कांग्रेस भवन फायरिंग की जांच ठंडे बस्ते में

रांचीः राज्य में सरकार गठन से पहले 21 जून को कांग्रेस भवन में मन्नान मल्लिक और राजेंद्र सिंह के बेटे अनूप सिंह के समर्थकों के बीच मारपीट और फायरिंग की घटना की जांच को पार्टी और पुलिस दोनों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है. इस घटना के बाद दोनों पक्ष की ओर से प्राथमिकी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 16, 2013 3:48 AM

रांचीः राज्य में सरकार गठन से पहले 21 जून को कांग्रेस भवन में मन्नान मल्लिक और राजेंद्र सिंह के बेटे अनूप सिंह के समर्थकों के बीच मारपीट और फायरिंग की घटना की जांच को पार्टी और पुलिस दोनों ने ठंडे बस्ते में डाल दिया है. इस घटना के बाद दोनों पक्ष की ओर से प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. मन्नान मल्लिक ने पूरे मामले में राजेंद्र सिंह को भी आरोपी बनाया था.

कांग्रेस भवन में दोनों पक्ष के समर्थकों की ओर से पांच राउंड गोलियां चली थी. कार्यकर्ताओं ने प्रभारी बीके हरि प्रसाद की मौजूदगी में लाठी-डंडा और ईंट-पत्थर से एक दूसरे पर हमला बोला था. कांग्रेस भवन में करीब एक घंटे तक अराजक माहौल था. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष ने पूरे मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनायी थी. कमेटी में गीता श्री उरांव संयोजक बनायी गयी थीं.

इस मामले से जुड़े तीनों विधायक अब सरकार में मंत्री हैं. जांचकर्ता श्रीमती उरांव के साथ-साथ राजेंद्र सिंह और मन्नान मल्लिक हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री बन गये हैं. इधर, पुलिस ने भी पूरे मामले की जांच से हाथ खींच लिया है. जांच की जिम्मेवारी कोतवाली थाना में पदस्थापित महिला दारोगा शीला टोप्पो को दी गयी है. उन्होंने अब तक कोई ठोस साक्ष्य एकत्रित नहीं किया है. घटना में शामिल आरोपियों के खिलाफ जांच के बाद अनुसंधानक को आगे की कार्रवाई के लिए निर्देश देने की जिम्मेवारी वर्तमान में सिटी सह प्रभारी कोतवाली डीएसपी पीएन सिंह की है. उन्होंने भी अब तक न तो मामले की जांच की है और न ही इससे संबंधित कोई रिपोर्ट तैयार की है.

मन्नान मल्लिक और अनूप के समर्थक भिड़े थे

कोतवाली थाने में पहली प्राथमिकी सुजीत कुमार सिंह की लिखित शिकायत के आधार पर दर्ज है. सूत्रों के अनुसार उस दिन मन्नान मल्लिक के समर्थन में हुबान मल्लिक, रण विजय सिंह, शमशेर आलम, आजाद मुखिया, एहसान खान, मनोज सिंह, राजेंद्र सिंह और अनूप सिंह के खिलाफ मुर्दाबाद का नारा लगाने लगे. जब राजेंद्र सिंह के समर्थन में सुजीत सिंह और अनूप सिंह जिंदाबाद करने लगे, तो मन्नान मल्लिक ने अपने समर्थकों को उन्हें मारने का आदेश दिया. इस पर हुबान मल्लिक ने रिवाल्वर के बट से सुजीत के सिर पर हमला किया.

रणविजय सिंह ने गले से सोने का चेन छीन लिया. शमशेर आलम ने हाथ से घड़ी छीन ली. इसके बाद मो आजाद ने सुजीत की कनपट्टी पर रिवाल्वर सटा कर जान से मारने की धमकी दी. राजेंद्र सिंह और अनूप सिंह को भी जान से मारने की धमकी दी. बचाने पहुंचे मनोज कुमार पांडेय को मन्नान मल्लिक के समर्थकों ने पीटा. दूसरी प्राथमिकी में मन्नान मल्लिक ने पुलिस को बताया कि वे कांग्रेस कार्यालय में कांग्रेस प्रभारी के साथ होने वाली बैठक में शामिल होने पहुंचे थे. बैठक के बाद वह अपनी कार में बैठने लगे. इसी बीच शहबाज ने उनकी कार पर हमला कर पीछे का सीसा तोड़ दिया, इस पर उनके सरकारी अंगरक्षक अमरेश कुमार ने बचाव के लिए हवा में दो राउंड गोलियां चलायी. उन पर हमला राजेंद्र सिंह के कहने पर उनके पुत्र जय मंगल सिंह ने अपने गुर्गो से कराया था.

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