जफर सरेसवाला ने कहा: पिछड़ेपन के लिए मुसलिम खुद जिम्मेवार,शिक्षा बिना विकास संभव नहीं

रांची: शिक्षा के बिना अपना व समाज का विकास संभव नहीं है. अपने अधिकार पाने के लिए व समाज को बदलने के लिए शिक्षा एक बड़ा हथियार है. इसके बिना हम कुछ भी हासिल नहीं कर सकते. मरहबा वेलफेयर सोसाइटी की ओर से मुस्लिमों में शिक्षा व विकास विषयक सेमिनार में गुजरात के व्यवसायी और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 6, 2014 6:28 AM

रांची: शिक्षा के बिना अपना व समाज का विकास संभव नहीं है. अपने अधिकार पाने के लिए व समाज को बदलने के लिए शिक्षा एक बड़ा हथियार है. इसके बिना हम कुछ भी हासिल नहीं कर सकते.

मरहबा वेलफेयर सोसाइटी की ओर से मुस्लिमों में शिक्षा व विकास विषयक सेमिनार में गुजरात के व्यवसायी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मित्र जफर सरेसवाला ने ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि कुरान के पहले अध्याय में ही हमें शिक्षा के बारे में जानकारी मिलती है.

इसके बावजूद हम पिछड़ गये है. इस पिछड़ेपन के लिए हम स्वयं जिम्मेवार है. हमें शिक्षा के महत्व को समझना होगा तभी हम उच्च शिक्षा के बारे में सोच सकते है. शिक्षा प्राप्त करने के लिए हमें कष्ट भी सहन करना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए. शिक्षा से ही हम अपनी मंजिल को हासिल कर पायेंगे. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि शिक्षा के लिए हमें चीन भी जाना पड़े तो एतराज नहीं होना चाहिए. सेमिनार में धन्यवाद ज्ञापन एसएस अख्तर ने किया. कार्यक्रम में डॉ जावेद अहमद, डॉ मजीद आलम, डॉ शाहिद अख्तर सहित अन्य ने भी अपने विचार व्यक्त किये. डॉ असलम परवेज व हाजी मुसा ने स्मृति चिह्न् दिया. कार्यक्रम में मरहबा वेलफेयर के नेहाल, शाहिद, नैय्यर के अलावा शमीम अंसारी, हाजी सईद, ए हुसैन, शमशाद अनवर, ए आबदीन, मंजर इमाम व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे.

स्वयं को मुख्य धारा से अलग न समङों

सरेसवाला ने कहा कि मुसलिम अपने को कभी भी मुख्य धारा से अलग न समङों.सरकार जो भी कर रही है वह सबके लिए कर रही है. मुसलिमों के लिए अलग से कुछ करने की जरूरत नहीं है. हमें आरक्षण की भी जरूरत नहीं है. हम अपने विकास के लिए खुद सक्षम हैं. उन्होंने कहा कि पिछले छह दशकों से हमलोगों को रबर स्टांप समझा जा रहा था. अब वैसे हालात नहीं है.

संपन्न लोगों को आगे आना होगा
शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए समाज के संपन्न लोगों को आगे आने की जरूरत है. उनका कर्तव्य बनता है कि वह अपने आस-पड़ोस के बच्चों की शिक्षा का ध्यान रखें. यदि उनके बगल का बच्च स्कूल नहीं जा रहा है तो इसके लिए स्वयं पहल करनी चाहिए. ऐसा करने से ही हम अपने मोहल्ले, समाज, जिला व राज्य का विकास कर पायेंगे.

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