15 नवंबर तक शुरू करें योजनाएं
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्य सचिव को 17 बिंदुओं पर टास्क दिया है. साथ ही इस पर 15 नवंबर से पहले क्रियान्वयन शुरू करने का निर्देश दिया है. छुट्टी पर जाने से पूर्व सीएम ने मुख्य सचिव के साथ करीब एक घंटे तक बैठक की. उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएं धरातल पर उतरें, […]
रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मुख्य सचिव को 17 बिंदुओं पर टास्क दिया है. साथ ही इस पर 15 नवंबर से पहले क्रियान्वयन शुरू करने का निर्देश दिया है. छुट्टी पर जाने से पूर्व सीएम ने मुख्य सचिव के साथ करीब एक घंटे तक बैठक की.
उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाएं धरातल पर उतरें, यह मुख्य सचिव सुनिश्चित करायें. सरकार राज्य के स्थापना दिवस पर राज्य की जनता को नतीजे दिखाने की शुरुआत करना चाहती है. मुख्यमंत्री ने सरकार की नयी योजना एवं कार्यक्रम की पहली सूची मुख्य सचिव को दी है, जिसे जल्द से जल्द क्रियान्वित करना है. मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की और कई योजनाएं एवं प्राथमिकताएं हैं, जिसे दूसरे चरण में क्रियान्वित कराया जायेगा.
गौरतलब है कि सभी 17 सूत्री योजनाएं ऐसी हैं, जिसकी घोषणा पूर्व में मुख्यमंत्री कभी न कभी कर चुके हैं. वह चाहते हैं कि योजना इस स्थिति पर आ जायें कि 15 नवंबर से इसे लागू किया जा सकें.
सीएम ने जो टास्क दिये हैं
हजारीबाग में ओपेन जेल की शुरुआत.
65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों के बीच मुफ्त में अनाज वितरण.
वृद्घा पेंशन की राशि में बढ़ोतरी.
विधवा पेंशन की राशि में बढ़ोतरी कर लाभुकों तक पहुंचाना
पत्रकार बीमा योजना का क्रियान्वयन एवं ट्रस्ट का गठन.
आदिवासी युवा एवं युवतियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराने की योजना.
प्रत्येक पंचायत के गांवों के अंदर की सड़कों के लिए पांच-पांच लाख रुपये मुखिया को उपलब्ध कराना और स्थानीय लोगों की सहभागिता से पीसीसी पथ का निर्माण सुनिश्चित करना.
साहेबगंज जिले में गंगा कटाव का स्थायी समाधान के लिए कार्य योजना का क्रियान्वयन.
शहरों के बीपीएल कार्डधारी रिक्शा चालकों को सरकार द्वारा रिक्शा उपलब्ध कराने की योजना.
जिलों में रिक्त पड़े सभी पदों की भरती के लिए सभी बैकलॉग क्लीयर करना.
जिला मुख्यालयों में वृद्घा आश्रम (श्रवण कुमार केंद्र) की स्थापना.
भूमिहीनों को भू-स्वामी बनाने की योजना के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करना.
राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ियों को सीधे सरकारी नौकरी देने की योजना पर अमल.
मापदंड एवं अर्हता पूरे करनेवाले मदरसों को वित्तीय एवं अन्य सहायता उपलब्ध कराना.
प्रखंड मुख्यालयों में बीडीओ द्वारा जनता दरबार लगा कर जन समस्याओं का निराकरण करने की योजना.
सार्वजनिक उपक्रम की कंपनियों की सीएसआर गतिविधियों के लिए एक विशेष दिशा-निर्देश तैयार करना और उन्हें क्षेत्र के विकास के लिए जवाबदेह बनाना.
राज्य में भूमि अभिलेखों का डिजिटाइजेशन करना.