रांची : खाद्य आपूर्ति विभाग में राज्य खाद्य निगम (एसएफसी) के गोदामों के लिए चयनित स्टॉक मॉनिटरिंग एजेंसी के चयन को लेकर विवाद गहरा रहा है. पिछली सरकार के कार्यकाल में दक्षिण छोटानागपुर प्रमंडल स्थित 55 गोदामों के लिए चयनित एजेंसी की चयन प्रक्रिया व एजेेंसी की कर्यशैली पर सवाल उठाते हुए विभागीय मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण सिंह को पत्र लिखा है.
इसमेंं कहा गया है कि किन परिस्थितियों में जनवरी-2017 में चयनित एजेंसी का कार्यादेश चयन के तुरंत बाद रद्द कर जुलाई-2019 में (पूर्व की सरकार में) दूसरी एजेंसी का चयन एनसीइडीएक्स ई मार्केट लिमिटेड (एनइएमएल) के माध्यम सेे किया गया.
जबकि पूर्व की एजेंसी को काम प्रति गोदाम प्रति माह 43070 रु की दर सेे मिला था. वहीं नयी एजेेंसी को यह काम 59954 रु प्रति गोदाम प्रति माह की दर से मिला हैै. मंत्री ने यह ध्यान भी दिलाया हैै कि स्टॉक मॉनिटरिंग एजेंसी की व्यवस्था मानव संसाधन की कमी के कारण सिर्फ तीन साल के लिए ही थी. पर पूर्व की निविदा के जरिये चयनित एजेंसी से काम न लेकर दो वर्ष सात माह बाद नयी एजेंसी का चयन तीन वर्ष के लिए कर लिया गया.
मंत्री के अनुसार ऐसा करने का अौचित्य समझ से परे है. वह भी तीन साल के करार के साथ. जबकि निविदा संबंधी संकल्प के अनुसार एजेंसी केे साथ पहले छह माह का करार होना था. इसके बाद इसके एक माह के कार्यों की समीक्षा कर तथा इससे संतुष्ट होने के बाद ही तीन साल का करार होने की शर्त थी. मंत्री का सवाल यह भी हैै कि जब संकल्प मेें उक्त तीन वर्षो के दौरान ही नियमित नियुक्ति कर लेेनी थी, तो ऐसा न कर नयी एजेेंसी का चयन क्यों हुआ.
posted by : sameer oraon