सुरक्षा कवच है सीएनटी एक्ट: सोरेंग

रांची: छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) के 106 वर्ष पूरे होने के मौके पर सत्यभारती सभागार, पुरुलिया रोड में ‘भू अधिकार दिवस कार्यक्रम’ का आयोजन हुआ. इसमें आदिवासी मामलों के जानकार, अधिवक्ता जेवियर सोरेंग ने कहा कि सीएनटी एक्ट हमारी धरोहर और हमारे पूर्वजों के संघर्ष का परिणाम है. इसके प्रावधान हमारे सुरक्षा कवच हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 12, 2014 6:47 AM

रांची: छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम (सीएनटी एक्ट) के 106 वर्ष पूरे होने के मौके पर सत्यभारती सभागार, पुरुलिया रोड में ‘भू अधिकार दिवस कार्यक्रम’ का आयोजन हुआ.

इसमें आदिवासी मामलों के जानकार, अधिवक्ता जेवियर सोरेंग ने कहा कि सीएनटी एक्ट हमारी धरोहर और हमारे पूर्वजों के संघर्ष का परिणाम है. इसके प्रावधान हमारे सुरक्षा कवच हैं. यदि इसमें संशोधन की बात आती है, तो पहले उन लोगों का नजरिया समझना आवश्यक है, जिनके लिए यह कानून बना.

पूर्व एडीएम, पीएनएस सुरीन ने कहा कि सीएनटी एक्ट आदिवासियों के विकास में बाधक नहीं, बल्कि विकास का आधार है. लाओस हंसदा ने कहा कि सीएनटी और एसएनटी हमारे अधिकार व पहचान का मूल है. अनमोल टुडू ने कहा कि इस एक्ट को बचाने के लिए हमें दलगत भावना से ऊपर उठना होगा. वीरसिंह सिंकु ने कहा कि सीएनटी एक्ट में संशोधन के संदर्भ में व्यावहारिकता का ध्यान रखना चाहिए. निर्मल मुंडा ने कहा कि सीएनटी एक्ट आदिवासियों के अस्तित्व का आधार है. एलिना होरो ने कहा कि जमीन हमारी सामूहिक संपत्ति है. इसकी रक्षा के लिए महिला- पुरुष, दोनों को मिल कर संघर्ष करना होगा.

हड़बड़ी में संशोधन का निर्णय नहीं लिया जाये
कार्यक्रम के दौरान यह विचार उभर कर आये कि सीएनटी एक्ट के तहत जमीन की खरीद बिक्री के लिए थाना क्षेत्र का प्रतिबंध हटाने पर हड़बड़ी में कोई निर्णय नहीं लिया जाये. इस पर व्यापक बहस व अध्ययन जरूरी है. संशोधन का प्रस्ताव फिलहाल स्थगित किया जाये. जमीन बंधक रखने के बजाये वैकल्पिक उपाय खोजे जायें. कार्यक्रम में सनिका भेंगरा, सीरत कच्छप, पुष्पा तिग्गा, नवीन मुंडू, विनीत मुंडू, सोमाय मारकी, संजय मुंडा सहित लैंड राइट्स कैंपेन सेंटर, जोहार, इंडिजिनस सेंटर फॉर लैंड रिसोर्स एंड गवर्नेस, आदिवासी वीमेंस नेटवर्क, झारखंडी आदिवासी डिस्कशन ग्रुप के कई सदस्य शामिल हुए.

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