सैटेलाइट मैपिंग से आदिवासी भूमि की सुरक्षा
जमशेदपुर: राज्य में जल्द नयी व्यवस्था लायी जा रही है. इसके तहत जमीन की सेटेलाइट से मैपिंग की जायेगी. उसे कंप्यूटर में फीड कर सरकार के सांचे व कानून के ढांचे में रखा जायेगा. इससे कोई भी किसी की जमीन से छेड़छाड़ या धोखाधड़ी नहीं कर सकेगा. इससे आदिवासी जमीन के हस्तांतरण जैसे मामलों पर […]
जमशेदपुर: राज्य में जल्द नयी व्यवस्था लायी जा रही है. इसके तहत जमीन की सेटेलाइट से मैपिंग की जायेगी. उसे कंप्यूटर में फीड कर सरकार के सांचे व कानून के ढांचे में रखा जायेगा. इससे कोई भी किसी की जमीन से छेड़छाड़ या धोखाधड़ी नहीं कर सकेगा. इससे आदिवासी जमीन के हस्तांतरण जैसे मामलों पर अंकुश लगेगा और जमीन को सुरक्षित रखा जा सकेगा. ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहीं. वह शनिवार को बिष्टुपुर स्थित माइकल जॉन प्रेक्षागृह में आयोजित दो दिवसीय छठे इंटरनेशनल संताल सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
श्री सोरेन ने कहा कि सीएनटी व एसपीटी एक्ट जैसे सशक्त कानून के बावजूद आदिवासी जमीन का हस्तांतरण हो रहा है. आधुनिक तकनीक के प्रयोग से गलत कार्यो को रोका जा सकेगा. उन्होंने बताया कि 15 नवंबर को विकास योजनाओं की घोषणा की जायेगी. सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन, विधायक रामदास सोरेन, टाटा स्टील के वीपी सुरेश दत्त त्रिपाठी मौजूद थे. संचालन फागू सोरेन, स्वागत भाषण आइएससी के कार्यकारी अध्यक्ष डीसी मुमरू, धन्यवाद ज्ञापन केसी मुमरू ने किया.
खनिज संपदा पर आदिवासी का अधिकार होना चाहिए : चंपई
सम्मेलन में आदिवासी कल्याण मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि झारखंड संपन्न प्रदेश है. फिर भी यहां रहने वाले दर-दर की ठोकर खा रहे हैं. खनिज संपदा पर यहां रहने वालों का अधिकार होना चाहिए. मौके पर घाटशिला विधायक रामदास सोरेन व टाटा स्टील के वीपी सुरेश दत्त त्रिपाठी ने भी विचार रखे.
योगदान के लिए सम्मान
सम्मेलन में संताल समाज के विकास में विशेष योगदान देने वालों को सम्मानित किया गया. हेमंत सोरेन ने शॉल ओढ़ा कर व प्रशस्ति पत्र देकर इन्हें सम्मानित किया. सम्मानित होने वालों में आइएएस पिंकी बास्के, पर्वतारोही विनीता सोरेन, पाश्र्व गायिका कल्पना हांसदा, एथलीट पूर्णिमा हेंब्रम, हैंडबाल खिलाड़ी पानो मार्डी, एथलीट बिरधन मार्डी, भाषा-साहित्य व सिनेमा के विकास के लिए रमेश हांसदा, साहित्यकार भोगला सोरेन, ड्रामाटिस्ट जितराई हांसदा, साहित्यकार श्याम सी टुडू, साहित्यकार पीतांबर हांसदा एवं साहित्यकार रवींद्र नाथ मुमरू प्रमुख हैं.