राज्य को मिलेगा सबसे अधिक लाभ: अर्जुन मुंडा

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष अर्जुन मुंडा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया (भारत में बनाओ) अभियान का स्वागत किया है. श्री मुंडा ने कहा कि इस अभियान का सबसे अधिक लाभ झारखंड को मिल सकता है. क्योंकि यहां पर मानव संसाधन के साथ-साथ उद्योग के संसाधन भी उपलब्ध हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2014 2:42 AM

रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष अर्जुन मुंडा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया (भारत में बनाओ) अभियान का स्वागत किया है. श्री मुंडा ने कहा कि इस अभियान का सबसे अधिक लाभ झारखंड को मिल सकता है. क्योंकि यहां पर मानव संसाधन के साथ-साथ उद्योग के संसाधन भी उपलब्ध हैं.

उन्होंने कहा कि राज्य में क्वालिटी मैनपावर की संभावनाएं प्रबल हैं. साथ ही निवेशकों को निम्न दर पर उत्पादन करने को मौका मिलेगा. केंद्र सरकार ने जिन 25 महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश की पहचान की है, उनमें से अधिकांश क्षेत्रों में झारखंड में काम हो सकता है. झारखंड में मेक इन इंडिया के कारगर होने पर रोजगार के नये अवसर मिलेंगे. इससे पलायन खत्म होगा.

उन्होंने कहा कि पिछले 10 साल में कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए सरकार से उद्योगपतियों का विश्वास खत्म हो गया था. इस वजह से देश के बड़े उद्योगपतियों ने विदेशों में निवेश करना प्रारंभ कर दिया था. लेकिन चार माह में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने एक बेहतर माहौल बनाया है. झारखंड में खासकर पर्यटन और आइटी सेक्टर में काफी संभावनाएं हैं. प्रधानमंत्री ने लुक इस्ट के साथ लिंक वेस्ट की बात की है. श्री मुंडा ने कहा कि भारत के मंगल मिशन अभियान की सफलता के बाद मेक इन इंडिया अभियान भी मील का पत्थर साबित होगा.

अभियान से देश को नयी दिशा मिलेगी : रघुवर

भाजपा विधायक रघुवर दास ने कहा है कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने एकात्म अध्यात्मवाद की विचारधारा प्रस्तुत की थी. उनके विचारों पर चल कर ही देश का सर्वागीण विकास हो सकता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके बताये के रास्ते पर चल कर मेक इन इंडिया की नींव रखी है. यह अभियान देश को नयी दिशा देगा. श्री दास ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय ने देश में औद्योगिक विकास की परिकल्पना करते हुए अंत्योदय का सपना देखा था. आर्थिक विकास की दिशा ऐसी होनी चाहिए जिससे समाज के अंतिम पायदान पर रहने वाले लोगों को फायदा मिले.

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