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अपर बाजार में 90 रुपये में दुकान

रांची: अपर बजार पुस्तक पथ में 30 रुपये, 45 रुपये, 50 रुपये 90 रुपये प्रति माह किराये पर दुकानें हैं. बालकृष्ण प्लस टू उच्च विद्यालय की 32 दुकानें कौड़ियों के भाव में दी गयी हैं. राजधानी की गलियों में भी 50 रुपये मासिक किराये पर दुकानें नहीं मिलती, लेकिन बालकृष्ण प्लस टू उच्च विद्यालय की […]

रांची: अपर बजार पुस्तक पथ में 30 रुपये, 45 रुपये, 50 रुपये 90 रुपये प्रति माह किराये पर दुकानें हैं. बालकृष्ण प्लस टू उच्च विद्यालय की 32 दुकानें कौड़ियों के भाव में दी गयी हैं. राजधानी की गलियों में भी 50 रुपये मासिक किराये पर दुकानें नहीं मिलती, लेकिन बालकृष्ण प्लस टू उच्च विद्यालय की दुकानें आज भी 50 रुपये मासिक किराये पर हैं.

विद्यालय के मुख्य द्वार के सामने, पूर्वी व पश्चिमी भाग में कुल 32 दुकानें है. इन दुकानों से विद्यालय को प्रतिमाह मात्र 3400 रुपये किराया मिलता है. इन दुकानों के आसपास स्थित अन्य दुकान का मासिक किराया हजारों में है. विद्यालय की ओर से भी दुकान का किराया बढ़ाने का कोई प्रयास नहीं किया गया. अंतिम बार वर्ष 2006 में तत्कालीन जिला शिक्षा पदाधिकारी अरविंद विजय विलुंग ने किराये की समीक्षा की थी. एक दुकान का आवंटन भी किया गया. जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जिस दुकान का आवंटन किया गया उसका किराया 500 रुपये निर्धारित किया गया था. विद्यालय की अधिकांश दुकानें 60 व 70 के दशक में आवंटित की गयी हैं.

नहीं देते समय पर किराया
अधिकांश दुकानदार समय पर किराया भी नहीं देते. कुछ दुकानदार ऐसे हैं, जिन्होंने छह माह-साल भर से किराया नहीं दिया है. वर्ष 2006 में जब समीक्षा की गयी तो पाया गया कि कुछ दुकानदारों ने आवंटन के समय से ही किराया नहीं दिया था. एक दुकानदार पर 41,875 रुपये बकाया था, जबकि दुकान का मासिक किराया मात्र 125 रुपये मासिक था. स्कूल की माली हालत ठीक नहीं है, इसके बावजूद इन दुकानों पर वर्ष 2006 में कुल 1,06,865 रुपये किराया बकाया था.

कई दुकानों के दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं हैं

आवंटन के कागजात नहीं

32 दुकानों में से 17 दुकानों के आवंटन के कागजात विद्यालय प्रबंधन या जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय के पास भी नहीं है. जिन दुकानों के आवंटन के कागजात नहीं है, उनसे कभी कागजात की मांग भी नहीं की गयी. कुछ दुकानदारों ने बिना स्कूल प्रबंधन को सूचना दिये ही दुकान का विस्तार कर लिया. दो दुकानों को मिला कर एक दुकान बना लिया.

दुकानदार का नाम मासिक किराया दस्तावेज

गरीबा रंगरेज 90 रुपये उपलब्ध नहीं

अब्दुल जलील 90 रुपये उपलब्ध नहीं

सुलेमान रंगरेज 90 रुपये उपलब्ध नहीं

शकुंतला देवी भाटिया 100 रुपये उपलब्ध नहीं

मो. इमाम्मुदीन 90 रुपये उपलब्ध नहीं

विकास राज 50 (500 किया गया) उपलब्ध नहीं

अली हसन रंगरेज 90 रुपये उपलब्ध नहीं

अली हसन दर्जी 45 रुपये उपलब्ध नहीं

ललन तिवारी 100 रुपये डीइओ ने किया आवंटन

अरुण कुमार त्रिपाठी 50 रुपये आवेदन पत्र

टिकम चंद्र जैन 50 रुपये एकरारनामा

प्रेमा देवी 50 रुपये उपलब्ध नहीं

राज किशोर साहु 50 रुपये उपलब्ध नहीं

निर्मल कुमार जैन 150 रुपये एकरारनामा

नीलकमल एंड ब्रदर्स 200 रुपये आवेदन पत्र

विवेकानंद सिंह 125 रुपये उपलब्ध नहीं

राम किशोर प्रसाद 125 रुपये एकरारनामा

गणोश प्रसाद 125 रुपये एकरारनामा

मोतीलाल काला 125 रुपये एकरारनामा

हरीश कपूर 125 रुपये आवेदन पत्र

अशोक कुमार खुराना 150 रुपये आवेदन पत्र

विमला देवी 125 रुपये एकरारनामा

विमला देवी 125 रुपये एकरारनामा

ओम प्रकाश जेजानी 125 रुपये उपलब्ध नहीं

किशन चंद्र जेजानी 125 रुपये उपलब्ध नहीं

सुशील कुमार जेजानी 150 रुपये एकरारनामा

पवन कुमार जेजानी 150 रुपये एकरारनामा

अनुज कुमार शर्मा 150 रुपये उपलब्ध नहीं

ओमप्रकाश शर्मा 150 रुपये उपलब्ध नहीं

माधुरी ठाकुर 150 रुपये एक पत्र

सुरेंद्र ठाकुर 50 रुपये उपलब्ध नहीं

मुकुल प्रसाद सिन्हा 30 रुपये उपलब्ध नहीं

स्कूल में छात्राओं के लिए शौचालय नहीं
एक ओर स्कूलों की दुकान कौड़ी के भाव में आवंटित की गयी है, वहीं स्कूल में छात्रओं के लिए अलग से शौचालय तक नहीं है. विद्यालय में प्रयोगशाला की स्थिति जजर्र है. पुस्तकालय में किताब नहीं है. विद्यालय में खेल की सामग्री नहीं है. विद्यालय प्रबंधन चाहे तो दुकान के किराया से विद्यालय को संसाधन युक्त कर सकता है.

विद्यालय की दुकान कम किराये में आवंटित की गयी है, इसकी जानकारी नहीं थी. स्कूल की ओर से भी किराया बढ़ाने का प्रस्ताव नहीं दिया गया. मामले की पूरी जानकारी लेकर शीघ्र आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.

महीप कुमार सिंह, डीइओ रांची

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