झारखंड:नक्सली समझ पुलिस ने दो मजदूरों को मार डाला
गुमला: बिशुनपुर के बेती स्कूल के पास बुधवार की सुबह करीब चार बजे पुलिस की गोली से दो मजदूरों की मौत हो गयी. चार मजदूर घायल हो गये.इनमें दो की स्थिति गंभीर है. डीजीपी राजीव कुमार ने बताया कि पुलिस को नक्सलियों के मूवमेंट की जानकारी मिली थी. इसी सूचना पर गुमला पुलिस और सीआरपीएफ […]
गुमला: बिशुनपुर के बेती स्कूल के पास बुधवार की सुबह करीब चार बजे पुलिस की गोली से दो मजदूरों की मौत हो गयी. चार मजदूर घायल हो गये.इनमें दो की स्थिति गंभीर है. डीजीपी राजीव कुमार ने बताया कि पुलिस को नक्सलियों के मूवमेंट की जानकारी मिली थी.
इसी सूचना पर गुमला पुलिस और सीआरपीएफ की टीम रात में घात लगा कर नक्सलियों का इंतजार कर रही थी. तभी एक ट्रक वहां से गुजरा. पुलिस ने ट्रक को रोकने की कोशिश की. चालक ने ट्रक नहीं रोका, तो पुलिस ने ट्रक पर फायरिंग कर दी.ट्रक पर सवार छह मजदूरों को गोली लगी. पुलिस ने पहले बताया कि नक्सलियों से मुठभेड़ के बीच में ट्रक आ गया था, जिस कारण यह घटना हुई. बाद में स्पष्ट हुआ कि पुलिस की गोली से दो मजदूरों की मौत हुई है और चार घायल हुए हैं.
हेलीकॉप्टर से घायलों को रांची पहुंचाया : घायल मजदूर सुनेश्वर उरांव व अशोक उरांव की स्थिति गंभीर है. बिशुनपुर में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें सदर अस्पताल लाया गया. वहां से दोनों घायलों को बेहतर इलाज के लिए हेलीकॉप्टर से रांची ले जाया गया.
गोली की आवाज से दहल उठा गांव : घटनास्थल से कुछ दूरी पर बेती व मरवई गांव है. ग्रामीणों के मुताबिक, ट्रक पर जब गोली चल रही थी, तो पूरा गांव गोली की आवाज से दहल उठा. शौच के लिए खेत में बैठे लोग भी डर से घर में जाकर दुबक गये. बाद में लोग घटनास्थल पहुंचे, तो दो मजदूरों को मरा पाया.
पुलिस ने गोली मारी है : घायल
पुलिस की गोली से घायल उपेंद्र उरांव व समीर उरांव ने बताया कि वे लोग मरवई से बॉक्साइट उठाने अमतीपानी जा रहे थे. बेती स्कूल के समीप अंधाधुंध गोली चलने लगी. ट्रक चालक व एक मजदूर वहीं ढेर हो गया. समीर ट्रक से उतर कर जिस दिशा से गोली चल रही थी, उसी दिशा में हाथ उठा कर दौड़ने लगा. चिल्लाता रहा कि हम मजदूर हैं. तब जाकर पुलिस ने फायरिंग रोकी. बाद में सभी घायलों को अस्पताल लाया गया.
ग्रामीणों ने शव उठाने से रोका : घटना से आक्रोशित मरवई गांव के ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ नारे लगाये. मृत मजदूरों के शव उठाने गये पुलिसकर्मियों को रोका. करीब ढाई घंटे तक वहीं शव पड़े रहे. डीआइजी प्रवीण सिंह के समझाने के बाद ग्रामीणों ने शव उठाने दिया. डीआइजी ने मृतकों के परिजन को तत्काल राहत के तौर पर 50-50 हजार रुपये व घायलों के इलाज के लिए 10-10 हजार रुपये दिये.
सीएम ने दिया जांच का आदेश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घटना की जांच का आदेश दिया है.दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल के कमिश्नर केके खंडेलवाल और आइजी एमएस भाटिया घटना की जांच कर संयुक्त रिपोर्ट देंगे. मुख्यमंत्री ने मृत मजदूर के आश्रितों को 10-10 लाख रुपये व एक आश्रित को सरकारी नौकरी और घायलों को एक-एक लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. गुमला के डीसी को आदेश दिया है कि घायलों का इलाज सरकारी खर्च पर कराया जाये.