रांची : योगेंद्र साव के इस्तीफे के मामले में सरकार पसोपेश में है. श्री साव पर इस्तीफे का दबाव बढ़ता रहा है. वहीं सरकार में शामिल अन्य मंत्रियों को लेकर भी सहयोगी दल ही दबाव बढ़ा रहे हैं. सूत्रों ने बताया कि यदि सरकार योगेंद्र साव को हटाती है, तो तारा शाहदेव प्रकरण में रंजीत सिंह कोहली उर्फ रकीबुल से संबंध के आरोप में मंत्री हाजी हुसैन अंसारी और सुरेश पासवान को हटाने पर भी दबाव बढ़ेगा.
दूसरी ओर राजद के गिरिनाथ सिंह ने सुरेश पासवान को हटाये जाने का विरोध किया है. इन सारी बातों को लेकर सरकार उलझन में है, जिसके चलते श्री साव के मामले पर फैसला नहीं हो पा रहा है. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस आलाकमान ने सरकार को उचित व विवेक के अनुरूप फैसला लेने पर सहमति दी है.
* सहयोगी दलों का दबाव
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के कुछ नेता यह मांग कर रहे हैं कि सरकार योगेंद्र साव के साथ-साथ हाजी हुसैन और सुरेश पासवान को भी हटाये. ताकि चुनाव में जब जायें तो साफ छवि लेकर जायें. दूसरी ओर अन्य सहयोगी दलों का मानना है कि मंत्रियों पर कार्रवाई से सरकार की भद पिटेगी. सरकार की छवि पर असर पड़ेगा. विपक्षी इसे चुनाव में भुनायेंगे. अल्पसंख्यक मंत्री पर कार्रवाई होने से अल्पसंख्यक मतदाताओं की नाराजगी का भय भी सहयोगी दलों को सता रहा है.
* एक-दो दिन में फैसला : त्रिपाठी
सरकार के श्रम मंत्री केएन त्रिपाठी ने कहा कि श्री साव पर जांच समिति अपनी रिपोर्ट तैयार कर चुकी है. रिपोर्ट के अनुरूप ही फैसला होगा. इसमें दोनों पक्षों को देखा जायेगा. एक से दो दिनों में इस मुद्दे पर निर्णय ले लिया जायेगा.
* आलाकमान कहे तो इस्तीफा : साव
मंत्री योगेंद्र साव ने फिर दोहराया कि उन्हें फंसाया जा रहा है. अपराधी का बयान ही विरोधाभाषी है. धाराओं में पुलिस छेड़छाड़ कर रही है. मंत्री ने कहा कि वह दोनों पक्षों की जांच के लिए तैयार हैं. जहां तक इस्तीफे की बात है आलाकमान कहे, तो एक मिनट में इस्तीफा दे देंगे.