रंजीत सिंह उर्फ रकीबुल पर चलेगा रेप का केस

तारा शाहदेव प्रकरण के मामले में गिरफ्तार रंजीत सिंह उर्फ रकीबुल को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया. पेशी के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. इस मामले में एसएसपी ने रंजीत सिंह पर दुष्कर्म की धारा लगाने की भी बात कही है. तारा शाहदेव और रकीबुल को आमने-सामने बैठा कर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 29, 2014 1:41 AM

तारा शाहदेव प्रकरण के मामले में गिरफ्तार रंजीत सिंह उर्फ रकीबुल को गुरुवार को कोर्ट में पेश किया गया. पेशी के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. इस मामले में एसएसपी ने रंजीत सिंह पर दुष्कर्म की धारा लगाने की भी बात कही है. तारा शाहदेव और रकीबुल को आमने-सामने बैठा कर पूछताछ करने की भी बात कही गयी है. इधर उसके मोबाइल और लैपटॉप की भी जांच शुरू हो गयी है. वहीं इस बात का भी खुलासा हुआ है कि उसने तारापीठ के एक तांत्रिक और एक व्यवसायी से भी ठगी की है. इधर, तारा शाहदेव ने उससे संपर्क रखनेवाले मंत्रियों व अधिकारियों की भी जांच की मांग की है.

रांची: नेशनल शूटर तारा शाहदेव के साथ मारपीट और धर्म परिवर्तन के लिए दबाव देने के मामले में गिरफ्तार रंजीत सिंह पर रेप का केस भी चलेगा. यह जानकारी एसएसपी प्रभात कुमार ने दी. एसएसपी ने कहा कि हिंदपीढ़ी थाने में दर्ज प्राथमिकी में रेप की धारा नहीं जोड़ी गयी है. केस के सुपरविजन के दौरान यह धारा जोड़ी जायेगी. एसएसपी ने कहा कि फिलहाल रंजीत सिंह से विस्तार से पूछताछ नहीं हो सकी है.

तारा शाहदेव ने रंजीत सिंह कोहली पर जो आरोप लगाये हैं, उसमें से कुछ आरोप को रंजीत सिंह कोहली ने स्वीकार करने से इनकार किया है. एसएसपी ने कहा कि केस सहित दूसरे बिंदुओं पर विस्तार से पूछताछ के लिए पुलिस रंजीत सिंह कोहली को रिमांड पर लेगी. इसके लिए पुलिस जल्द ही न्यायालय में आवेदन देगी. एक सवाल के जवाब में एसएसपी ने कहा कि तारा-शाहदेव और रंजीत सिंह कोहली को आमने-सामने बैठा कर पूछताछ हो सकती है.

नवंबर प्लान के बारे हुई छानबीन
इधर, तारा शाहदेव ने पुलिस को बताया है कि नवंबर, 2014 में रंजीत सिंह एक बड़ा काम करनेवाला है, इसलिए वह फोन पर बात भी करता है. जिस व्यक्ति से वह फोन पर बात करता है, उसे वह सरकार कहता है. पुलिस ने जब नवंबर प्लान के संबंध में रंजीत सिंह कोहली से पूछताछ की, तब रंजीत ने पुलिस को बताया कि उसने नवंबर में अपनी कंपनी का विस्तार करने का प्लान तैयार किया था. इसे लेकर वह कुछ लोगों के बातचीत करता था. नवंबर प्लान का संबंध किसी अन्य बात या घटना से तो नहीं, इस सवाल के जवाब में एसएसपी ने कहा अब तक की पूछताछ में कोई दूसरी बात सामने नहीं आया है. इस दिशा में जांच चल रही है.

सात मिनट तक चली अदालती कार्रवाई
रांची. रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल की कोर्ट में पेशी सीजेएम नीरज कुमार श्रीवास्तव की अदालत में दिन के 2.43 बजे हुई. अदालत के अंदर सात मिनट तक सुनवाई हुई. उसके बाद पुलिस उसे 2.50 बजे निकल गयी. इससे पहले रंजीत सिंह और उसकी मां कौशल रानी को लेकर पुलिस अधिकारी एसएसपी ऑफिस से दिन के लगभग दो बजे सिविल कोर्ट पहुंचे. रंजीत और उसकी मां एक स्कॉरपियो वाहन में सवार थे. कौशल रानी वाहन में बीच वाली सीट पर बैठी थीं. उनके साथ महिला सुरक्षाकर्मी थे. वहीं रंजीत सिंह कोहली को वाहन के पीछेवाली सीट पर बैठाया गया था. लालपुर पुलिस वाहन का स्कॉर्ट कर रही थी. वहीं कोतवाली डीएसपी दीपक अंबष्ठ वाहन के पीछे- पीछे जिप्सी से सिविल कोर्ट पहुंचे. कोर्ट पहुंचते ही उन्हें देखने के लिए वकीलों और सिविल कोर्ट परिसर में मौजूद लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. रंजीत की पेशी की सूचना मिलने पर बाहर के लोग भी कोर्ट परिसर में पहुंच गये. सभी आरोपी की एक झलक देखना चाह रहे थे.

पुलिस थी परेशान
रंजीत सिंह कोहली और उसकी मां कौशल रानी को कोर्ट से निकालते वक्त लोगों की भीड़ के कारण पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. भीड़ के कारण पुलिस को कई लोगों का डांट-डपट करना पड़ा. उसके बाद दोनों को वाहन से जेल ले जाया गया.

जेल में अलग रखा गया है
रंजीत कोहली को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में विशेष सुरक्षा में रखा गया है. जेल प्रशासन को पहले से आशंका थी कि जेल में बंद कैदी उसे नुकसान पहुंचा सकते हैं. इस कारण जेल प्रशासन ने उसे दूसरे कैदियों से अलग रखा है. जेल प्रशासन ने रंजीत की मां कौशल्या रानी को महिला वार्ड में रखा है. रात में दोनों को खाने में रोटी, सब्जी और दाल दिया गया. सोने के लिए सीमेंट से बनी चौकी पर बिस्तर व तकिया उपलब्ध कराया गया है.

मंत्री या अफसर, सभी से होगी पूछताछ: एसएसपी
रांची: एसएसपी ने कहा कि डीएसपी सुरजीत का नाम सामने आने के बाद मामले में पुलिस उससे रंजीत सिंह के संबंध में जानकारी ले चुकी है. सुरजीत ने बताया है कि रंजीत कोहली उसके बचपन का मित्र है. डीएसपी सुरजीत से मामले में आगे भी पूछताछ होगी. मामले में मुस्ताक अहमद से आरंभिक जानकारी ली जा चुकी है. एसएसपी ने बताया कि मुस्ताक अहमद ने रंजीत के साथ पहचान होने की बात स्वीकार कर ली है. उनसे भी पूछताछ होगी. एसएसपी ने कहा कि चाहे वह मंत्री, विधायक या अफसर ही क्यों न हो. लेकिन पूछताछ करने से पहले कुछ आवश्यक प्रक्रिया अपनायी जायेगी.

तारा से निकाह करानेवाले काजी की पुलिस को तलाश
रांची. रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल के साथ तारा का निकाह करानेवाले काजी की तलाश पुलिस ने शुरू कर दी है. एसएसपी प्रभात कुमार ने कहा निकाह कराने में शामिल काजी कौन थे, उनकी तलाश की जा रही है. मामले में उनसे पूछताछ की जायेगी. इधर, पुलिस ने निकाह करानेवाले काजी की तलाश तेज कर दी है. पुलिस ने ब्लेयर अपार्टमेंट में लगे सीसीटीवी की फुटेज निकाली है. फुटेज कोतवाली डीएसपी व मामले के आइओ इंस्पेक्टर हरिश्चंद्र सिंह को सौंपी गयी है. उस फुटेज में काजी की तसवीर देख कर पता लगाने का प्रयास किया जा रहा है. सूत्र बताते हैं कि काजी हिंदपीढ़ी के रहनेवाले हैं.

तारापीठ के तांत्रिक से की थी ठगी
रांची. रंजीत सिंह कोहली एक तांत्रिक से 1.50 लाख रुपये की ठगी कर चुका है. बाबा वर्ष 2005-06 के बीच तारापीठ से हरमू पहुंचे थे. रंजीत, बाबा से मिलने रोज जाता था. बाबा ने उसकी जान पहचान हरमू के एक आभूषण व्यवसायी से करायी थी. बाबा ने व्यवसायी को रंजीत सिंह की मदद करने को कहा था.

व्यवसायी को रंजीत सिंह कोहली ने बताया था वह टेलीफोन डिपार्टमेंट में ठेकेदार है, लेकिन वर्तमान में उसकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है, इसलिए उसे एक लाख रुपये कर्ज के रूप में चाहिए. तब व्यवसायी ने अपनी गारंटी पर उसे दो लोगों से 50- 50 हजार रुपये दिलवाया था. बाद में रंजीत सिंह कोहली ने अपना मोबाइल नंबर बदल लिया और भाग गया. जब रंजीत को तलाश करते हुए पैसे देनेवाले लोग बरियातू हाउसिंग कॉलोनी स्थित उसके मकान पर पहुंचे, तो वह घर पर नहीं मिला था. इसके बाद ठगी के शिकार लोग रंजीत सिंह की मारुति वैन उठा कर ले गये थे. काफी दिनों बाद रंजीत सिंह ने कुछ रुपया व्यवसायी को लौटाया, जिसके बाद उसे मारुति वैन वापस किया गया. जब व्यवसायी ने रंजीत सिंह कोहली द्वारा रुपये नहीं लौटाने की जानकारी बाबा को दी, तब बाबा ने व्यवसायी को बताया कि रंजीत सिंह उससे खुद 1.50 लाख ले चुका है. राशि उसने नहीं लौटायी है.

रुपये कैसे पहुंचते थे, होगी जांच
रांची. तारा शाहदेव मामले में गिरफ्तार रंजीत सिंह कोहली के पास रुपये हवाला के जरिये तो नहीं आते थे., इसकी जांच की जायेगी. जांच के लिए पुलिस इडी या सीआइडी की मदद ले सकती है.

एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि अब तक हवाला के जरिये रंजीत सिंह कोहली तक रुपये पहुंचने से संबंधित कोई साक्ष्य पुलिस को नहीं मिले हैं. रुपये कहां से आते थे. इस संबंध में जब रकीबुल से पूछताछ की गयी, तब उसने बताया कि कंपनी में जो काम होते थे, उसी के एवज में उसे रुपये मिलते थे. एसएसपी के अनुसार तारा शाहदेव का कहना है कि रंजीत बैग में भर कर रुपये लाता था. रातों-रात किसी के पास इतना रुपया नहीं आ सकता. इसमें हवाला का एंगल हो सकता है.

पुलिस पहले से उसके बैंक अकाउंट के संबंध में जानकारी एकत्र कर रही है. रंजीत सिंह कोहली को करीब से जानेवालों की मानें, तो कोहली के पास रातों-रात रुपये आते हैं. इसके संबंध में उसने अपने करीबी लोगों को बताया था. उसने यह भी बताया कि रुपये बाहर से आनेवाले हैं. कुछ लोगों ने उसकी कार में रुपये से भरा बैग तक देखा था, लेकिन जाननेवालों का कहना है रुपये दूसरे या तीसरे दिन ही गायब हो जाते थे. रुपये वह कहां भेजता था, इस संबंध में वह किसी को नहीं बताता था.

लड़कियों को सप्लाइ किये जाने की होगी जांच
एसएसपी ने बताया कि रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल के संबंध में जो जानकारी मिली है कि वह लड़कियों की सप्लाइ करता था. उस बिंदु पर भी जांच होगी. एसएसपी ने कहा कि अब तक पुलिस को इससे संबंधित कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं. पूछताछ के दौरान भी लड़कियों को सप्लाइ किये जाने की बात स्वीकार करने से रंजीत सिंह कोहली ने इनकार किया है, इसलिए बिंदु पर गहराई से जांच की आवश्यकता है.

इन पर भी लगे हैं रंजीत उर्फ रकीबुल से संबंध के आरोप

बीएनआर में मिला था रंजीत उर्फ रकीबुल से

मंत्री सुरेश पासवान ने कहा

तारा शाहदेव को धर्म बदलने के लिए प्रताड़ित करने के आरोपी रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया है कि राज्य के नगर विकास मंत्री सुरेश पासवान से उसका संबंध है, लेकिन नगर विकास मंत्री ने उसके साथ किसी भी तरह के संबंध से इनकार किया है. प्रभात खबर की ओर से पूछे गये सवाल के जवाब में मंत्री ने यह जरूर स्वीकार किया है कि रंजीत कोहली की उनसे बीएनआर होटल में भेंट हुई थी. वह सिटी बसों को चलाने का काम मांग रहा था. प्रस्तुत है बातचीत के अंश.

कब से जानते हैं रकीबुल उर्फ रंजीत कोहली को?

दूर-दूर तक नहीं जानता. तारा शाहदेव की घटना की खबरें मीडिया में आने के चार-पांच दिन पहले ही वह रास्ता चलते मुङो मिल गया था.

मंत्रियों को रास्ता चलते मिलने वाले लोग याद

रहते हैं ?

मतलब ऐसे ही मिल गया था. मैं रांची के बीएनआर होटल गया था. वहीं वह मुझसे मिला था.

किस नाम से मिला था रंजीत या रकीबुल?

पूरी तरह से याद नहीं, लेकिन कोहली कर के कुछ था.

वह किस काम के सिलसिले में आपसे मिला था?

वह सिटी बसों को चलाने का काम चाहता था. बोला कि हमको सिटी बसों का जिम्मा दे दीजिये.

आप भी उसके घर गये थे?

सवाल ही नहीं है.

क्या वह आपके पास आता रहता था?

मंत्रियों के पास कई लोग आते हैं. वह मुझसे मिला एक ही बार था.

आप होटल एकार्ड के कमरा नंबर 307 में गये हैं?

नहीं. कभी नहीं.

आप देवघर के किसी आश्रम में भी रंजीत उर्फ रकीबुल से मिलने गये थे?

मैं बीएनआर होटल को छोड़ कर उससे कभी कहीं नहीं मिला.

रंजीत सिंह की शादी में शामिल हुआ था

एसडीपीओ सुरजीत सिंह

रंजीत सिंह कोहली के मामले में नगरऊंटारी के एसडीपीओ सुरजीत कुमार का नाम सामने आया है. उन्होंने रंजीत से अपने संबंध को स्वीकार किया है. बताया है कि रंजीतउनके बचपन का दोस्त है. एसडीपीओ ने यह भी स्वीकार किया है कि उसका रंजीत कोहली के घर पर आना जाना था. उसकी शादी में भी गये थे. आंटी (रंजीत की मां) के बुलावे पर उसके घर जाते थे. हालांकि डीएसपी ने तारा के उस बात को इनकार किया है, जिसमें कहा गया है कि सात जून को फायरिंग रेंज में रंजीत के साथ वह (सुरजीत) भी गया था.

रंजीत सिंह कोहली को जानते हैं?

वह हमारा पड़ोसी था. घर के सामने ही रहता था.

किस रूप में जानते हैं, रंजीत या रकीबुल के रूप में?

रंजीत सिंह कोहली के रूप में जानते हैं.

कब से जानते हैं?

पड़ोसी होने के नाते उसके साथ अच्छा संबंध था. छह-सात साल पहले उसने अपना घर बदल लिया है.

– तारा शाहदेव की शादी में गये थे?

पड़ोसी के नाते उन्हें आमंत्रण मिला था. आमंत्रण मिलने पर शादी में शामिल हुआ था.

शादी से पूर्व अगुवा की भूमिका भी निभायी थी?

नहीं. शादी दोनों के बीच कब तय हुई, यह जानकारी मुङो नहीं मिली. आमंत्रण मिला, तब रंजीत सिंह कोहली की शादी की जानकारी मिली.

शादी के समय होटल में उपस्थित थे?

हां, उपस्थित था.

पड़ोस से घर बदलने के बाद भी आप उनसे मिलने जाते थे?

आंटी बुलाती थी, तो कभी-कभार जाता था.

कितने दिनों पर भेंट होती थी?

दो-तीन महीने में जब रांची जाता था, तब आंटी के बुलाने पर उनका घर जाता था.

रंजीत सिंह कोहली से मिलते थे?

हां, मिलते थे. कभी-कभार वह चाय-पानी के लिये रोक लेता था, तो बैठ जाते थे.

रंजीत को फायरिंग रेंज में आप लेकर गये थे?

नहीं, कोई और व्यक्ति लेकर गया होगा. मैं उस दौरान गढ़वा में था.

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