एचइसी: रिटायर्ड कर्मियों को राहत, ग्रेच्युटी का रास्ता साफ
रांची: एचइसी प्रबंधन ने सेवानिवृत्त कर्मियों को ग्रेच्युटी का भुगतान करने की तैयारी शुरू कर दी है. एचइसी के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार से ग्रेच्युटी भुगतान के लिए एचइसी को 48 करोड़ रुपये मिले हैं. उक्त राशि से 702 कर्मियों को भुगतान किया जायेगा. इस माह के अंतिम सप्ताह से भुगतान शुरू […]
रांची: एचइसी प्रबंधन ने सेवानिवृत्त कर्मियों को ग्रेच्युटी का भुगतान करने की तैयारी शुरू कर दी है. एचइसी के एक अधिकारी ने बताया कि केंद्र सरकार से ग्रेच्युटी भुगतान के लिए एचइसी को 48 करोड़ रुपये मिले हैं. उक्त राशि से 702 कर्मियों को भुगतान किया जायेगा. इस माह के अंतिम सप्ताह से भुगतान शुरू हो जायेगा. पिछले माह नरेंद्र मोदी सरकार ने कैबिनेट की बैठक में एचइसी को ग्रेच्युटी भुगतान के लिए 48 करोड़ रुपये की मंजूरी दी थी.
आर्थिक संकट के कारण सेवानिवृत्त कर्मियों को मार्च 2011 से एचइसी प्रबंधन ग्रेच्युटी नहीं दे पा रहा है. प्रबंधन ने कुछ कर्मियों को विशेष आग्रह पर बैंक से ऋण लेकर भुगतान किया था. ग्रेच्युटी का भुगतान मार्च 2014 तक रिटायर कर्मियों को नहीं हुआ है.
भुगतान में हो रही परेशानी को देखते हुए प्रबंधन ने निदेशक मंडल से मंजूरी लेकर ग्रेच्युटी की राशि भुगतान करने का प्रस्ताव भारी उद्योग मंत्रालय को भेजा था. एचइसी के प्रभारी सीएमडी विश्वजीत सहाय भारी उद्योग मंत्रलय में संयुक्त सचिव के पद पर भी हैं. इसका लाभ भी एचइसी को मिला. श्री सहाय ने एचइसी के पक्ष को विभागीय मंत्री के समक्ष रखा और इस पर पहल की गयी.
प्रोन्नति नीति में हो सकता है बदलाव
एचइसी प्रबंधन प्रोन्नति नीति में बदलाव कर सकता है. वर्तमान में एचइसी में प्रोन्नति के लिए गठित कमेटी लोगों का साक्षात्कार लेती है. साक्षात्कार में जो लोग सफल होते हैं उनको प्रोन्नति दी जाती है. जिन लोगों के विरुद्ध विजिलेंस में केस रहता है उसको किसी भी हाल में प्रोन्नति नहीं मिलती. सूत्रों ने बताया कि एचइसी में प्रोन्नति के लिए क्या आधार होगा इसका कोई जिक्र नीति में नहीं है. यह मामला सीएमडी के साथ विजिलेंस विभाग की बैठक में उठाया गया था. कहा गया कि प्रोन्नति का क्या आधार होगा, उसका जिक्र होना चाहिए. इसको एचइसी के वेबसाइट में भी डाला जाय ताकि प्रोन्नति में पारदर्शिता हो. इसे लेकर प्रबंधन प्रोन्नति नीति में बदलाव करने पर विचार कर रहा है.