काली पूजा का 25वां साल, 1001 महिलाएं करेंगी माता की आरती

काली पूजा में सिद्धि प्राप्ति के लिए तंत्र साधना ।।पंकज कुमार पाठक।।रांचीः हरमू काली पूजा समिति लगभग 25 वर्षों से काली पूजा का आयोजन करती आ रही है. 17 महिलाएं से शुरू हुई माता की आरती आज 1001 महिलाएं उतारती हैं. सबसे पहले समिति के सदस्यों ने खुद पंडालका निर्माण किया था, लेकिन आज पंडाल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2013 5:11 PM

काली पूजा में सिद्धि प्राप्ति के लिए तंत्र साधना

।।पंकज कुमार पाठक।।
रांचीः हरमू काली पूजा समिति लगभग 25 वर्षों से काली पूजा का आयोजन करती आ रही है. 17 महिलाएं से शुरू हुई माता की आरती आज 1001 महिलाएं उतारती हैं. सबसे पहले समिति के सदस्यों ने खुद पंडालका निर्माण किया था, लेकिन आज पंडाल का निर्माण भव्य रूप से किया जाता है.संस्थापक सदस्यों में एक प्रेम वर्मा ने बताया कि काली पूजा समिति हर साल कुछ नया करने की कोशिश करती है. इस बार पंडाल का निर्माण इंद्रधनुष पर आधारित होगा. 1001 महिलाएं माता की आरती

उतारती है उनके लिए साड़ी और सुहाग का सारा सामान उन्हें दियाजाता है. आरती की सारी व्यवस्था महिलाओं की देखरेख में होती है. आरती की तैयारी 10

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लड़कियों के साथ गायिका रीमा वर्मा कर रहीं हैं. समिति में लगभग 100 सदस्य है जो पूजा कोसफल बनाने में अपना पूरा योगदान देते हैं. इस बार पूजा काबजट लगभग 10 लाख है. प्रसाद को घर-घर तक पहुंचाने के लिए 10 से अधिक मोबाइल गाड़ियां निकलती हैं. प्रसाद वितरण के लिए मिट्टी के बरतन कोलकाता से मंगवाये गये हैं.

जिस वक्तपूजा की शुरूआत हुई थी उस समय पूजा के लिए बड़ा स्थान था लेकिन आज की स्थिति वैसी नहीं है हमें छोटे से स्थान में पूजा करना पड़ता है. 1995 में पंडाल बहुत फेमस हुआ था जिसे जनता की मांग पर हमें अधिक दिनों तक रखना पड़ा था.काली पूजा समिति अपने उन सदस्यों के परिजनों को सम्मानित करती है जो अब जीवित नहीं हैं. परिजनों को स्मृति चिन्ह के रूप में शिव की मूर्ति दी जाएगी जिसे कोलकाता से मंगवाया जाएगा. इसके बाद भोज का आयोजन किया जाता है.

काली पूजा समिति पूजा के साथ- साथ गरीब लड़कियों की शादी, निशक्तों की मदद और

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कंबल वितरण जैसे सामाजिक कार्य करती है. समिति यह अच्छी तरह समझती है कि पूजा के आयोजन के साथ- साथ समाज के प्रति भी उनकी जिम्मेदारियां हैं.

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