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मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के बयान पर गरमायी राजनीति, नेताओं ने निशाना साधा

रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के उस बयान में जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘षड्यंत्र के तहत आदिवासियों को नक्सली करार दिया जाता है, ऐसा ही रहा तो एक दिन हम भी कहीं बंदूक ढोते नजर आ जायेंगे ’ पर राजनीति गरमा गयी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ राजनीतिक दलों ने मोरचा खोल दिया है. […]

रांची. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के उस बयान में जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘षड्यंत्र के तहत आदिवासियों को नक्सली करार दिया जाता है, ऐसा ही रहा तो एक दिन हम भी कहीं बंदूक ढोते नजर आ जायेंगे ’ पर राजनीति गरमा गयी है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ राजनीतिक दलों ने मोरचा खोल दिया है. भाजपा-झाविमो ने इसके लिए मुख्यमंत्री को आड़े हाथों लिया है.

घड़ियाली आंसू से उग्रवादियों को पटा रहे हैं : बाबूलाल
पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा है कि मुख्यमंत्री बयान दे कर आदिवासियों को बेवकूफ बनाने में लगे हैं. वह उग्रवादियों को पटाने के लिए घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं. श्री मरांडी ने कहा कि विस्थापितों-आदिवासियों के हितैषी बनने वाले हेमंत सोरेन को बताना चाहिए कि अमड़ापाड़ा के पंचुवाड़ा में कोयला खदान के आदिवासियों के हित और हक के सवाल पर वह 22 दिन धरने पर बैठे थे, तब राज्य में भाजपा और झामुमो की सरकार थी. उस समय हेमंत सोरेन उपमुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने क्या किया था, लोगों को याद है. वहां सरकार के संरक्षण में निर्बाध गति से अंधाधुंध कोयला निकाल कर ले जाने का काम बखूबी जारी रहा, लेकिन विस्थापितों का उनका हक नहीं मिला. पूर्व मुख्यमंत्री श्री मरांडी ने कहा कि यह भी कौन नहीं जानता कि लोकसभा चुनाव के समय आचार संहित के दौरान तीन लौह खदान देने के लिए मुख्यमंत्री ने कदम उठाया.

संवैधानिक पद की मर्यादा के खिलाफ बोल रहे सीएम : मुंडा
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि हेमंत सोरेन को अपने पद की गरिमा का ख्याल रखना चाहिए. संवैधानिक पद की गरिमा के विपरीत वह बयानबाजी कर रहे हैं. मुख्यमंत्री ने जो आरोप लगाये हैं, उसे स्पष्ट करते हुए बताना चाहिए कि वह 90 दिनों की सरकार के खिलाफ हैं या फिर 60 वर्षो से चल रही कांग्रेसी व्यवस्था के खिलाफ बोल रहे हैं. अगर किसी तरह की शिकायत है, तो केंद्र सरकार से बात करनी चाहिए. राज्य के मुखिया को व्यवस्था के खिलाफ इस तरह से बोलना शोभा नहीं देता है. वह अराजकतावादी व्यवस्था कायम करने की दिशा में बयान दे रहे हैं.

मुख्यमंत्री तो बन गये, अब भगवान बना दिया जाये : बंधु
विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि बयानबाजी के बजाय मुख्यमंत्री को काम करना चाहिए. हेमंत सोरेन तो मुख्यमंत्री बन गये, अब काम नहीं कर पा रहे हैं, तो क्या इनको भगवान बना दिया जाये. भगवान बनने के बाद ही आदिवासियों का भला करेंगे. राज्य में ट्राइबल एडवाइजरी बोर्ड का गठन नहीं हो सका, ट्राइबल सब प्लान का पैसा खर्च नहीं हो पा रहा है. अब आदिवासी को भ्रमित किया जा रहा है. मुख्यमंत्री को विवाद में पड़ने के बजाय आदिवासी हित में काम करना चाहिए.

मुख्यमंत्री को सत्ता में रहने का हक नहीं : रवींद्र
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष डॉ रवींद्र राय ने पूछा है कि मुख्यमंत्री किस पर शस्त्र उठायेंगे? जनता पर या राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर. मुख्यमंत्री एक संवैधानिक पद पर हैं, उन्होंने संविधान की शपथ ली है. संविधान का अनुपालन उनकी जिम्मेवारी है. क्या इस बहाने वे उग्रवादी व अपराधी तत्वों का चुनाव में उपयोग करने का विचार कर रहे हैं? क्या ऐसे तत्वों से उनकी राजनीतिक लाभ के लिए सांठगांठ है. मुख्यमंत्री ने इस बयान से लोकतंत्र को कलंकित किया है.

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