हिंदी का अधिक प्रयोग हो : सीएम

रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्री कृष्ण लोक सेवा प्रशासन संस्थान के सभागार में आयोजित हिंदी दिवस समारोह में कहा : मातृभाषा के बाद हिंदी ही मेरे दिल के करीब है. हिंदी सरल होने की वजह से आम लोगों की भाषा है. विदेशी भाषा के बढ़ते प्रभाव में लोग अपनी मातृभाषा को ही भूलने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 15, 2014 6:43 AM
रांची : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने श्री कृष्ण लोक सेवा प्रशासन संस्थान के सभागार में आयोजित हिंदी दिवस समारोह में कहा : मातृभाषा के बाद हिंदी ही मेरे दिल के करीब है. हिंदी सरल होने की वजह से आम लोगों की भाषा है. विदेशी भाषा के बढ़ते प्रभाव में लोग अपनी मातृभाषा को ही भूलने लगे हैं. हिंदी भी पीछे छूटने लगी है. विदेशी भाषाओं को स्वीकार करने की होड़ में हमें ध्यान रखना होगा कि कहीं हम अपनी मातृभाषा को खो न दे.
हेमंत सोरेन ने कहा : हिंदी दिवस का मतलब तभी सार्थक होगा जब हम इसे आगे बढ़ाने का प्रण लेंगे. हिंदी का प्रचलन सभी महकमों एवं क्षेत्रों में अधिक से अधिक करने के लिए राज्य में मुहिम चलाने की जरूरत है. यह सामूहिक प्रयास से ही संभव होगा.
कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के प्रधान सचिव एसके सतपथी ने कहा कि हिंदी झारखंड की मिट्टी में घुली मिली है. हिंदी में कामकाज करना सहज एवं सुगम है. एटीआइ के निदेशक प्रवीण शंकर ने कहा कि हिंदी को विश्वस्तरीय बनाये जाने की जरूरत है. समारोह में वरिष्ठ साहित्यकार डॉ खगेंद्र ठाकुर ने कहा कि भाषा एक सामाजिक परिघटना है. समाज जितना विकसित होगा,भाषा उतनी ही समृद्ध होगी. हिंदी में समायी हुई लोकभाषा ही इसकी विशेषता है. यदि हिंदी क्षेत्रों का औद्योगिक विकास हुआ होता, तो हिंदी और भी समृद्ध होती.
साहित्यकार डॉ अशोक प्रियदर्शी ने कहा कि लिपि के बदलने से भाषा नहीं बदलती है. शब्दों के साथ कुछ अर्थ रूढ़ जरूर हो जाते हैं. डॉ मिथिलेश ने कहा कि हिंदी के साथ हमें अन्य भारतीय भाषाओं का भी सम्मान करना चाहिए. समारोह के अंत में आयोजित कवि सम्मेलन में राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आये कवियों ने अपनी-अपनी कविताएं पढ़ी. समारोह का आयोजन कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग व एटीआइ के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया. मौके पर श्री कृष्ण लोक प्रशासन संस्थान के पूर्व महानिदेशक एके पांडेय समेत अन्य उपस्थित थे.

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