विद्यालय में 13,635 सीटें रिक्त

रांची: राज्य के कस्तूरबा गांधी विद्यालय अपने नामांकन लक्ष्य से पीछे हैं. राज्य में स्थित 203 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में लगभग 13,635 सीटें रिक्त हैं. इनमें कक्षा छह से बारहवीं तक की पढ़ाई होती है. कक्षा छह से आठ में राज्य के विद्यालय में कुल 20,300 सीट है, जिनमें से 18,936 छात्रओं का नामांकन […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 6, 2014 3:42 AM
रांची: राज्य के कस्तूरबा गांधी विद्यालय अपने नामांकन लक्ष्य से पीछे हैं. राज्य में स्थित 203 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में लगभग 13,635 सीटें रिक्त हैं. इनमें कक्षा छह से बारहवीं तक की पढ़ाई होती है. कक्षा छह से आठ में राज्य के विद्यालय में कुल 20,300 सीट है, जिनमें से 18,936 छात्रओं का नामांकन हुआ है. जबकि कक्षा नौ से 12 तक में 40,600 सीटें है. जिनमें 28,329 छात्रओं का नामांकन हुआ है. कक्षा छह से आठ तक में 1364 व नौ से 12वीं तक में 12,271 सीटें खाली है.
भारत सरकार ने वर्ष 2004 में महिला साक्षरता दर बढ़ाने के लिए कस्तूरबा गांधी विद्यालय योजना शुरू की थी. इसके तहत वैसे क्षेत्रों में लड़कियों के लिए आवासीय विद्यालय बनाये गये, जहां एसटी, एससी, ओबीसी व अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों में साक्षरता दर कम हो. कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में पहले वर्ग छह से आठ तक की पढ़ाई होती थी. बाद में इनको अपग्रेड किया गया. इन स्कूलों में पढ़नेवाली लड़कियों को किताब व भोजन आदि का खर्च सरकार वहन करती है. इसके बावजूद स्कूलों में नामांकन का लक्ष्य पूरा नहीं हो पा रहा है.
मध्य से प्लस टू तक अपग्रेड हुआ विद्यालय : कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई होती है. विद्यालय को अपग्रेड कर प्लस टू स्तर तक कर दिया गया, लेकिन संसाधन में कोई बढ़ोतरी
नहीं हुई. केंद्र सरकार की ओर से कस्तूरबा गांधी विद्यालय में कक्षा छह से आठ तक की पढ़ाई शुरू की गयी थी. राज्य सरकार की ओर से पहले नौ व दस व फिर प्लस टू स्तर तक की पढ़ाई शुरू की गयी.
नामांकन के बाद छोड़ देती हैं स्कूल
कस्तूरबा गांधी विद्यालय में नामांकन के बाद भी छात्रएं स्कूल छोड़ देती है. ड्रॉप आउट रेट अधिक होने के कारण विद्यालय में सीट खाली रह जाती है. बीच सत्र में छात्रओं द्वारा स्कूल छोड़ने के कारण नामांकन भी नहीं हो पता है. ड्रॉप आउट रेट कम करने के लिए शिक्षा विभाग ने योजना तैयार कर रही है.
कई जिलों में आधी सीट खाली
कक्षा छह से आठ की अपेक्षा कक्षा नौ से 12 वीं तक में अधिक सीटें रिक्त हैं. कुछ जिलों में आधी से अधिक सीटें रिक्त हैं. पाकुड़ जिले की 1200 में से 340 व सिमडेगा की 1400 में से 578 सीटों पर ही नामांकन हुआ है. कुछ जिलों में 40 फीसदी तक सीटें रिक्त हैं.

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