रांची: रांची में बिरसा मुंडा एयरपोर्ट व इसके आसपास के इलाके में सोमवार दिन के करीब 3.40 बजे टोरनेडो ने तबाही मचायी. रांची में पहली बार टोरनेडो आया. इसने कई पेड़ उखाड़ दिये. हुंडरू गांव जानेवाली सड़क के किनारे भी दो पेड़ उखड़ गये. एयरपोर्ट के न्यू टर्मिनल बिल्डिंग का ऊपरी हिस्सा उड़ कर करीब 500 मीटर से अधिक दूर गिरा. टोरनेडो एयरपोर्ट के रनवे से 200 मीटर की दूरी से गुजरा. इसके ठीक पांच मिनट बाद जेट एयरवेज का विमान (कोलकाता-रांची) रनवे पर उतरा. इसमें 60 यात्री सवार थे. रनवे पर गो एयरवेज का विमान खड़ा था. इसे दिल्ली के लिए उड़ान भरनी थी. इसमें 140 यात्री सवार थे. दोनों विमान टोरनेडो की चपेट में आने से बच गये, नहीं तो बड़ा हादसा हो जाता.
इसने घनी आबादी में प्रवेश नहीं किया, नहीं तो बड़ी तबाही हो सकती थी. मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जे मोहंती के अनुसार, इसकी गति 60 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास थी.
भागने लगे लोग : रांची के लोगों ने पहली बार इस तरह का टोरनेटो देखा. वे इधर-उधर भागने लगे. एयरपोर्ट के पास मौजूद लोगों ने बताया : टर्मिनल बिल्डिंग की दक्षिण दिशा से अचानक तेज हवा आयी. यह उत्तर की ओर बढ़ने लगी. लोग कुछ समझ पाते, इससे पहले टर्मिनल बिल्डिंग का ऊपरी हिस्सा उड़ने लगा. आसपास लगे कई होर्डिग्स उखड़ गये. टोरनेडो ने एयरपोर्ट के बाहर खड़े एक कुत्ते को अपनी चपेट में ले लिया. लोगों के अनुसार, कुत्ता करीब 100 मीटर की दूरी पर जाकर गिरा. एक बकरी की मौत हो गयी. छठ तालाब का पानी ऊपर उठ गया.
पिलर पकड़ जान बचायी : एयरपोर्ट के पास मौजूद गुड्डू लाल ने बताया : किसी को कुछ सोचने का समय ही नहीं मिला. तीन लोगों ने पिलर पकड़ कर किसी तरह अपनी जान बचायी. ऐसा लग रहा था, जैसे मौत सामने है. कुछ समझ में नहीं आ रहा था. एयरपोर्ट के कैनोपी में रखी ट्रॉली अचानक ऊपर उठ गयी, कुछ देरबादजमीन पर गिरी. कई गमले पलट गये. करीब 10 मिनट तक लोग दहशत में रहे. टोरनेडो के आगे बढ़ने और कमजोर होने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली.
टोरनेडो के बाद हुई बारिश
टोरनेडो के गुजरने के बाद बिरसा चौक, हिनू, डोरंडा के आसपास जम कर बारिश हुई. इससे जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया. सड़कों पर पानी जमा हो गया
नुकसान का आकलन अभी नहीं
टोरनेडो से एयरपोर्ट की टॉप सीट उखड़ गयी. एप्रोन में खड़ी जेट एयरवेज की बस का शीशा टूट गया. एक ट्रॉली 5 से 7 मीटर ऊपर उड़ गयी. इसके नीचे गिरने पर आसपास थोड़ा नुकसान हुआ है. जेट एयरवेज का एक कर्मचारी भागने के क्रम में घायल हो गया. नुकसान का आकलन अभी नहीं हुआ है.
– राजू राघवेंद्र, निदेशक, एयरपोर्ट
एक विमान खड़ा था, दूसरा उतरनेवाला था
जब टोरनेडो आया, उस समय एयरपोर्ट के रनवे पर गो एयरवेज का विमान खड़ा था. विमान को दिल्ली के लिए उड़ान भरनी थी. इसमें 140 यात्री सवार थे. विमान ने करीब 3.50 बजे उड़ान भरी कोलकाता से रांची आ रहे विमान को लैंड करना था. टोरनेडो के गुजर जाने के करीब पांच मिनट बाद विमान ने लैंडिंग की. इसमें 60 यात्री सवार थे.
60 किमी थी गति
इसकी गति 60 किमी प्रति घंटे के आसपास थी. यह फनेल क्लाउड की तरह लग रहा था. इससे पहले इतनी तेज गति से हवा आसपास नहीं दिखी थी. इसकी सूचना देना विभाग के लिए संभव नहीं है. जे मोहंती, निदेशक, मौसम विज्ञान विभाग
क्या है टोरनेडो
टोरनेडो गोलाकार घूमती हिंसक हवा है. इसकी रफ्तार 40 किमी प्रति घंटा से लेकर 800 किमी (अब तक ज्ञात) प्रति घंटा होती है. यह जिस रास्ते से गुजरता है, तबाही मचाता है. वैज्ञानिकों ने इसकी तीव्रता मापने के लिए टी-0 से लेकर टी-11 तक स्केल बनाया है. हवा के कम दबाव के कारण बनता है. इसमें मलबा, धूल व संघनित धुआं (फनेल) विभिन्न आकार-प्रकार ले लेता है, जो धरती की सतह से बादलों के छोर तक को छूता जान पड़ता है.
आम तौर पर टोरनेडो एक से 3.2 किमी तक के सफर के बाद गायब होते हैं. अंटार्कटिका को छोड़ टोरनेडो हर महादेश में देखे गये हैं. हालांकि यह ज्यादा ऊंचाई वाले इलाके में विरले दिखायी देता है. रांची में सोमवार से पहले टोरनेडो शायद नहीं देखा गया है.