उपेक्षा: राज्य गठन के बाद से अब तक नहीं हुई है अधिकारियों की नियुक्ति
रांची: झारखंड में अब तक राज्य शिक्षा सेवा नियमावली नहीं बनी है. राज्य गठन के बाद से अब तक झारखंड में शिक्षा सेवा संवर्ग के अधिकारियों की नियुक्ति भी नहीं हुई है. इससे राज्य के कई जिलों में शिक्षा पदाधिकारी के पद प्रभार के भरोसे चल रहा है. इधर, शिक्षा सेवा के अधिकारी काफी दिनों […]
रांची: झारखंड में अब तक राज्य शिक्षा सेवा नियमावली नहीं बनी है. राज्य गठन के बाद से अब तक झारखंड में शिक्षा सेवा संवर्ग के अधिकारियों की नियुक्ति भी नहीं हुई है. इससे राज्य के कई जिलों में शिक्षा पदाधिकारी के पद प्रभार के भरोसे चल रहा है. इधर, शिक्षा सेवा के अधिकारी काफी दिनों से राज्य में शिक्षा सेवा नियमावली बनाने की मांग कर रहे हैं.
अधिकारियों की मांग पर सरकार ने दो वर्ष पूर्व शिक्षा सेवा नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू की. पर अब तक नियमावली को अंतिम रुप नहीं दिया जा सका. इसमें कुछ बिंदुओं पर जानकारी मांगी गयी. जिससे मामला फंस गया.
सारी प्रक्रिया पूरी होने के बाद शिक्षा विभाग ने नियमावली को कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा था. शिक्षा विभाग द्वारा अब तक तीन बार प्रस्ताव कैबिनेट की स्वीकृति के लिए भेजा गया, प्रत्येक बार मंत्रिमंडल समन्वय ने अलग-अलग कारणों से प्रस्ताव वापस कर दिया. दस अक्तूबर को हुई कैबिनेट में शिक्षा सेवा नियमावली को भेजा गया था. नियमावली को यह कहते हुए वापस कर दिया गया कि शिक्षा पदाधिकारियों की नियुक्ति का रोड मैप क्या है इसकी जानकारी दी जाये.
स्वीकृति के लिए तीन बार कैबिनेट भेजा गया प्रस्ताव
नियमावली की स्वीकृति के लिए तीन बार प्रस्ताव कैबिनेट को भेजा गया. प्रस्ताव को शिक्षा, विधि, कार्मिक व योजना विभाग की स्वीकृति पहले ही मिल चुकी है. इसके बाद भी नियमावली नहीं बनने से शिक्षा सेवा संवर्ग के अधिकारियों में आक्रोश व्याप्त है. संवर्ग के अधिकारियों का कहना है कि पहले शिक्षा सेवा संवर्ग का पद ले लिया गया, और अब नियमावली नहीं बनने दिया जा रहा है.
राज्य में नहीं मिली प्रोन्नति
बिहार शिक्षा सेवा नियमावली के तहत शिक्षा अधिकारियों को छह वर्ष पर प्रोन्नति मिलने का प्रावधान था. झारखंड में शिक्षा सेवा नियमावली नहीं बनने से अधिकारियों को राज्य गठन के बाद से अब तक एक भी प्रोन्नति नहीं मिली है. राज्य में अब तक दो दर्जन से अधिक पदाधिकारी बिना प्रोन्नति के ही सेवानिवृत्त हो गये. एक दर्जन से अधिक अधिकारी अगले दो वर्ष में सेवानिवृत्त हो जायेंगे.
प्रभार के भरोसे है पद
राज्य में शिक्षा सेवा के अधिकारियों की कमी है. राज्य के पांच प्रमंडल में से मात्र एक में ही आरडीडीइ के पद पर आरडीडीइ रैंक के पदाधिकारी पदस्थापित हैं. तीन प्रमंडल में आरडीडीइ का पद प्रभार के भरोसे चल रहा है. एसडीइओ स्तर के अधिकारी से डीइओ का कार्य लिया जा रहा है.