रांची: लोक लेखा समिति की कार्यवाही को किसी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है. चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले (आरसी 20ए/96) में सांसद जगदीश शर्मा की ओर से अपने बचाव में यह बात कही गयी.
सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश पीके सिंह की अदालत में वरीय अधिवक्ता पीपी सिंह ने उनका पक्ष रखा. उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल ने जो भी किया है वह लोक लेखा समिति के अध्यक्ष की हैसियत से किया है. नियमानुसार लोक लेखा समिति की किसी कार्यवाही को किसी अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है, इसलिए इस मामले में उनके द्वारा किये गये किसी भी कार्य के खिलाफ की जानेवाली अदालती कार्यवाही सही नहीं है. चारा घोटाले के इस मामले में सीबीआइ ने जगदीश शर्मा के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति भी नहीं ली है. बगैर अभियोजन स्वीकृति के उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चलाया जा सकता है. उन्होंने ने कहा कि उनके मुवक्किल के खिलाफ सीबीआइ ने पशुपालन अधिकारियों से पैसा लेने का आरोप लगाया है, जो निराधार है.
इसका कोई चश्मदीद गवाह नहीं है. पशुपालन अधिकारियों या आपूर्तिकर्ताओं के पैसों से हवाई यात्र करने के आरोप भी गलत हैं. घोटालेबाजों के पैसों से हवाई यात्र करने का आरोप लगानेवाले आपूर्तिकर्ता एके वर्मा व उसके बेटे को चारा घोटाले से दूसरे मामलों में सजा हो चुकी है, इसलिए उनके बयान पर विश्वास नहीं किया जा सकता है.