रांची:मोदी की पटना में हुंकार रैली में हुए आतंकी धमाके के बाद आशंका व्यक्त की जा रही है कि मोदी की आगामी रैली में भी बम ब्लास्ट किया जा सकता है. 8 नवंबर को यूपी के बहराइच में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली होने वाली है. इस खबर के बाद से पुलिस ने इसके लिए सुरक्षा की पुख्ता तैयारी करने लगी है. रैली के दौरान शहर भर में तहसीन अख्तर की तसवीर लगायी जाएगी.
एनआइए ने एक खुलासा किया है.मोदीकी कानपुर रैली में भी आतंकी खतरा था. इंडियन मुजाहिदीन की ओर से मोदी की कानपुर रैली में भी बम ब्लास्ट कराने की साजिश थी. 19 अक्टूबर को कानपुर में मोदी की रैली थी.इधर एनआइए की टीम को जांच में पता लगा है कि पटना बम ब्लास्ट में मास्टरमाइंड तहसीन अख्तर ने पटना में तीन छात्रों को पैसे देकर गांधी मैदान में बम प्लांट कराया था. जांच में पता लगा है कि ब्लास्ट के दिन तहसीन पटना में ही था, और वहीं रह कर इस घटना को अंजाम दिया था. एनआइए को पूछताछ में पता लगा है कि ब्लास्ट को कुल आठ लोगों ने मिल कर अंजाम दिया था.
पटना में हुए ब्लास्ट को लेकर नेशनल इंवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआइए) की टीम ने रांची में छह संदिग्धों को हिरासत में लिया है. एनआइए कई और संदिग्धों को तलाश कर रही है. बताया जाता है कि जिन लोगों को हिरासत में लिया गया है, वे सभी या तो इम्तियाज या फिर इंडियन मुजाहिदीन (आइएम) के मो हैदर के संपर्क में थे. मो हैदर संगठन में तहसीन उर्फ मोनू के बाद दूसरा प्रभावशाली आतंकी है. वह रांची के डोरंडा स्थित मणिटोला में रहता था. उस पर पांच लाख रुपये का इनाम है. एनआइए ने जिन संदिग्धों को हिरासत में लिया है, उनमें एक के बारे में बताया जाता है कि वह समय-समय पर हैदर को आर्थिक मदद करता है. वह भी डोरंडा के मणिटोला में रहता है.
हिरासत में लिया गया एक अन्य संदिग्ध हैदर के लिए कूरियर पहुंचाने का काम करता था. पुलिस सूत्रों के मुताबिक पटना पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद इम्तियाज और तारिक ने रांची में संगठन के लिए काम करनेवाले कई लोगों के नाम लिये हैं. एनआइए की टीम इन सभी के बारे में पता लगा रही है.
ब्लास्ट के चार दिन पहले रांची आया था तहसीन
ब्लास्ट के चार दिन पहले तहसीन रांची आया था. इम्तियाज से मिला था. पटना में रेकी करने के बाद योजना रांची में ही तैयार हुई थी. पुलिस सूत्रों के अनुसार, पटना में पूछताछ के दौरान इम्तियाज ने इसका खुलासा किया है.
टेंट हाउस का मिस्त्री बन कर पहुंचे थे गांधी मैदान
सूत्रों के अनुसार इम्तियाज ने पुलिस को बताया कि वह दो साल से आइएम का सदस्य है. तहसीन ने सभी को पटना जाने के लिए पांच-पांच हजार दिये थे. उन लोगों ने टेंट हाउस का मिस्त्री बन कर बम प्लांट किया. शौचालय में बम ब्लास्ट होने के बाद तहसीन फरार हो गया.