रांची: राजधानी के एक बड़े फाइनेंसर और ठेकेदार अमित खेतान की हत्या में पुलिस को राजधानी के एक चर्चित थानेदार के करीबी पर शक है. डीआइजी प्रवीण सिंह के निर्देश पर रविवार को मामले की जांच फिर से कांके थाना की पुलिस ने शुरू कर दी है. ग्रामीण एसपी एसके झा ने बताया कि पूर्व में किसी की संलिप्तता के संबंध में साक्ष्य नहीं मिलने पर केस का अनुसंधान बंद कर दिया था, लेकिन अब कुछ बिंदुओं पर पुलिस को साक्ष्य मिले हैं. इस वजह से फिर से केस का अनुसंधान शुरू किया गया है.
डीआइजी प्रवीण सिंह ने कहा कि वह केस की मॉनिटरिंग खुद करेंगे, ताकि हत्याकांड में शामिल अपराधी को गिरफ्तार किया जा सके. उल्लेखनीय है कि अलबर्ट एक्का चौक के समीप रहने वाले अमित खेतान की हत्या 30 अक्तूबर 2013 को कांके थाना के जुमार पुल के पास गोली मार कर की गयी थी. अपराधियों ने अमित खेतान की कार को ओवर टेक कर सिर में गोली मारी थी.
पुलिस ने कर दिया था केस बंद
कांके थाना में दर्ज केस का सुपरविजन डीएसपी से लेकर एसपी ने किया था. जांच के दौरान एक लड़की के शामिल होने की बात सामने आयी थी, जिसकी वजह से हत्या की घटना को अंजाम दिया गया था. जांच के दौरान पुलिस ने किसी पर हत्या का आरोप सही नहीं पाया. हत्या में शामिल किसी अपराधी का पुलिस को सुराग तक नहीं मिला. जिसके बाद पुलिस ने न्यायालय में अंतिम प्रतिवेदन भेज कर केस का अनुसंधान बंद कर दिया.
जिस पर शक, वह घूमता है थाना की जिप्सी से
थानेदार के जिस करीबी पर पुलिस को अमित खेतान की हत्या का शक है. वह वर्तमान में एक थाना की जिप्सी से घूमता है. रात में पेट्रोलिंग करता है. थानेदार के निर्देश पर वह अपराधियों को पकड़ कर थाना तक लाता है. उससे पूछताछ तक करता है. थाना में थानेदार के बाद अगर किसी की चलती है, तो सिर्फ उसकी. खबर है कि जिस पर पुलिस को हत्या करने का शक है, वह संबंधित थानेदार से हत्याकांड केस में पैरवी करने का अनुरोध किया था.