पुलिस मुख्यालय ने माना, नक्सल प्रभावित इलाकों में अंधेरा होने पर प्रभावी नहीं रहती सुरक्षा व्यवस्था
रांची: निर्वाचन आयोग का निर्देश है कि नक्सली और पीएलएफआइ उग्रवाद प्रभावित इलाके में उम्मीदवारों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दी जाये. विशेष कर राष्ट्रीय दल और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के उम्मीदवारों को. निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय चुनाव कोषांग की ओर से प्रत्याशियों की सुरक्षा से […]
रांची: निर्वाचन आयोग का निर्देश है कि नक्सली और पीएलएफआइ उग्रवाद प्रभावित इलाके में उम्मीदवारों की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा कर उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दी जाये. विशेष कर राष्ट्रीय दल और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के उम्मीदवारों को.
निर्वाचन आयोग के निर्देश के बाद पुलिस मुख्यालय चुनाव कोषांग की ओर से प्रत्याशियों की सुरक्षा से संबंधित आदेश जारी कर दिया गया है. इसमें सभी जिलों के एसपी को बताया गया है कि प्रत्याशियों के भ्रमण पर लगातार निगरानी रखें.
पुलिस मुख्यालय की ओर से सभी एसपी को बताया गया है कि नक्सल और उग्रवाद प्रभावित इलाके में प्रत्याशियों के भ्रमण के दौरान सुरक्षा के लिए जो ओपेन रोड पेट्रोलिंग (आरओपी) और सुरक्षा व्यवस्था दी जाती है, वह व्यवस्था अंधेरा होने पर प्रभावी नहीं रह जाता है. इसलिए संबंधित जिला के एसपी प्रत्याशियों को सुरक्षा व्यवस्था की सीमाओं से अवगत करायें, और संबंधित प्रत्याशी से सहयोग करने का अनुरोध करें.
सुरक्षा के कारण गांव के भीतर नहीं जा पा रहे प्रत्याशी
विधानसभा चुनाव के द्वितीय चरण में जिन विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव होने हैं. उनमें से अधिकांश क्षेत्र उग्रवाद और नक्सल प्रभावित हैं. इन वजह से अधिकांश प्रत्याशी रात में तो क्या, दिन में प्रचार के लिए नहीं जा पा रहे हैं. खबर है कि कुछ प्रत्याशी, जिनके गांव के लोगों के बीच अच्छी पकड़ है, वे पहले संबंधित व्यक्ति से बात करते हैं. इसके बाद ही नक्सल और उग्रवाद प्रभावित इलाके में प्रचार के लिए जा रहे हैं.