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गुड़ाबांदा व डुमरिया: नक्सली करा रहे हैं नीलम का उत्खनन, पन्ना के बाद नीलम भी मिला

जमशेदपुर: गुड़ाबांदा और डुमरिया में पन्ना के बाद करीब 4000 एकड़ में नीलम मिला है. खनन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राजाबासा पहाड़ और आसपास के क्षेत्र में नीलम मिलने की पुष्टि की गयी है. खनन विभाग को मिली जानकारी के मुताबिक राजा बासा पहाड़ के दुगर्म क्षेत्र में नक्सलियों की मदद से ग्रामीणों […]

जमशेदपुर: गुड़ाबांदा और डुमरिया में पन्ना के बाद करीब 4000 एकड़ में नीलम मिला है. खनन विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राजाबासा पहाड़ और आसपास के क्षेत्र में नीलम मिलने की पुष्टि की गयी है.

खनन विभाग को मिली जानकारी के मुताबिक राजा बासा पहाड़ के दुगर्म क्षेत्र में नक्सलियों की मदद से ग्रामीणों द्वारा नीलम की खुदाई करायी जा रही है. खनन विभाग इस अवैध उत्खनन को रोकने की योजना बना रहा है. यह पता लगाया जा रहा है कि जो नीलम मिल रहा है, उसकी क्वालिटी किस स्तर की है. काला कारोबारियों की राजधानी बना सटे हुआ बोर्डर एरिया. पन्ना और नीलम के खदान के बारे में जानकारी मिलने के बाद गुड़ाबांदा से सटे हुए ओड़िशा और बंगाल के आसपास के इलाके की गतिविधियां तेज हो गयी हैं. इसको काला कारोबारियों की राजधानी के रूप में जाना जाने लगा है.

राजस्थान से लेकर विदेशों की कई कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा वहां अवैध उत्खनन कर आने वालों के साथ रेट तय किये जा रहे हैं. पन्ना व नीलम पर नक्सलियों का कब्जा, एक की हो चुकी है हत्या. अब तक खनन विभाग की टीम ने पुलिस की मदद से कई बार बिना किसी सूचना के ही उन इलाकों का दौरा और सर्वेक्षण और हवाई सर्वेक्षण तो किया है, लेकिन उस एरिया को नक्सलियों से पूरी तरह मुक्त नहीं कराया जा सका है. नक्सलियों का ही पन्ना और नीलम पर पूरी तरह कब्जा है. इस तरह के उत्खनन के मामले में कांग्रेसी नेता राजेश साव की हत्या हो चुकी है.

गुड़ाबांदा से डुमरिया तक फैला है पन्ना देश की 12 कंपनियों ने ठोंका दावा
खनन विभाग के सर्वे से यह बातें सामने आयी है कि पन्ना गुड़ाबांदा तक ही नहीं फैला है बल्कि डुमरिया क्षेत्र के कई भूगर्भ में रत्न छुपे हुए हैं. इसको लेकर कई कंपनियों ने अपनी दावेदारी की है. करीब चार हजार एकड़ में से तीन हजार एकड़ जमीन पर उत्खनन करने के लिए झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (जेएसएमडीसी) को अधिकृत करने के लिए केंद्र सरकार के पास फाइल भेज दी गयी है. चूंकि, पन्ना सुपर मेजर मिनरल माना जाता है, इस कारण इसकी मंजूरी केंद्र सरकार की ओर से ही की जा सकती है. दूसरी ओर, पन्ना के भंडार मिलने की खबर के बाद पूर्वी सिंहभूम जिले के खनन कार्यालय में करीब 12 कंपनियों ने 30 से अधिक आवेदन जमा किये हैं और अपना दावा ठोका है. इस पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया गया है.

पन्ना के लिए दावा करने वालों की सूची : जयपुर की ब्लू डॉट्स, जयपुर की पूरम, ओड़िशा का मानिकेश्वर, जवाहर विग, हरीश विग, टीपी साव, नागपुर के ग्रोम ओर, जेम्सफील्ड, मां तारा, जयपुर की वर्टबोल, मुंबई की अर्थ क्रिएटिव, प्रखर व्यापार व अन्य.

गुंडाबांदा व डुमरिया के इन इलाकों में मिल रहा पन्ना : गुड़ाबांदा से डुमरिया जाने वाले रास्ते, हड़ियान, जियान, बागुनमुटी, महेशपुर, कशियाबेड़ा, बकराकोचा, नामुलेप, मानीकपुर समेत कुछ वन क्षेत्र

इस एरिया में मिला है नीलम : राजाबासा पहाड़ और आसपास का क्षेत्र

पन्ना के साथ नीलम भी है, विभाग गंभीर

‘‘ पन्ना के साथ ही ऊपरी इलाके में नीलम भी पाया गया है. इसको लेकर खनन विभाग गंभीर है. नीलम को लेकर सारी जानकारी इकट्ठा करने के प्रयास चल रहे हैं. उत्खनन संबंधी जानकारी के लिए पुलिस की मदद लेने पर विचार किया जा रहा है. पिछले दिनों हुई हत्या के कारण कुछ अधिकारी जाने से भी कतरा रहे है, लेकिन विभाग इस दिशा में जरूर आवश्यक कदम उठायेगा. -जेपी सिंह, निदेशक, भूतत्व, खनन विभाग, झारखंड

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