अफसरों की गाड़ियों में पेट्रोल पर खर्च 2.61 करोड़
रांची: राज्य सरकार के आइएएस और आइपीएस अधिकारियों की गाड़ियों के पेट्रोल-डीजल पर सालाना 2.61 करोड़ रुपये का खर्च है. राज्य में कार्यरत आइएएस और आइपीएस अधिकारियों की संख्या 184 है. राज्य सरकार आइएएस अधिकारियों को सरकारी कामकाज के लिए एक-एक गाड़ी की सुविधा देती है. आइएएस अधिकारियों के नाम आवंटित गाड़ियों को प्रति माह […]
रांची: राज्य सरकार के आइएएस और आइपीएस अधिकारियों की गाड़ियों के पेट्रोल-डीजल पर सालाना 2.61 करोड़ रुपये का खर्च है. राज्य में कार्यरत आइएएस और आइपीएस अधिकारियों की संख्या 184 है. राज्य सरकार आइएएस अधिकारियों को सरकारी कामकाज के लिए एक-एक गाड़ी की सुविधा देती है. आइएएस अधिकारियों के नाम आवंटित गाड़ियों को प्रति माह 110 लीटर पेट्रोल मिलता है. यह नियम सचिवालय से जिला स्तर तक पदस्थापित आइएएस अधिकारियों के लिए लागू है.
इन अधिकारियों को तेल की इसी निर्धारित सीमा के अंदर आवास से दफ्तर आने-जाने के अलावा विभागीय कामकाज के लिए गाड़ियों का इस्तेमाल करना पड़ता है. राज्य में आइएएस अधिकारियों का स्वीकृत बल 208 है. इसके मुकाबले राज्य में सिर्फ 116 आइएएस अधिकारी ही कार्यरत हैं. इनमें से 16 अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं. शेष 100 आइएएस अधिकारी सचिवालय से जिला स्तर तक विभिन्न पदों पर पदस्थापित हैं. इसके लिए इन अधिकारियों की गाड़ियों में सरकार प्रति माह कुल 11000 लीटर पेट्रोल देती है.
इस तरह सालाना इन अधिकारियों की गाड़ियों पर 1.32 लाख लीटर पेट्रोल का खर्च होता है. इसकी कीमत करीब 96.36 लाख रुपये है. राज्य में आइपीएस अधिकारियों का स्वीकृत पद 135 है. इनमें से 84 आइपीएस अधिकारी ही कार्यरत है. आइपीएस अधिकारियों की गाड़ियों के लिए प्रति माह 225 लीटर पेट्रोल का प्रावधान है. जिला स्तर पर एसपी के लिए पेट्रोल की कोई सीमा निर्धारित नहीं है. वह जरूरत के हिसाब से बजटीय प्रावधान के अंदर पेट्रोल खर्च कर सकते हैं. राज्य के आइपीएस अधिकारियों की गाड़ियों पर अनुमान्यता के हिसाब से प्रति माह 18900 लीटर पेट्रोल खर्च होता है. अर्थात आइपीएस अधिकारियों की गाड़ियों में सालाना 2.26 लाख लीटर पेट्रोल खर्च होता है. इसकी कीमत 1.65 करोड़ रुपये है.