मुहर्रम का जुलूस 14 को
रांची: मुहर्रम का मुख्य अखाड़ा 14 नवंबर को निकलेगा. वहीं इस वर्ष मुहर्रम का जुलूस 15 की जगह 14 नवंबर को निकाला जायेगा. ऐसा फैसला पंद्रह नवंबर को गुरुपर्व की शोभायात्र, राज्य स्थापना दिवस व जुमा पड़ने के कारण लिया गया है. पंद्रह नवंबर को गुरु पर्व की शोभा यात्र के समापन के बाद शाम […]
रांची: मुहर्रम का मुख्य अखाड़ा 14 नवंबर को निकलेगा. वहीं इस वर्ष मुहर्रम का जुलूस 15 की जगह 14 नवंबर को निकाला जायेगा. ऐसा फैसला पंद्रह नवंबर को गुरुपर्व की शोभायात्र, राज्य स्थापना दिवस व जुमा पड़ने के कारण लिया गया है.
पंद्रह नवंबर को गुरु पर्व की शोभा यात्र के समापन के बाद शाम सात बजे से अपने-अपने अखाड़ों से जुलूस निकलेगा जो अपने-अपने इलाकों में गश्त करते हुए कर्बला तक जायेगा. यह निर्णय सेंट्रल मुहर्रम कमेटी की बैठक में लिया गया है. सभी जुलूस अपने-अपने अखाड़े से चौदह को सुबह नौ बजे निकल जायेंगे.जो विभिन्न इलाकों से होते हुए महावीर चौक,गांधी चौक होते हुए वापस अपने-अपने अखाड़े में लौट जायेंगे.
महासचिव अकीलुर्रहमान ने कहा कि पंद्रह नवंबर को शाम में सात बजे गुरु नानक देव जी की निकलनेवाली शोभा यात्र के समापन के बाद पहलाम का जुलूस निकलेगा. जो मेन रोड उर्दू लाइब्रेरी होते हुए लेक रोड जायेगा.जहां तीनों अखाड़ों के मिलन के साथ सभी अखाड़े मेन रोड होते हुए उर्दू लाइब्रेरी रोड होकर अपने-अपने कर्बला में जायेंगे, जहां नियाज फातिया के साथ इसका समापन होगा.बैठक में तीनों अखाड़ों के खलीफा सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे.बैठक की अध्यक्षता गुल मोहम्मद गद्दी ने की.धन्यवाद ज्ञापन महजूद ने किया.
उधर डोरंडा सेंट्रल मुहर्रम कमेटी की ओर से भी मुहर्रम का जुलूस पंद्रह की जगह चौदह को निकालने का फैसला लिया गया. बैठक में अध्यक्ष अशरफ अंसारी,सांसद सुबोधकांत सहाय व अन्य सदस्य उपस्थित थे. रविवार को उर्द लाइब्रेरी परिसर में एक बैठक होगी.जिसमें सभी मोहल्ले के खलीफाओं को उपस्थित रहने का आग्रह किया गया है.
मुहर्रम में तीनों अखाड़ों का जुलूस निकलेगा
मुहर्रम में इस वर्ष तीनों अखाड़ों का जुलूस निकलेगा.आपस में जुलूस को लेकर चल रहे विवाद को समाप्त कर लिया गया है. विवाद को दूर करने के लिए अंजुमन इस्लामिया परिसर में अंजुमन के अध्यक्ष इबरार अहमद,महासचिव मोख्तार अहमद सहित अन्य सदस्यों की उपस्थित में बैठक हुई.बैठक में तीनों अखाड़ों के खलीफा शामिल हुए. बैठक में सर्वसम्मति से यह फैसला लिया गया कि सारे पुराने विवाद को समाप्त कर पूर्व की तरह तीनों अखाड़ों का जुलूस एक साथ निकलेगा.
इसमें सबसे पहले धौताल अखाड़ा का,उसके बाद लीलू अली व अंतिम में इमाम बख्श अखाड़ा का जुलूस रहेगा.बैठक में धौताल अखाड़ा के खलीफा मंसूर गद्दी, इमाम बख्श के खलीफा सईद व लीलू अली अखाड़ा के खलीफा मतीउर्रहमान नेहरू, अंजुमन के उपाध्यक्ष नेजामुद्दीन जुबैरी,सचिव नौशाद,कार्यकारिणी सदस्य शाहिद अख्तर, नकीब,नसीम गद्दी, हाजी बेलाल कुरैशी,जबीउल्लाह,शेख उमर,शाहिद,फजल करीम,गुलफाम मोजिबी, एनामुल हक,नसीर अफसर,साहब अली, हाजी इदरीस कुरैशी,हाजी जुबैर,हाजी रउफ गद्दी, शम्स कमर लड्डन,अब्दुल सलाम, अफान, इम्तियाज अशरफ सहित अन्य उपस्थित थे.