रिम्स. वीआइपी की ही सेवा में लगा रहा कार्डियक एंबुलेंस तीन साल में सिर्फ छह मरीजों को लाभ
रांची: रिम्स के तीन कार्डियक एंबुलेंस तीन साल में अभी तक सिर्फ छह मरीजों को ही लाभ दे सका है. एंबुलेंस के लॉग बुक के अनुसार तीनों एंबुलेंस का उपयोग अभी तक छह मरीजों को दूसरे अस्पताल ले जाने व लाने के लिए किया गया है. बाकी के समय ये एंबुलेंस वीआइपी की सेवा में […]
रांची: रिम्स के तीन कार्डियक एंबुलेंस तीन साल में अभी तक सिर्फ छह मरीजों को ही लाभ दे सका है. एंबुलेंस के लॉग बुक के अनुसार तीनों एंबुलेंस का उपयोग अभी तक छह मरीजों को दूसरे अस्पताल ले जाने व लाने के लिए किया गया है. बाकी के समय ये एंबुलेंस वीआइपी की सेवा में लगे रहे.
गौरतलब है कि राष्ट्रीय खेल के बाद रिम्स 2012 में दो कार्डियेक एंबुलेंस (जेएच 01 वाई 7454 व जेएच 01 वाई 7436) मिला था. वहीं राष्ट्रीय रोडवेज परिवहन निगम की ओर से एक और कार्डियक एंबुलेंस (जेएच 01 बीबी 9275) वर्ष 2013 में मिला था. वर्तमान में तीनों एंबुलेंस रिम्स परिसर में बने शेड में ही खड़े हैं.
कब-कब वीआइपी सेवा में
16 अप्रैल 2012 से 12 फरवरी 2013 तक तत्कालीन मुख्यमंत्री के आवास में एक कार्डियेक एंबुलेंस खड़ा रखा गया. 26 अप्रैल से 30 अप्रैल 2013 तक राष्ट्रपति के आगमन पर. 21 अगस्त 2014 को प्रधानमंत्री के आगमन पर. छह फरवरी 2014 को राहुल गांधी के आगमन पर. इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री, विधानसभा सभा में, देवघर में राष्ट्रपति के आगमन पर. वित्त आयोग के आगमन पर.
इन मरीजों को मिली सेवा
एंबुलेंस संख्या (जेएच 01 बीबी 9275) अप्रैल में तीन बार मरीज को लेकर कोलकाता गया. वहीं एंबुलेंस संख्या (जेएच 01 वाई 7436) धनबाद रेलवे स्टेशन से कैदी को लेकर गया एवं सात अप्रैल 2014 को रिम्स से घायल को अपोलो ले कर गया. एंबुलेंस संख्या (जेएच 01 वाई 7454) 20 फरवरी 2014 को मरीज को जमशेदपुर ले कर गया.
कोलकाता सहित कई जगह मरीजों की सेवा में भेजा गया. मैन पावर की कमी है, इसलिए इसका पूरी तरह उपयोगी नहीं हो पाता है. कर्मचारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गयी है.
डॉ एसके चौधरी, निदेशक रिम्स