हुए इसने लोगों को लाभ पहुंचाने का काम किया है. आज खुशी इस बात की भी है कि लंबे संघर्षो के बाद प्रभात खबर 30 वर्ष पूरा कर रहा है.
लोगों की रग-रग में यह अखबार बसा हुआ है. यहां तक कि बिहार व बंगाल में भी इस अखबार की अपनी एक अलग विश्वनीयता व पहचान है, लेकिन झारखंड की धरती के लिए यह अखबार विकास के अग्रदूत के रूप में जाना जाता है. मैंने कई बार देखा है कि विपक्ष की भूमिका निभाने में भी इसने कोई कसर नहीं छोड़ी है. मुझे उम्मीद है कि जिस प्रकार 30 वर्षो से प्रभात खबर ने अपनी छवि सुंदर एवं स्वच्छ बना कर रखी है, उसी प्रकार आने वाले दिनों में भी अपनी गरिमा बना कर रखेगा. विज्ञापन अपने स्थान पर है, लेकिन जन आकांक्षाओं से जुड़े समाचार लगातार प्रकाशित होते रहें. शिक्षा जगत पर भी अखबार फोकस करते हुए जो काम करता आया है, भविष्य में भी ऐसा हो. अखबार दीर्घायु होकर झारखंड की तकदीर व तसवीर बदलने में अहम भूमिका निभाये.
(लेखक राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय, लुदाम, रायडीह मेंप्रधानाध्यापक हैं.)