रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने राज्य में एक के बाद एक नौ सरकारें बदलने के कारण विकास की मध्यम गति की बात स्वीकार करते हुए आधारभूत संरचना के निर्माण की वचनबद्धता दोहराई और दावा किया कि उनकी सरकार ने प्रथम तीन माह में ही राज्य की जनता का खोया विश्वास वापस जीतने में सफलता प्राप्त की है.
मुख्यमंत्री ने यहां कल दिये एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि अलग झारखंड राज्य के निर्माण के बाद से जिस प्रकार यहां अल्प समय में नौ सरकारें बदलीं और बार बार राष्ट्रपति शासन लगाया गया उससे जन आकांक्षाओं पर सरकारें खरी नहीं उतर सकीं और धीरे-धीरे लोगों का सरकार पर से विश्वास ही उठ गया.
दास ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘किसी भी राज्य, देश या शासन का मुख्य आधार उसकी जनता होती है और सरकार के प्रति जनता का विश्वास ही उसे विकास के लिए प्रेरित करता है. यदि यह कडी टूट जाए तो कोई कार्य नहीं हो सकता है. मेरी सरकार ने तीन माह के अपने सुशासन से राज्य की जनता का खोया विश्वास वापस जीतने में सफलता प्राप्त की है.’’
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि उनकी पूर्ण बहुमत की सरकार ने पिछले वर्ष 28 दिसंबर को सत्ता संभालने के बाद तीन माह के सुशासन से सरकार के प्रति लोगों का खोया हुआ विश्वास पुन: प्राप्त किया है. झारखंड में राजनीतक अस्थिरता ही एक मात्र समस्या नहीं रही है, राज्य को सुचारु रुप से चलाने के लिए अत्याधुनिक आधारभूत संरचना, बिजली, सडकों और किसानों के लिए सिंचाई की व्यवस्था का होना भी आवश्यक है जो अबतक नहीं बन सकी.
उन्होंने कहा कि राज्य में अत्याधुनिक आधारभूत संरचना खडा करने के लिए उनकी सरकार ने कमर कस ली है और इसके लिए आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सुशासन स्थापित करने के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और स्वच्छता जैसी बुनियादी जरुरतें गरीबों और वंचितों तक पहुंचाना भी जरुरी है.
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘झारखंड में 42 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा के नीचे जीवन बसर कर रहे हैं मेरी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इन लोगों का जीवनस्तर उंचा हो. इसके लिए सरकारी योजनाओं को सुदृढ किया जायेगा और आवश्यक होने पर नई योजनाएं भी शुरु की जायेंगी.’’ दास ने अनुसूचित जाति और जनजाति के विकास पर जोर देते हुए कहा कि झारखंड में आदिवासियों की बडी संख्या निवास करती है और उनके साथ यहां वर्षों से नाइंसाफी हुई है जिसे अब हर हाल में रोका जायेगा.
राज्य के निर्माण के बाद विगत चौदह वर्षों में राज्य में नई राजधानी और विधानसभा भवन तक नहीं बन पाने के बारे में पूछने पर मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘नई सरकार पूरी उर्जा से जुटी है और बहुत शीघ्र राज्य के नये विधानसभा भवन का शिलान्यास किया जायेगा तथा अगले तीन वर्षों के भीतर इनका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जायेगा. नई राजधानी का शिलान्यास भी इस वर्ष के अंत तक कर लिया जायेगा.’’
झारखंड के गठन के चौदह वषो’ के बाद भी यहां नई राजधानी का निर्माण नहीं हो सका है और राज्य का सचिवालय और विधानसभा हेवी इंजीनियरिंग कार्पोरेशन (एचईसी) से किराये पर लिये गये भवनों में ही अबतक काम कर रहे हैं. झारखंड में ग्रेटर रांची के निर्माण के लिए शहर से 15 किलोमीटर दूर सुकरहुट्टू गांव में केंद्र की तत्कालीन वाजपेयी सरकार में उपप्रधानमंत्री एवं गृहमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने राज्य निर्माण के ठीक दो वर्ष बाद 15 नवंबर, 2002 को आधारशिला रखी थी, लेकिन इस महत्वाकांक्षी योजना को कभी भी पंख नहीं लग सके.