रांची: रिम्स में एमइआरएस कोरोना का एक संदिग्ध मरीज मिला है. उसे रिम्स के आइसोलेशन वार्ड में भरती किया गया है. मरीज को फिजिशियन डॉ जेके मित्र की यूनिट में रखा गया है, लेकिन उनका इलाज डॉ ए पाल कर रहे है.
कोडरमा निवासी मरीज हज पर गये थे. वहां उनको बुखार हुआ था. हज से लौटने के बाद भी उनका बुखार ठीक नहीं हुआ है. सर्विलेंस पदाधिकारी एवं एक्सपर्ट टीम का कहना है कि संदेह के आधार पर उनकी जांच की जा रही है. रिम्स के माइक्रोबॉलोजी विभाग के अधिकारी भी उस पर नजर रखे हुए हैं. क्या उन्हें इबोला है, इसकी भी जांच हो रही है. इसके लिए ब्लड सैंपल लिया गया है.
क्या है कोरोना
यह बीमारी वायरस से होती है. इसमें भी मरीज को बुखार, सर्दी-खांसी, निमोनिया होता है. यह बीमारी मरीज के संपर्क में आने से होती है. छींकने एवं खांसने से यह बीमारी एक से दूसरे में फैलती है.
जांच के लिए लिया गया मरीज का ब्लड सैंपल
रिम्स के माइक्रोबॉयोलॉजी विभाग की टीम गुरुवार को आइसोलेशन वार्ड गयी एवं उक्त एमइआरएस कोरोना के संदिग्ध मरीज का ब्लड सैंपल लिया. टीम में डॉ असरफ, डॉ कर्ण एवं अंजलि सिंह शामिल थीं. डॉ जेके मित्र ने बताया कि उसे संदिग्ध मरीज माना जा रहा है. वह मरीज मेरे यूनिट में भरती तो है, लेकिन अभी उसका इलाज दूसरे चिकित्सक कर रहे है. जांच में पुष्टि होने के बाद पूरी टीम इलाज करेगी.
इबोला की नहीं है आशंका : डॉ रमेश प्रसाद
मरीज में इबोला होने की आशंका नहीं है. उसमें एमइआरएस कोरोना की आशंका व्यक्त की जा रही है. हालांकि जांच के लिए उसका ब्लड सैंपल लिया गया है. अभी तक भारत में इबोला का मरीज नहीं मिला है. हज यात्राी होने के कारण उसकी जांच करायी जा रही है. हज वाले देश के पड़ोसी देशों में एमइआरएस कोरोना हो रहा है, इसलिए यह आशंका व्यक्त की गयी है.
डॉ रमेश प्रसाद, राज्य सर्विलेंस पदाधिकारी
क्या है इबोला
यह वायरल डिजीज है. यह बीमारी मुख्यत: अफ्रीका के देशों में पायी गयी है. यह संपर्क से होने वाली बीमारी है. इस बीमारी से बचने के लिए मरीज से उचित दूरी बना कर रहना चाहिए. इस बीमारी में सामान्य लक्षण ही पाये जाते हैं. मरीज को बुखार, सर्दी व खांसी होती है.