देवघर/रांची: आगामी लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय दलों के सहयोग से केंद्र में तीसरे मोरचे की सरकार बनेगी. उक्त बातें झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने देवघर सर्किट हाउस में पत्रकारों से कही. उन्होंने कहा कि कांग्रेस व बीजेपी के पास गरीबों की समस्या का हल नहीं है.
दोनों पार्टी अमीर को अमीर बनाने का प्रयास करती है. झाविमो केंद्र में तीसरे मोरचे की सरकार बनाने का प्रयास करेगी. वैसे झाविमो ने राज्य के सभी 14 सीटों पर चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है. यथा संभव हुआ तो झाविमो जहां नहीं लड़ेगी वहां तीसरे मोरचा के प्रत्याशी को समर्थन देगी.
श्री मरांडी ने कहा कि 1977 में जनसंघ ने जेपी को समर्थन दिया था. 1989 में बीपी सिंह को बीजेपी ने समर्थन देकर सरकार बनायी. 1991 में नरसिम्हा राव व 1996 में आइ के गुजलार के नेतृत्व में कांग्रेस क्षेत्रीय दलों के साथ सरकार बनायी. 1998-99 में बीजेपी ने एनडीए से मिलकर सरकार बनायी. इस तरह जब-जब इन दोनों दलों को जनता ने नकारा तो क्षेत्रीय दलों का सहारा लिया.
श्री मरांडी ने कहा कि क्षेत्रीय दलों में भी नरेंद्र मोदी व राहुल गांधी के जैसे जनसमर्थन वाले नेता की कमी नहीं है. बीजेपी व कांग्रेस के नेता पूर्वजों की मेहनत पर राजनीति करते हैं. जबकि क्षेत्रीय दलों के नेता अपनी मेहनत से जनता तक पहुंची है. झारखंड में झाविमो को जनता लोकसभा चुनाव में एक तरफा समर्थन देगी. कमजोर सरकार से आतंकवाद पनपा: श्री मरांडी ने कहा कि 2003 के बाद राज्य में कमजोर सरकार बनती रही. जिस कारण उग्रवाद, अपराध, अपहरण व आतंकवाद पनपा है. सरकार का कानून-व्यवस्था पर लगाम नहीं है.इस कारण झारखंड आतंकवादियों का सेफ जोन बन गया है.
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे द्वारा कोलगेट में शिबू सोरेन के शामिल होने की बात पर श्री मरांडी ने कहा कि कोलगेट में कांग्रेस व बीजेपी दोनों की भूमिका है. पहले बीजेपी ने इसमें घोटाले की छूट दी. इसके बाद कांग्रेस व उनके सहयोगियों ने इस लूट में साथ दिया. इसलिए भाजपा अब केवल राजनीतिक लाभ के लिए एक-दूसरे पर बयानबाजी करती है.