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मेरे कहने पर उदय लड़कियां लाता था:रंजीत उर्फ रकीबुल

रांची: शादी के बाद शूटर तारा शाहदेव को प्रताड़ित करने और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने के आरोप में गिरफ्तार रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन ने पूछताछ में पुलिस को उदय का नाम बताया है. पुलिस के अधिकारियों के सेक्स रैकेट चलाने के सवाल पर रंजीत ने उसका नाम लिया है. इस सवाल पर […]

रांची: शादी के बाद शूटर तारा शाहदेव को प्रताड़ित करने और धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने के आरोप में गिरफ्तार रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन ने पूछताछ में पुलिस को उदय का नाम बताया है.

पुलिस के अधिकारियों के सेक्स रैकेट चलाने के सवाल पर रंजीत ने उसका नाम लिया है. इस सवाल पर रंजीत ने पहले चुप्पी साधे रखी, पर बार-बार पूछे जाने पर उसने पुलिस को बताया कि उसके कहने पर उदय ही लड़कियों को रांची बुलाता था. उदय उसे गाड़ी भी उपलब्ध कराता था. हालांकि इस मुद्दे पर पुलिस के अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं.

सेक्स रैकेट चलाने से इनकार : पूछताछ में रंजीत ने पुलिस अधिकारियों से कहा है कि लड़कियों के बारे में ज्यादा जानना है, तो उदय को बुला कर क्यों नहीं पूछते. इसके बाद पुलिस अधिकारियों ने इस मुद्दे पर रंजीत से कोई सवाल नहीं किया.

सूत्रों के अनुसार, पूछताछ में रंजीत सेक्स रैकेट चलाने की बात से लगातार इनकार कर रहा है. पर उसने अपना काम निकलवाने के लिए लड़कियों के इस्तेमाल करने की बात स्वीकार कर ली है. उल्लेखनीय है कि तारा शाहदेव ने अपने बयान में कहा है कि रंजीत कोहली सेक्स रैकेट से भी जुड़ा हुआ है. उसके फ्लैट पर लड़कियां आती थी. एक लड़की का नामांकन उसने संत जेवियर्स कॉलेज में कराया था.

डीएसपी सुरजीत व अनिमेष ने स्वीकारी संपर्क की बात
रंजीत उर्फ रकीबुल के साथ संपर्क रखने के आरोप में रांची पुलिस ने मंगलवार को डीएसपी सुरजीत कुमार व अनिमेष नैनथानी से पूछताछ की. सुरजीत कुमार नगरऊंटारी (गढ़वा) व अनिमेष देवघर के डीएसपी हैं. एसएसपी प्रभात कुमार ने बताया कि दोनों से पूछताछ हुई हैं. दोनों से कोतवाली डीएसपी दीपक अंबष्ट व मामले के अनुसंधानक इंस्पेक्टर हरिश्चंद्र ने पूछताछ की. एसएसपी ने अनुसंधान की गोपनीयता की बात कह कुछ भी बताने से इनकार कर दिया.

बचपन से जानते हैं, घर भी जाते थे
जानकारी के अनुसार, दोनों डीएसपी ने रंजीत से सिर्फ संपर्क होने की बात स्वीकार की है. डीएसपी सुरजीत कुमार ने पुलिस को बताया है कि रंजीत को वह बचपन से जानते हैं. इस कारण उससे बातचीत होती थी. वह रंजीत के घर भी जाते थे. उसकी शादी में भी गये थे. डीएसपी अनिमेष ने पुलिस को बताया है कि वह रंजीत को सिर्फ सुरजीत कुमार के दोस्त के रूप में जानते हैं. कभी भी किसी दूसरी तरह का संपर्क नहीं रहा.

रंजीत ने आमदनी सिर्फ तीन लाख दिखायी थी
रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल हसन के आयकर रिटर्न में सालाना तीन लाख रुपये की आमदनी का उल्लेख है. हालांकि छापामारी के दौरान उसके मकान से मिले जूते और कपड़े का मूल्य 20 लाख रुपये होने का अनुमान है. पुलिस ने ब्लेयर अपार्टमेंट स्थित उसके फ्लैट की साज-सज्ज में 50 लाख रुपये के खर्च का अनुमान लगाया है. सूत्रों के अनुसार, रंजीत का पैन कार्ड नंबर एआइडब्ल्यूपीके 9899 एफ है. वह रांची आयकर विभाग में अपना रिटर्न दाखिल करता है. पिछले तीन वर्षो में उसने आयकर विभाग को अपनी आमदनी का जो ब्योरा दिया है, वह चौंकानेवाले हैं.

2013-14 से पहले टैक्स देने लायक नहीं था : वर्ष 2011-12 में उसने व्यापारिक गतिविधियों से कुल आमदनी 15 हजार 990 रुपये बतायी थी. 2012-13 के आयकर रिटर्न में उसने अपनी कुल आमदनी 1.72 लाख रुपये बतायी थी. वहीं, 2013-14 के आयकर रिटर्न में उसने तीन लाख पांच हजार 100 रुपये की आमदनी बतायी थी. अर्थात 2013-14 से पहले उसकी आमदनी टैक्स देने के लायक भी नहीं थी. इसके बावजूद वह रईसों की तरह जिंदगी गुजार रहा था.

तीन मकानों का किराया देता था
रंजीत ने अपने मित्रों और अन्य लोगों को ठहराने के लिए रांची के अशोक नगर और अशोक विहार में एक-एक मकान किराये पर ले रखा है. वह खुद ब्लेयर अपार्टमेंट में किराये के फ्लैट में रहता है. इन तीनों मकानों का किराया प्रति माह 70 हजार रुपये है. यानी इन मकानों के किराये पर रंजीत सालाना 8.40 लाख रुपये खर्च करता है. सालाना तीन लाख की आमदनी में वह 8.40 लाख रुपये किराया कैसे चुकाता था ? इसके लिए उसके पास पैसे कहां से आते थे? उसकी आमदनी के और कौन-कौन से स्नेत हैं? यह अब भी स्पष्ट नहीं हो सका है.

हां! मैं निकाह की दावत खाने रकीबुल के घर गया था
राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी ने कहा है कि वह रकीबुल हसन को जानते हैं. उसके घर निकाह की दावत खाने भी गये थे. मंत्री हाजी हुसैन मंगलवार को पत्रकारों से बात कर रहे थे. उन्होंने कहा : मैं रकीबुल को एक वर्ष से जानता हूं. तब वह मुझसे रकीबुल हसन कोहली के नाम से मिला था. उसने बताया था कि वह एनजीओ के माध्यम से पौधरोपण करता है. वह विभाग से कुछ काम की इच्छा रखता था. मैंने कहा कि मेरे विभाग में पौधरोपण

का काम नहीं किया जाता है. यह काम वन विभाग करता है. कब्रिस्तान में पौधरोपण के लिए पत्र लिखा था : मंत्री ने कहा : कब्रिस्तान, जाहेर स्थान में पौधरोपण के लिए उन्होंने पिछले साल 25 सितंबर को मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर आग्रह किया था. कहा था कि कब्रिस्तान की घेराबंदी हो रही है. यदि घेराबंदी के अंदर पौधरोपण का कार्य कराया जाता है, तो वृक्षों की सुरक्षा के साथ ही पर्यावरण दूषित होने से बचाया जा सकता है.

11 जून 2014 को इसी से संबंधित एक और पत्र लिखा था, जिसमें आग्रह किया गया था कि वन विभाग को कब्रिस्तान, जाहेर स्थान, मसना, सरना धर्म स्थलियों की घेराबंदी के अंदर पौधरोपण कराने के लिए आदेश दिया जाये. हाजी हुसैन अंसारी ने बताया : 19 जून को उन्होंने वन विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिख कर इसका निर्देश दिया था. मंत्री ने इस बात से साफ इनकार किया कि रकीबुल के लिए उन्होंने कोई पैरवी पत्र लिखा है. उन्होंने कहा : मैं तो सीएम से केवल पौधरोपण कराने की मांग कर रहा था कि न कि रकीबुल को काम देने की.

अकसर आता था रकीबुल
उन्होंने बताया : रकीबुल मेरे पास अक्सर आता था. कितनी बार आया, यह याद नहीं है. ईद के दिन शुभकामना देने के लिए उसने फोन किया था. जिस फोन कॉल के आधार पर कहा जा रहा है कि वह मुझसे संपर्क में था, दरअसल वह नंबर मेरे सुरक्षाकर्मी का है. एक मंत्री होने के नाते मेरे घर में हमेशा लोगों का आना-जाना लगा रहता है. अब कौन कब आया, यह याद नहीं रहता.

शादी की जानकारी नहीं थी

मंत्री ने कहा : रकीबुल की कब शादी हुई, इसकी जानकारी नहीं थी. ईद के बाद सात अगस्त को वह मेरे पास आया और कहा कि उसका निकाह हो गया है. उसने मुङो घर पर दावत में आमंत्रित किया. आग्रह किया कि मां और पत्नी काफी खुश होंगी. मंत्री ने कहा : रकीबुल के बार-बार आग्रह पर मैं उसकी बात टाल न सका और उसके घर ब्लेयर अपार्टमेंट में शाम के समय गया. घर पर जाने पर पता चला कि उसने पहले हिंदू रीति से विवाह किया फिर निकाह भी किया है. मैं उसके यहां खाना खाकर लौट गया. इसके बाद उससे कोई संपर्क नहीं है.

तारा के साथ गलत हुआ है
मंत्री ने कहा : तारा शाहदेव के साथ जो कुछ भी हुआ है, वह गलत है. मैं इसकी घोर निंदा करता हूं. उस बच्ची को इंसाफ मिलना चाहिए. जो भी दोषी होंगे, उसे कड़ी सजा मिलेगी.

जो दोषी है उस पर कार्रवाई होगी : सुप्रियो

झामुमो के महासचिव सुप्रियो भट्टचार्य ने कहा कि शिबू सोरेन को भी मंत्री ने सारी बातें बता दी हैं. मंत्री का एक लंबा राजनीतिक इतिहास रहा है. इनके ऊपर कभी कोई दाग नहीं लगा है. कुछ लोग जबरन इन्हें फंसाना चाहते हैं. जब देश की सर्वोच्च जांच एजेंसी जांच कर रही है, तो सबकुछ स्पष्ट हो जायेगा. जांच में जो भी दोषी पाये जायेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई होगी.

इस्तीफा नहीं दूंगा

मंत्री ने कहा, जब वह दोषी ही नहीं हैं, तो इस्तीफा कैसा. मुख्यमंत्री को सारी बातें बता दी है. सीएम ने सीबीआइ जांच की अनुशंसा कर दी है. जांच में जो भी दोषी होगा, उस पर कार्रवाई होगी. कुछ लोग राजनीतिक साजिश के तहत इस्तीफे की बात उड़ा रहे हैं.

सिपाही के कमान पर था जज का नाम, नंबर था कोहली का
देवघर जिला पुलिस लाइन का एक नया खेल सामने आया है. हालांकि रंजीत कोहली को लाल बत्तीवाली गाड़ी से रांची से दिल्ली तक ले जानेवाला सिपाही अजय कुमार को निलंबित कर दिया गया है. इस सिपाही की डय़ूटी पहली का कमान पहली बार 28 जून 2014 को जिला एवं सत्र न्यायाधीश, देवघर, कैंप रांची के नाम से काटा गया था. पुलिस लाइन की दिवा कार्यालय की ओर से कमान संख्या-3154671 काट कर सिपाही अजय कुमार को दिया गया था.

मजे की बात यह है कि इस कमान में अजय कुमार की जगह पंकज श्रीवास्तव का नाम लिखा हुआ. कमान पर जो मोबाइल नंबर (8102777771) लिखा हुआ है, वह रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल का है. कमान के मुताबिक सिपाही अजय कुमार को 29 जून को रिपोर्ट करना था और 10 जुलाई तक डय़ूटी करनी थी. उल्लेखनीय है कि रंजीत कोहली की शादी सात जुलाई को रैडिशन ब्लू में हुई थी. साफ है कि सिपाही अजय कुमार को देवघर जज के नाम पर रंजीत कोहली की सुरक्षा में तैनात होने का आदेश दिया गया था. सिपाही अजय कुमार का दूसरा कमान 21 अगस्त 2014 को काटा गया है. इसमें उसे 22 अगस्त को देवघर जिला जज के यहां रिपोर्ट करने को कहा गया है.

आदेश का पालन किया, मैं निर्दोष हूं : अजय
देवघर जिला बल के सिपाही अजय कुमार का कहना है कि उसने सिर्फ जज साहेब के आदेश का पालन किया है. वह निदरेष है. 28 जून को उसे रंजीत कोहली के पास रिपोर्ट करने को कहा गया था. वहां मैंने 10 जुलाई तक डय़ूटी की थी. इसके बाद 21 अगस्त को मुङो दोबारा कमान दिया गया. जज साहेब ने मुङो बत्ती लगी गाड़ी दी थी और कहा था कि रंजीत कोहली को दिल्ली छोड़ कर आना है. मैंने इस आदेश का पालन किया था. मैं बेवजह फंस गया हूं.

पूर्व डीजीपी से मिलता था रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल
रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल हसन ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि वह पूर्व डीजीपी जीएस रथ से भी मिलता था. जब वह एडीजी थे, तब भी वह उनसे मिला था.

जीएस रथ जब डीजीपी बने थे, तब रंजीत उनसे मिलता था. रंजीत से पूछताछ करनेवाले रांची पुलिस के एक सीनियर अधिकारी ने इस बात की पुष्टि की है. पुलिस अधिकारी के मुताबिक रंजीत ने पूर्व डीजीपी से पांच-छह बार मिलने की बात कही है. उसने यह भी स्वीकार किया है कि जीएस रथ के करीबी माने जानेवाले फसी अहमद से भी उसके संपर्क थे. वह उनसे कई बार मिल चुका है. दोनों को मोबाइल पर बातें होती थी. उल्लेखनीय है कि जीएस रथ जब डीजीपी थे, तब फसी अहमद को लेकर उनकी खूब बदनामी हुई थी. विधानसभा में जेवीएम विधायक प्रदीप यादव ने आरोप लगाया था कि फसी अहमद, डीजीपी जीएस रथ के लिए काम करते हैं.

इसे लेकर फसी अहमद और गिरिडीह जिला बल में पदस्थापित रहे विनम कुमार के बीच हुई बातचीत की ऑडियो सीडी की खूब चर्चा हुई थी. सरकार ने जांच का आदेश दिया था, जिसका अब तक कोई नतीजा नहीं निकला है.

तारा शाहदेव की होगी सीधी नियुक्ति : गीताश्री
शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने कहा है कि तारा शाहदेव प्रकरण में पुलिस अपना काम कर रही है. इस मामले में प्रतिदिन नये खुलासे हो रहे हैं.

इसके बाद भी कुछ दल व संगठन में मामले में राजनीति कर रही है, जो गलत है. उन्होंने कहा कि तारा शाहदेव राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी है. खेल विभाग तारा को हर संभव सहयोग करेगी. उन्होंने कहा कि सीधी नियुक्ति के लिए आवेदन मांगे गये थे, तारा अगर आवेदन जमा की होगी, तो उसकी भी नियुक्ति होगी. यदि तारा ने आवेदन जमा नहीं किया है, तो जल्द आवेदन जमा करे, सरकार उसे नौकरी देगी . सरकारी कार्य की प्रक्रिया पूरी करने में समय लगता है. प्रक्रिया पूरी होने के बाद नियुक्ति की जायेगी.

सीसीटीवी फुटेज से हुआ खुलासा,मंत्री सुरेश पासवान गये थे होटल
मंत्री सुरेश पासवान भले ही खुद को रंजीत कोहली से अलग बता रहे हैं, पर ब्लेयर अपार्टमेंट और स्टेशन के नजदीक स्थित होटल का सीसीटीवी फुटेज उन्हें झूठा साबित कर रहा है. होटल के सीसीटीवी फुटेज से यह साफ होता है कि वह रंजीत कोहली उर्फ रकीबुल के साथ होटल में गये थे. वह कमरा नंबर-307 में भी गये थे. उनके साथ रंजीत कोहली का दोस्त रोहित रमण और दो अन्य लोग भी थे. दोनों कौन थे, यह पता नहीं चल पाया है. मंत्री के अंगरक्षक भी सीसीटीवी कैमरे की जद में आये हैं. अंगरक्षकों को नीचे छोड़ सभी होटल के कमरे में गये थे. सभी करीब एक घंटे तक वहां रुके थे. इससे पहले ब्लेयर अपार्टमेंट के सीसीटीवी फुटेज में भी मंत्री रंजीत कोहली के फ्लैट में जाते हुए देखे जा रहे हैं.

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