गोलियों की तड़तड़ाहट से थर्राया कदमा बाजार

रांची/जमशेदपुर: जमशेदपुर के कदमा बाजार में राजकिशोर पांडेय, बबलू सिंह और सुमन सिंह पर जिस वक्त हमला हुआ, उस वक्त शाम के छह बज रहे थे. घटनास्थल के बगल में झामुमो का कार्यालय है जबकि उसके चार कदम की दूरी पर कदमा बाजार का सब्जी हाट है, जहां काफी ज्यादा भीड़ लगी थी. जैसे ही […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2014 1:23 AM

रांची/जमशेदपुर: जमशेदपुर के कदमा बाजार में राजकिशोर पांडेय, बबलू सिंह और सुमन सिंह पर जिस वक्त हमला हुआ, उस वक्त शाम के छह बज रहे थे.

घटनास्थल के बगल में झामुमो का कार्यालय है जबकि उसके चार कदम की दूरी पर कदमा बाजार का सब्जी हाट है, जहां काफी ज्यादा भीड़ लगी थी. जैसे ही गोलियों की आवाज सुनायी दी, वैसे ही भगदड़ मच गयी. हर शख्स बदहवास इधर-उधर भागने लगा. किसी को कुछ समझ में नहीं आ रहा था कि माजरा क्या है. इस हादसे ने पुलिस की व्यवस्था पर सवाल उठ गया है.

पहले बॉडीगार्ड पर किया हमला

कदमा बाजार में किशोर पांडेय और उनके साथियों की हत्या एक सोची समझी साजिश थी. पुलिस के मुताबिक संभवत: अपराधी पतरातू से लेकर जमशेदपुर तक उनका पीछा कर रहे थे. मौके मिलते ही घटना को अंजाम दिया गया. अपराधियों ने सबसे पहला निशाना बॉडीगार्ड बबलू सिंह को बनाया. हमलावरों को यह मालूम था कि किशोर पांडेय के पास कोई हथियार नहीं है. बॉडीगार्ड के पास ही हथियार है. गोलीबारी में बॉडीगार्ड और किशोर पांडेय मारा गया, जबकि सुमन सिंह घायल हो गया. सुमन सिंह को खस्सी (मटन) की दुकान से भागते वक्त गोली मारी गयी, जो उसके पैर में लगी.

राजू धनुका हत्याकांड में आया था नाम

किशोर पांडेय पतरातू क्षेत्र के सांकुल बस्ती निवासी का रहनेवाला था और कामेश्वर पांडेय का पुत्र था. वह क्षेत्र के चर्चित अपराधी भोला पांडेय का भतीजा था. भोला पांडेय की हत्या कोर्ट में पेशी के लिए लाने के क्रम में दुमका क्षेत्र में हुई थी. किशोर भी आपराधिक प्रवृति का था और झारखंड समेत बंगाल और बिहार में उसका दबदबा था.

ट्रांसपोर्टिग, कोयला व्यवसाय, रैक लोडिंग, सेल सेंटर, ठेकेदारों से उसे रंगदारी मिलती थी. इसने वर्ष 2002 में रेलवे कॉलोनी पतरातू में ठेकेदार उमेश सिंह, उसी वर्ष मेन रोड पतरातू में विनोद कुमार, 2014 में रेलवे कॉलोनी में दारा नामक युवक की हत्या के बाद वह अपराध जगत में सुर्खियों में आया. इसके बाद पुलिस ने उसे पतरातू स्थित उसके घर से गिरफ्तार किया था, लेकिन हजारीबाग कोर्ट में पेशी के दौरान वह पुलिसकर्मियों की आंखों में मिर्च झोंक कर हथकड़ी समेत भाग निकला था.

2006 में उरीमारी कांटा पर मोटू मांझी हत्याकांड, जनवरी 2007 में सयाल अस्पताल के सामने सकरुल्ला अंसारी की हत्या, 12 नवंबर 2008 को रांची में उरीमारी के मजदूर नेता शर्मा मांझी तथा अगस्त 2008 में रविंद्र सिंह नामक कीहत्या में भी उसका नाम आया था. बताया जाता है कि 2010 में रांची में हुए कोयला व्यवसायी व फायनांसर राजू धानुका की हत्या में भी उसका हाथ था. रांची, रामगढ़, पतरातू समेत राज्य के कई थानों में उस पर कई मामले दर्ज थे.

पुलिस ने किशोर के चालक को लिया हिरासत में

किशोर पांडेय व उसके अंगरक्षक की हत्या करने के मामले में पुलिस ने शक के आधार पर स्कार्पियों चालक मोहम्मद सुफैर आलम को हिरासत में लिया है. उससे कदमा थाने में पूछताछ की जा रही है. पुलिस की माने, तो घटना को अंजाम देने में शहर के बाहर के प्रोफेशनल शूटर का हाथ है. किशोर पांडेय के आने- जाने की पूरी जानकारी शूटरों को मिल रही थी. किशोर पांडेय बुधवार की शाम को मटन की दुकान पर जाने वाले हैं, इसके बारे में भी शूटरों को पहले से जानकारी मिली हुई थी. काफी देर से उसकी रेकी कर रहा था. पुलिस चालक के अलावा परिवार के कई लोगों से भी किशोर के बारे में जानकारी ले रही है.

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