लालू प्रसाद होटवार जेल में रहनेवाले तीसरे पूर्व सीएम
17 साल की सुनवाई के बाद सोमवार को चारा घोटाले (आरसी-20 ए/96) का महत्वपूर्ण फैसला आ गया. सीबीआइ के विशेष जज पीके सिंह ने 475 पेज के अपने फैसले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, डा जगन्नाथ मिश्र, सांसद जगदीश शर्मा समेत 45 आरोपियों को दोषी करार दिया. 1996 में डीसी अमित खरे ने […]
17 साल की सुनवाई के बाद सोमवार को चारा घोटाले (आरसी-20 ए/96) का महत्वपूर्ण फैसला आ गया. सीबीआइ के विशेष जज पीके सिंह ने 475 पेज के अपने फैसले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद, डा जगन्नाथ मिश्र, सांसद जगदीश शर्मा समेत 45 आरोपियों को दोषी करार दिया. 1996 में डीसी अमित खरे ने मामला दर्ज कराया था. कोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने जांच की. कुल 56 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया. सुनव़ाई के दौरान सात की मौत हो गयी. इस दौरान सात जज बदल गये. आठवें ने फैसला सुनाया. जांच में सीबीआइ ने 622 करोड़ के घोटाले को सही पाया.
रांची: चारा घोटाले के कांड संख्या आरसी 20 ए / 96 में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद और जगन्नाथ मिश्र सहित सभी 45 आरोपियों को सीबीआइ के विशेष न्यायाधीश ने सोमवार को दोषी करार दे दिया. कोर्ट ने आठ आरोपियों को तीन-तीन साल की सजा सुनायी है. जिन्हें सजा सुनायी गयी, उनमें पूर्व मंत्री विद्यासागर निषाद, ध्रुव भगत व आइएएस अधिकारी के अरुमुगम के अलावा पांच सप्लायर शामिल हैं.
इन पर 50 हजार से पांच लाख रुपये तक का अर्थ दंड भी लगाया गया है. विशेष न्यायाधीश पीके सिंह ने लालू प्रसाद, जगन्नाथ मिश्र व सांसद जगदीश शर्मा सहित 37 आरोपियों को तीन अक्तूबर को सजा सुनाने की तिथि तय की है. अदालत के फैसले के बाद पुलिस ने लालू सहित सभी को हिरासत में ले लिया. कस्टडी वारंट बनने के बाद इन्हें होटवार स्थित बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा भेज दिया.
लालू का अंदाज, डीएसपी से बनवाई खैनी
अदालत ने कहा कि सजा के बिंदु पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सुनवाई की कोशिश की जायेगी. न्यायाधीश ने लालू की उस अपील को अमान्य कर दिया, जिसमें मंगलवार को ही सजा के बिंदु पर सुनवाई का अनुरोध किया गया था. बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में लालू प्रसाद कैदी नंबर 3312 के नाम से जाने जायेंगे. उन्हें यही नंबर दिया गया है. सजा सुनाये जाने के बाद उन्हें कैदी के कपड़े पहनने होंगे. लालू प्रसाद को अपर डिवीजन सेल के ए ब्लॉक के एक कमरे में रखा गया है. इसी सेल में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को भी रखा गया था. कमरे के साथ अटैच बाथरूम है. इसमें एक टीवी भी लगी हुई है.
पहले उपस्थिति सुनिश्चित करायी
चारा घोटाले के कांड संख्या आरसी 20 ए / 96 में दोषी करार दिये जानेवालों में छह नेता, चार आइएएस अधिकारी, एक आइआरएस अधिकारी, पशुपालन विभाग के आठ और एक ट्रेजरी अफसर शामिल हैं. मामले में 25 सप्लायरों को भी दोषी करार दिया गया है. फैसला सुनाने से पूर्व विशेष न्यायाधीश ने सभी आरोपियों की उपस्थिति सुनिश्चित करायी. उनके नाम पुकारे गये. जवाब में आरोपियों ने उपस्थिति दर्ज कराने के लिए हाथ उठाये. पशुपालन अधिकारी केएन झा, ब्रजनंदन शर्मा और सप्लायर अजीत कुमार कोर्ट में मौजूद नहीं थे. तीनों ने बीमारी के कारण कोर्ट में हाजिर नहीं होने का आवेदन दिया था. आरोपियों की उपस्थिति सुनिश्चित कराने के बाद विशेष न्यायाधीश पीके सिंह ने अपना फैसला सुनाया. जिन आठ दोषियों को तीन-तीन साल की सजा दी गयी, उन्हें अस्थायी जमानत पर रिहा कर दिया गया. उन्हें
मामला सही पाया
अपने फैसले में विशेष न्यायाधीश ने कहा : सीबीआइ द्वारा दायर आरोप पत्र, उभय पक्षों के गवाहों के बयान, दलीलें और दस्तावेज की जांच के बाद साजिश रच कर चाईबासा कोषागार से अवैध निकासी का मामला सही पाया गया है. इसलिए अदालत जालसाजी, धोखाधड़ी आदि के मामले में
अभियुक्तों को आइपीसी की धारा 409,420,467,468,120 बी,477 ए और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(2)सह पठित धारा 13(1)(डी) के तहत दोषी करार देती है. सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद मुजरिमों को सजा सुनायी जायेगी. दोषी करार दिये गये 45 में से 10 अभियुक्तों को पहली बार सजा सुनायी जायेगी. अन्य 35 अभियुक्तों को इससे पहले चारा घोटाले में दूसरे मामलों में सजा सुनायी जा चुकी है.
आठ को तीन साल की सजा और जुर्माना
नाम सजा का ब्योरा
ध्रुव भगत तीन साल जेल और एक लाख जुर्माना
विद्यासागर निषाद तीन साल जेल और एक लाख जुर्माना
के अरुमुगम तीन साल जेल और एक लाख जुर्माना
सुनील सिन्हा तीन साल जेल और 50 हजार जुर्माना
राजेश वर्मा तीन साल जेल और तीन लाख जुर्माना
श्रीमती मधु मेहता तीन साल जेल और पांच लाख जुर्माना
श्रीमती शिव कुमारी तीन साल जेल और तीन लाख जुर्माना
श्रीमती बिमला शर्मा तीन साल जेल और पांच लाख जुर्माना
कोर्ट में तीन अनुपस्थित थे
अधिकारी केएन झा व ब्रजनंदन शर्मा और सप्लायर अजीत कुमार (तीनों की तबीयत खराब)
ये दिये गये दोषी करार
नेता : लालू प्रसाद (पूर्व मुख्यमंत्री), डॉ जगन्नाथ मिश्र ( पूर्व मुख्यमंत्री), जगदीश शर्मा (सांसद, तत्कालीन अध्यक्ष लोक लेखा समिति), विद्या सागर निषाद (तत्कालीन मंत्री), ध्रुव भगत (तत्कालीन अध्यक्ष लोक लेखा समिति), आरके राणा (तत्कालीन विधायक)
आइएएस व आइआरएस अधिकारी : फूल चंद सिंह (तत्कालीन विकास आयुक्त), के अरुमुगम (तत्कालीन सचिव),महेश प्रसाद (तत्कालीन सचिव), बेक जूलियस (तत्कालीन सचिव), एसी चौधरी (तत्कालीन आयकर आयुक्त, रांची)
पशुपालन विभाग व ट्रेजरी के अधिकारी : डॉ बीएन शर्मा (तत्कालीन डीएएचओ), डॉ मुकेश प्रसाद वर्मा (तत्कालीन सहायक कुकुट पदाधिकारी), गया प्रसाद त्रिपाठी (तत्कालीन एमवीओ), डॉ अजरुन शर्मा (तत्कालीन सहायक कुकुट अधिकारी), डॉ कृष्ण मोहन प्रसाद (तत्कालीन सहायक निदेशक,योजना), डॉक्टर केएन झा (तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक), ब्रज भूषण प्रसाद (तत्कालीन बजट अधिकारी), डॉ गौरी शंकर प्रसाद (डीएएचओ),सिलास तिर्की (तत्कालीन कोषागार पदाधिकारी)
सप्लायर : डॉ अजीत कुमार वर्मा, रवि कुमार सिन्हा, त्रिपुरारी मोहन प्रसाद ,सुनील कुमार सिन्हा,सुशील कुमार, मोहम्मद सईद, मोहम्मद सनाउल हक, मोहम्मद एकराम, मोहम्मद हुसैन, मोहम्मद तौहीद, विजय कुमार मल्लिक, महेंद्र सिंह बेदी,श्रीमती मधु मेहता, हरीश कुमार, राजन मेहता, अजय कुमार सिन्हा, संजय सिन्हा, राजेश कुमार वर्मा, श्रीमती शिव कुमारी, सत्येंद्र कुमार मेहरा, रवींद्र कुमार मेहरा, सुनील गांधी, दयानंद कश्यप, महेंद्र प्रसाद,श्रीमती बिमला शर्मा