हर पूजा पंडाल में कारीगरी का अदभुत नमूना

रांची: प्रभात खबर श्रेष्ठो दुर्गा पूजा प्रतियोगिता की निर्णायक मंडली के सदस्यों ने महा सप्तमी को राजधानी के पूजा पंडालों का भ्रमण किया और बाहरी एवं अंदर के निर्माण और समिति की व्यवस्था का अवलोकन किया. पूजा समिति के सदस्यों से जानकारी ली. पूजा पंडाल, मां दुर्गा की प्रतिमा, सुरक्षा व्यवस्था, महाभोग एवं श्रद्धालुओं के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2013 7:23 AM

रांची: प्रभात खबर श्रेष्ठो दुर्गा पूजा प्रतियोगिता की निर्णायक मंडली के सदस्यों ने महा सप्तमी को राजधानी के पूजा पंडालों का भ्रमण किया और बाहरी एवं अंदर के निर्माण और समिति की व्यवस्था का अवलोकन किया. पूजा समिति के सदस्यों से जानकारी ली. पूजा पंडाल, मां दुर्गा की प्रतिमा, सुरक्षा व्यवस्था, महाभोग एवं श्रद्धालुओं के लिए की गयी व्यवस्था की जानकारी ली.

अधिकतर प्रकृति से जुड़े
निर्णायक मंडली ने राजधानी की अधिकतर पूजा समितियों को प्रकृति से जोड़ते हुए पंडाल निर्माण के लिए सराहा. सदस्यों ने इको फ्रें डली पंडाल एवं मूर्ति के निर्माण के लिए कारीगरों की भी सराहना की.

ये हैं निर्णायक मंडली में

एमएस भाटिया (आइजी रांची)

महुआ माजी (साहित्यकार)

बिकास सिंह (चेंबर अध्यक्ष)

अमिताभ मुखर्जी (कलाकार)

कमल सिंघानिया (व्यवसायी)

हर पंडाल स्पेशल : एमएस भाटिया
निर्णायक मंडली के सदस्य आइजी, रांची एमएस भाटिया ने बताया कि हर पंडाल नये थीम के साथ बनाये जा रहे हैं. कोई पंडाल, तो कोई मूर्ति में बेहतर कर रहा है. पारंपरिक पूजा अभी भी बरकरार है. हर पंडाल स्पेशल है. इंको फ्रेंडली पंडाल का निर्माण लोगों को प्रकृति से जोड़ने का संदेश भी देता है. प्रभात खबर की यह पहल सराहनीय है.

मूर्ति व पंडाल में कलाकृतियां : महुआ माजी
निर्णायक मंडली की सदस्य महुआ माजी ने बताया कि पूजा पंडाल एवं मूर्ति के निर्माण में अलग-अलग कलाकृति देखने को मिल रही है. इको फ्रेंडली का पूरा ख्याल रखा जा रहा है. बांस, मिट्टी से पूजा पंडाल एवं वस्त्र का निर्माण किया गया है. मूर्तियों में भी प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है. प्रकृति के साथ जुड़ने से कलाकृति के स्तर में सुधार हुआ है.

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