तीन साल में जेलों से निकले 3075 विचाराधीन कैदी

रांची: जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों के लंबित मामले को लेकर केंद्र सरकार की ओर से मिशन मोड प्रोग्राम शुरू किया गया है. इसके तहत जिला विधिक सेवा समितियों की ओर से जेलों में लोक अदालत लगा कर विचाराधीन कैदियों को कानूनी सहायता प्रदान की जाती है. झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के बनैर तले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 17, 2013 6:52 AM

रांची: जेलों में बंद विचाराधीन कैदियों के लंबित मामले को लेकर केंद्र सरकार की ओर से मिशन मोड प्रोग्राम शुरू किया गया है. इसके तहत जिला विधिक सेवा समितियों की ओर से जेलों में लोक अदालत लगा कर विचाराधीन कैदियों को कानूनी सहायता प्रदान की जाती है.

झारखंड विधिक सेवा प्राधिकार (झालसा) के बनैर तले पिछले तीन वर्षो में (जनवरी 2010 से मई 2013 तक) राज्य के विभिन्न जेलों में 568 लोक अदालत लगायी गयी.

इसके माध्यम से 3075 विचाधीन कैदी जेल से बाहर निकल सके. मिशन मोड प्रोग्राम के तहत वैसे विचाराधीन कैदियों को राहत दिलाने की बात कही गयी है, जो मामले के लंबित रहने के दौरान कुल सजा की आधी अवधि जेलों में ही बिता चुके हैं. जेल अदालत से सबसे ज्यादा लाभ रांची जिले में बंद विचाराधीन कैदियों को मिला है. यहां से 491 विचाराधीन कैदी जेल से बाहर आ चुके हैं.

जिला जेल अदालत कैदी निकले

बोकारो 36 138

चाइबासा 28 360

चतरा 30 58

देवघर 30 251

धनबाद 19 282

दुमका 11 210

गढ़वा 30 70

गिरिडीह 28 91

गोड्डा 30 178

गुमला 31 141

हजारीबाग 32 61

जमशेदपुर 24 242

जामताड़ा 14 72

कोडरमा 28 49

लातेहार 24 55

लोहरदगा 21 78

पाकुड़ 24 37

पलामू 25 122

रांची 40 491

साहेबगंज 14 72

सरायकेला 37 97

सिमडेगा 12 20

कुल 568 3075

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