झारखंड विशेष दर्जे का अधिकारी है : आजसू

रांची : झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो ने आज यहां घोषणा की कि झारखंड विशेष दर्जे का अधिकारी है और वह उसे यह अधिकार दिलाकर रहेंगे तथा इसके लिए 21 सितंबर से अधिकार यात्र पूरे राज्य में निकाली जायेगी.अर्जुन मुंडा सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे महतो ने आज यहां पत्रकारों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 28, 2013 8:12 PM

रांची : झारखंड के पूर्व उपमुख्यमंत्री और आजसू पार्टी के अध्यक्ष सुदेश महतो ने आज यहां घोषणा की कि झारखंड विशेष दर्जे का अधिकारी है और वह उसे यह अधिकार दिलाकर रहेंगे तथा इसके लिए 21 सितंबर से अधिकार यात्र पूरे राज्य में निकाली जायेगी.अर्जुन मुंडा सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे महतो ने आज यहां पत्रकारों से बातचीत में दो टूक कहा कि झारखंड गाडगिल फार्मूले के अनुसार विशेष राज्य का दर्जा पाने के लिए आवश्यक सभी अर्हताएं पूरी करता है, लिहाजा उसे विशेष राज्य का दर्जा केंद्र सरकार को देना चाहिए.

उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार ने उनकी बात सीधे तरीके से नहीं सुनी तो उनकी पार्टी इसके लिए लंबी लड़ाई लड़ेगी और पूरे राज्य में लोगों को यह बात समझाने के लिए 21 सितंबर से अधिकार यात्रा निकालेगी. उन्होंने केंद्र सरकार के इस फैसले पर गहरा अफसोस जाहिर किया कि एक तरफ बिहार को तो उसने विशेष राज्य का दर्जा देने के लिए विचार कोटि में शामिल कर लिया है दूसरी तरफ झारखंड जैसे पहाड़ी और जंगली तथा अल्पविकसित राज्य को उसने विचार कोटि में भी शामिल नहीं किया है.

सुदेश महतो ने जोर देकर कहा कि विशेष राज्य का दर्जा पाने के लिए तय आठों मापदंडों पर झारखंड खरा उतरता है और इससे उसे महरुम नहीं रखा जा सकता है. उन्होंने कहा कि गाडगिल फार्मूले को 1969 में राष्ट्रीय विकास परिषद् की बैठक में स्वीकार किया गया था जिसके अनुसार जिस राज्य को आर्थिक विकास के लिए विशेष दर्जा दिया जाना है उसके बड़े हिस्से पहाड़ी और वनाच्छादित होने चाहिए और इस मापदंड पर झारखंड पूरी तरह खरा उतरता है क्योंकि उसके तीस प्रतिशत हिस्से वनाच्छादित हैं और पहाड़ी और पठारी हैं.

गाडगिल फार्मूले के अनुसार झारखंड में आदिवासी जनसंख्या देश में सर्वाधिक है और यहां की प्रति व्यक्ति आय और सकल घरेलू उत्पाद बहुत कम है. इतना ही नहीं यहां का जनसंख्या घनत्व भी काफी कम है. यहां आधारभूत संरचना की भारी कमी है और साहिबगंज जिले के राजमहल तथा उधवा इलाके बांग्लादेश की सीमा के काफी निकट हैं.

महतो ने कहा कि इन सब बातों के होने के बावजूद झारखंड से विशेष दर्जा देने के मामले में भेदभाव किया जा रहा है जिसे दूर करने के लिए आजसू हर स्तर पर विरोध प्रदर्शन और संघर्ष करेगी.

सुदेश महतो ने अपनी पार्टी के विरोध कार्यक्रम की रुपरेखा बताते हुए कहा कि सबसे पहले पार्टी 30 अगस्त को सभी जिला मुख्यालयों पर एक दिन की भूख हड़ताल करेगी. इसके बाद एक सितंबर को पार्टी सभी जिलों में इस विषय पर विचार गोष्ठी रखेगी और सितंबर के प्रथम सप्ताह में ही देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और योजना आयोग को इस विषय पर पार्टी की ओर से ज्ञापन दिये जायेंगे.

उन्होंने बताया कि सभी 24 जिला मुख्यालयों से 21 सितंबर को एक सप्ताह की अधिकार यात्रा निकाली जायेगी. जिसके तहत रथ रवाना किये जायेंगे जो गांव गांव में जायेंगे और लोगों को उनके अधिकार के बारे में जागरुक करेंगे.

उन्होंने बताया कि यह यात्रा कई चरणों में 11 फरवरी तक जारी रहेगी और इस दौरान राज्य की सभी 81 विधानसभा सीटों के सभी गांवों तक जाकर लोगों को जागरुक किया जायेगा. लोगों को केंद्र सरकार के सौतेले व्यवहार और उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी जायेगी.

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