अगली बार आयेगा हेलेन तूफान
रांची: एशिया के आठ देश (नॉर्थ इंडियन ओसियन) मिल कर आनेवाले समुद्री तूफान के नाम तय करते हैं. ओड़िशा और आंध्र प्रदेश के तटवर्ती क्षेत्र में आये इस तूफान का काम फैलिन दिया गया है. अगली बार जो तूफान आयेगा, उसका नाम हेलेन होगा. इसका नामकरण बांग्लादेश ने किया है. फैलिन थाइलैंड का तय किया […]
रांची: एशिया के आठ देश (नॉर्थ इंडियन ओसियन) मिल कर आनेवाले समुद्री तूफान के नाम तय करते हैं. ओड़िशा और आंध्र प्रदेश के तटवर्ती क्षेत्र में आये इस तूफान का काम फैलिन दिया गया है.
अगली बार जो तूफान आयेगा, उसका नाम हेलेन होगा. इसका नामकरण बांग्लादेश ने किया है. फैलिन थाइलैंड का तय किया हुआ नाम है. हेलेन के बाद भारत के लहर की बारी होगी. इससे पूर्व नीलम (पाकिस्तान), मरुगन (ओमान), महासेन (श्रीलंका) नाम का तूफान भी आ चुका है.
कैसे तय होता है नाम : 1999 में ओड़िशा में तूफान आने के बाद नॉर्थ इंडियन ओसियन के देशों के बीच बड़े तूफान के नामकरण पर सहमति जतायी गयी थी. वर्ष 2000 में एशिया बांग्लादेश, भारत, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाइलैंड ने तूफान का नाम तय करने को लेकर बैठक की थी. इसमें सभी देशों को 10-10 नाम देने पर सहमति बनी थी. भारत ने 2004 की शुरुआत तक नाम नहीं दिये. अंतिम फैसले से पूर्व भारत ने नाम दिये थे. 2004 में सभी देशों ने नाम तय करने पर सहमति जतायी. सभी देशों के दिये हुए नाम को एक-एक कर उपयोग करने की बात पर सहमति बनायी.
तूफान के नाम और अनुशंसा करनेवाले देश
बांग्लादेश : हेलन, छपाला, ओकची, फनी भारत : लहर, मेध, सागर, वायु, मालदीव : मादी, रोनू, मिकानू, हिक्का म्यांमार : नानौक, क्यांत, डाय, क्यार ओमान : हुदहुद, नादा, लूबन, माहा पाकिस्तान : नीलोफर, वारदाह, तितली, बुलबुल श्रीलंका : प्रिया, असिरी, गिंगुम, सोबा थाइलैंड : कोमेन, मोरा, फिताई, अमफर.