खलारी में बच्ची से दुष्कर्म
खलारी: खलारी बाजारटांड़ के शांति नगर स्थित भुइयां टोली में गुरुवार की रात एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है. जानकारी के अनुसार 10 अक्तूबर की रात भुइयां टोली में बारात आयी थी. लोग नाच-गा रहे थे. इसी बीच रात लगभग 11 बजे दशरथ भुइयां की 12 वर्षीय पुत्री शौच […]
खलारी: खलारी बाजारटांड़ के शांति नगर स्थित भुइयां टोली में गुरुवार की रात एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है. जानकारी के अनुसार 10 अक्तूबर की रात भुइयां टोली में बारात आयी थी. लोग नाच-गा रहे थे. इसी बीच रात लगभग 11 बजे दशरथ भुइयां की 12 वर्षीय पुत्री शौच के लिए घर से बाहर निकली थी.
इसी दौरान बारात देखने आया मछुआ टोला निवासी नारायण नायक के पुत्र साहिल ने बच्ची का मुंह दबा दिया और पास के एक स्कूल में ले गया. वहां उसके साथ जबरदस्ती की गयी. घटना की सूचना बच्ची ने अपने परिजनों को दी.
शुक्रवार की सुबह गांव वाले बच्ची को लेकर मैक्लुस्कीगंज थाना पहुंचे. थाने में बच्ची के बयान पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी. पुलिस ने पीड़ित बच्ची को मेडिकल जांच के लिए रांची भेज दिया है. इधर, ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र ही आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होती है, तो ग्रामीण अपने स्तर पर कार्रवाई करेंगे.
अब तक 2374 दुष्कर्मी पकड़े गये, 610 को सजा
रांची: झारखंड में पिछले तीन साल में दुष्कर्म की 2369 घटनाएं हुई. वर्ष 2010 में 773, 2011 में 784 और 2012 में 812 मामले दर्ज किये गये. इन घटनाओं में शामिल 2374 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया. वर्ष 2010 में 836, 2011 में 758 व वर्ष 2012 में 780 आरोपी गिरफ्तार किये गये. इनमें से 2348 लोगों के खिलाफ पुलिस ने अदालत में चाजर्शीट दाखिल किया, लेकिन सिर्फ 610 लोगों को सजा मिल सकी.
साफ है कि 1764 लोगों के खिलाफ या तो आरोप प्रमाणित नहीं हुए या अभी ट्रायल चल ही रहे हैं. नेशनल क्राईम रिकार्ड ब्यूरो की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक तीन साल में हुई दुष्कर्म की घटनाओं में गिरफ्तार आरोपियों में से सिर्फ 25.69 प्रतिशत को ही अदालत से सजा मिली. वर्ष 2010 में 23.20 प्रतिशत, वर्ष 2011 में 29.02 और वर्ष 2012 में 25.12 प्रतिशत आरोपियों को सजा मिली. दर्ज मामलों की संख्या के आधार पर हुई कार्रवाई के आंकड़ों पर गौर करें, तो पता चलता है कि 2369 में से 1911 मामलों (91.20 प्रतिशत) में अदालत में चाजर्शीट दाखिल की गयी. जिसमें से सिर्फ 517 मामलों में आरोपियों को सजा मिली है. मतलब सजा दिलाने का आंकड़ा 21.82 प्रतिशत है.
गिरफ्तारी व सजा का आंकड़ा
वर्ष गिरफ्तारी चाजर्शीटसजा
2010 836 911 194
2011 758 731 220
2012 780 706 196
दर्ज मामलों का आंकड़ा
वर्ष प्राथमिकीचाजर्शीटसजा
2010 773 705 171
2011 784 604 185
2012 812 602 161