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9600 लीटर बचा सकते हैं

रांची: राजधानी के चौक-चौराहों पर ट्रैफिक जाम में फंसे लोग यदि अपने वाहनों का स्टार्ट बंद कर दें, तो हम प्रतिदिन 9600 लीटर पेट्रोल बचा सकते हैं. इस तरह हम प्रतिदिन सात लाख रुपये बचा सकते हैं. शहर के प्रमुख चौराहों पर यातायात व्यवस्था सुचारु रखने के लिए ट्रैफिक सिगनल लगे हैं. पुलिसकर्मी भी तैनात […]

रांची: राजधानी के चौक-चौराहों पर ट्रैफिक जाम में फंसे लोग यदि अपने वाहनों का स्टार्ट बंद कर दें, तो हम प्रतिदिन 9600 लीटर पेट्रोल बचा सकते हैं. इस तरह हम प्रतिदिन सात लाख रुपये बचा सकते हैं.

शहर के प्रमुख चौराहों पर यातायात व्यवस्था सुचारु रखने के लिए ट्रैफिक सिगनल लगे हैं. पुलिसकर्मी भी तैनात रहते हैं. फिर भी ट्रैफिक जाम के कारण चौराहे पर वाहनों को एक से दो मिनट तक रुकना ही पड़ता है. एक अध्ययन के अनुसार अगर ट्रैफिक सिगनल पर गाड़ी बंद कर दी जाये, तो हम प्रतिदिन 9600 लीटर पेट्रोल बचा सकते हैं. इसका मूल्य लगभग सात लाख रु होता है.

महीने के हिसाब से देखें, तो रांची के लोग हर माह लगभग 2.11 करोड़ रुपये का पेट्रोल निर्थक फूंक डालते हैं. इस संदर्भ में जब प्रभात खबर के प्रतिनिधि ने सजर्ना चौक के सिगनल पर रुके, सुरेश प्रसाद से पूछा तो जवाब मिला. सिर्फ एक-दो मिनट के लिए अपनी गाड़ी क्यों बंद करूं. कौन से मेरे सौ दो सौ रु के पेट्रोल जल जायेंगे. उनकी तरह ही शहर के हजारों लोग चौक-चौराहे या ट्रैफिक सिगनल पर गाड़ी बंद नहीं करते. एक्सपर्ट के अनुसार गाड़ी बंद नहीं होने से एक चौराहे पर प्रति वाहन औसतन 0.0015 लीटर पेट्रोल जलता है. रुपये की गिरती कीमत पर चिंता प्रकट करने वालों का ध्यान शायद ही इस छोटी सी आदत की ओर जाता हो. डॉलर में भुगतान कर पेट्रोल की आमदनी की जाती है. इस पर रोक लगाना हमारा कर्तव्य है.

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