अधिकतर अफसर नहीं आये सीएम की बैठक में

रांची: राज्य के कुछ अफसर मुख्यमंत्री के निर्देशों को भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. स्थिति यह बन गयी है कि बुलाने पर भी बैठक में ऐसे अफसर भाग लेना जरूरी नहीं समझते. फैलिन से हुई तबाही के आकलन के लिए मंगलवार को सीएम हेमंत सोरेन द्वारा बुलायी गयी आपात बैठक में सरकार के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2013 6:58 AM

रांची: राज्य के कुछ अफसर मुख्यमंत्री के निर्देशों को भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. स्थिति यह बन गयी है कि बुलाने पर भी बैठक में ऐसे अफसर भाग लेना जरूरी नहीं समझते. फैलिन से हुई तबाही के आकलन के लिए मंगलवार को सीएम हेमंत सोरेन द्वारा बुलायी गयी आपात बैठक में सरकार के सीनियर अधिकारी नहीं गये.

प्रोजेक्ट भवन में हुई उच्चस्तरीय बैठक में स्वास्थ्य सचिव, जल संसाधन सचिव, पेयजल एवं स्वच्छता सचिव, ऊर्जा सचिव, पशुपालन सचिव, कृषि सचिव और आपदा प्रबंधन विभाग के सचिवों को बुलाया गया था. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र प्रसाद सिंह और आपदा प्रबंधन मंत्री मन्नान मल्लिक भी थे. आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह और कृषि सचिव डॉ नितिन मदन कुलकर्णी को छोड़ कर अन्य कोई सचिव बैठक में नहीं गया. मुख्य सचिव आरएस शर्मा, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सुखदेव सिंह, कैबिनेट सचिव जेबी तुबिद और जेएसइबी के अध्यक्ष एसएन वर्मा अपनी-अपनी जवाबदेही निभाते हुए बैठक में मौजूद रहे.

सचिवालय में पसरा रहा सन्नाटा
अफसरों पर दुर्गा पूजा की खुमारी हावी है. दुर्गा पूजा और बकरीद की छुट्टी के बीच केवल एक दिन ही सचिवालय खुला रहा. अफसरों ने एक दिन की छुट्टी लेकर एक साथ छह दिनों की छुट्टी का मजा लिया. मंगलवार को सचिवालय खाली रहा. ज्यादातर विभागों के सचिव कार्यालय नहीं गये. ज्यादातर जूनियर अफसर और बाबू भी छुट्टी पर रहे. विभागों में रूटीन काम ही निबटाये गये. सरकार के चारों सचिवालयों (प्रोजेक्ट भवन, एमडीआइ बिल्डिंग, एफएफपी बिल्डिंग और नेपाल हाउस) में अघोषित छुट्टी का माहौल रहा.

छुट्टी सा माहौल रहा समाहरणालय में
मंगलवार को समाहरणालय में छुट्टी सा माहौल रहा. कई विभागों में कर्मचारियों की उपस्थिति कम रही. सरकारी कार्यालयों में दो दिनों का अवकाश रहा. बुधवार को बकरीद की छुट्टी है. इस वजह से कई कर्मचारी एक दिन का अवकाश लेकर लगातार चार दिनों की छुट्टी लेकर अपने-अपने गांव चले गये हैं. समाहरणालय में लोगों की उपस्थिति भी आम दिनों की अपेक्षा कम रही. सारे वरीय अधिकारी अपने कार्यालय में मौजूद रहे. दिन के एक बजे समाहरणालय का ब्लॉक ए व बी खाली-खाली रहा.

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